आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय में पहला पंचगव्य पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम का शुभारंभ
गो अभयारण्य/14 मई, “लक्ष्य पर्यावरण एवं जनकल्याण संस्था” के अंतर्गत चलाई जा रही गौशाला *गौ संवर्द्धन आश्रम, मोकलावास* के प्रकल्पों की प्रामाणिकता, विश्वसनीयता, शुचिता को बहुत गहरे से साबित करती है। आगे चलकर *मिल का पत्थर* भी साबित होगा जिसके साक्ष्य बने है राजस्थान के राज्यपाल महामहिम श्रीमान हरिभाऊ जी बागड़े जिन्होंने अपने करकमलों से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के संयुक्त शुरू होने वाले देश के प्रथम और अपने आप में सबसे अलग गौ आधारित *पंचगव्य चिकित्सा* पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम का विमोचन किया गया। देश में पहली बार पंचगव्य चिकित्सा आधारित पाठ्यक्रम से छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अभिनव पाठ्यक्रम के माध्यम से पंचगव्य चिकित्सा की वैज्ञानिक, व्यावहारिक एवं पारंपरिक विधाओं का गहन अध्ययन कराया जाएगा। देश में स्वदेशी चिकित्सा पद्धति को नया आयाम मिलेगा और पंचगव्य चिकित्सा को एक वैज्ञानिक और व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करेगा।
इस विमोचन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय श्री प्रदीप कुमार जी प्रजापति, संस्था के अध्यक्ष श्री नंदलाल जी भाटी, सचिव श्री राकेश जी निहाल और प्रोफेसर डॉ श्री चंद्रभान जी जयपुर में राज्यपाल कार्यालय में उपस्थित रहे। राज्यपाल साहब ने अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बीच बहुत अच्छा समय दिया और हमारे प्रकल्पों को अच्छे सुना और सहृदय से सराहना की।
आप सबको विदित रहे कि *पंचगव्य चिकित्सा* के इस नए पाठ्यक्रम से पूर्व हमारी संस्था ने इसी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर 6माह के डिप्लोमा कोर्स *स्वावलंबी चिकित्सा* का भी एक सेशन हाल ही में सफलता पूर्वक संचालित किया जा चुका है।
पंचगव्य चिकित्सा को स्थापित करने की दिशा में यह पाठ्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है, निश्चित इसके माध्यम से भारत में एक अद्भुत कार्य होने जा रहा है जो प्रमाणिक रूप से गौ माता के गव्यों की महत्वता को स्थापित करेगा।