रिपोर्टर अवधेश चौकसे
नेताजी क्या नहीं है काम करने का इरादा,, क्यों भूल गए बो बोट और वो वादा
गाडरवारा के झामर-देवरी सड़क नहीं बनी 10 साल में: सांसद-विधायक वादे भूल गए, ग्रामीणों ने दिया आंदोलन का अल्टीमेटम
सालीचौका।गाडरवारा विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत देवरी से झामर तक की महज 2 किलोमीटर सड़क बीते दस वर्षों में भी नहीं बन पाई। ग्रामीणों की बार-बार की गुहार, ज्ञापन, आवेदन, धरने और जनप्रतिनिधियों से मिले आश्वासनों के बाद भी अब तक केवल वादों की घुट्टी पिलाई गई है।
नर्मदापुरम सांसद और गाडरवारा विधायक के चुनाव के समय किए गए वादे अब केवल चुनावी भाषणों तक सीमित होकर रह गए हैं। सड़क की बदहाली के चलते गांव के लोग कीचड़ और गड्ढों में चलने को मजबूर हैं, बच्चों को स्कूल पहुँचाने के लिए कंधों पर उठाना पड़ता है और बरसात के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं।
चुनावी वादे… और फिर भूले नेता
चुनाव के दौरान नेताजी ने गांव-गांव घूमकर वोट मांगे थे और ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि वे देवरी-झामर की सड़क का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर करवाएंगे। लेकिन चुनाव जीतने के बाद अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामीणों का कहना है, कि उन्होंने सांसद को दोनों बूथों से जीत दिलाई, लेकिन आज तक सांसद और विधायक ने मुड़कर भी नहीं देखा। सड़क की हालत यह है कि जगह-जगह दो-दो फीट गहरे गड्ढे हैं, जिनसे गुजरना ग्रामीणों के लिए दुश्वार हो गया है।
पुरानी यादें: जब 171 दिन चला था धरना
गौरतलब है कि इससे पहले भी बारहाबड़ा से झामर सड़क के डामरीकरण के लिए किसान सभा ने 171 दिन तक अनिश्चितकालीन धरना दिया था। तभी जाकर शासन-प्रशासन की नींद टूटी और पक्की सड़क बनी। अब ग्रामीणों को फिर उसी रास्ते की ओर बढ़ना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का सात दिन का अल्टीमेटम
गांव के छोटेवीर राय, यादुराज पटेल सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के चार महीने उनकी जिंदगी में भारी मुसीबतें लेकर आते हैं। अगर कोई बीमार हो जाए तो चारपाई पर उठाकर ले जाना पड़ता है।
ग्रामीणों ने चेताया है कि यदि 7 दिनों के भीतर सड़क का काम शुरू नहीं हुआ तो वे एसडीएम कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की होगी।
महिलाओं में गुस्सा: वोट के बाद नेता गायब
ग्राम की महिलाओं का भी कहना है कि चुनाव के समय नेता हर बार ‘सड़क जरूर बनवाएंगे’ का झांसा देते हैं, लेकिन जीतने के बाद कभी उनकी सुध नहीं ली जाती। सांसद और विधायक दोनों ही जनता के साथ किए गए अपने वादों को पूरा करने में असफल रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग:
1 तत्काल सड़क मरम्मत या निर्माण कार्य शुरू हो।
2 सांसद-विधायक द्वारा किए गए वादों को अमलीजामा पहनाया जाए।
3 भविष्य में ऐसी अनदेखी न हो।