स्वैच्छिकता के भाव में ही लोककल्याण समाहित है -श्री ई.सुनील कोठारी
मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद के स्थापना दिवस 4 जुलाई 2025 को कॉलेज ऑफ पी.एम. एक्सीलेंस शा.स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय नरसिंहपुर में आयोजित स्वैच्छिकता पर्व कार्यक्रम में मुख्यातिथि भारत विकास परिषद के रिजिनल प्रसीडेंट मध्यभारत ई.श्री सुनील कोठारी जी तथा विशिष्ट अतिथि स्वामी निरंजन गंगाधर पालिमन्कर जी,संचालक केरपानी शारदा आश्रम व गौशाला,वरिष्ठ समाज सेवी व ब्राइट लाइन सोसाइटी के डायरेक्टर श्री लक्ष्मीकांत धाकड़ जी तथा कॉलेज ऑफ पी.एम. एक्सीलेंस महाविद्यालय गणित विभागाध्यक्ष व साहित्यकार प्रो.डॉ. गणेश कुमार सोनी जी रहे।
कार्यक्रम का शुभाराम्भ माँ सरस्वती जी के चित्र के समक्ष दीपप्रज्जवलं पूजन तथा प्रेरणागीत व संगठन मंत्र से किया गया।
कार्यक्रम में अतिथि परिचय व स्वागत उपरान्त परिषद के माननीय अध्यक्ष एवं प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी तथा माननीय उपमुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा जी के संदेश का वाचन मुख्यातिथि द्वारा किया गया ततपश्चयात परिषद द्वारा तैयार लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना व परिषद की संरचना,कार्यप्रणाली,योजनाओं एवं उपलब्धियों पर पावर पॉइन्ट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिला समन्वयक श्री जयनारायण शर्मा द्वारा किया गया।स्वैच्छिकता की सभी सहभागियों को “शपथ”प्रो.डॉ.गणेश कुमार सोनी जी द्वारा दिलाई गई।कार्यक्रम में परिषद के माननीय उपाध्यक्ष महोदय श्री मोहन नागर जी का वर्चुअल उद्बोधन सुनाया गया।समाज में स्वैच्छिकता के भाव के प्रोत्साहन हेतु प्रेरक उद्बोधन में कार्यक्रम के मुख्यातिथि ई.श्री सुनील कोठारी जी ने विश्व बंधुत्व की भावना के प्रगटीकरण व मनन-चिन्तन में स्वैच्छिकता का भाव सर्वोपरि है उन्होंने बताया कि स्वैच्छिकता के भाव में ही लोककल्याण समाहित है जिसके लिए मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद निरन्तर समाज जीवन में कार्य कर रही है जिसके लिए परिषद के सभी अधिकारी/कर्मचारी व मैदानी कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं,उन्होंने सभी को अपनी ओर से शुभकामनाएँ दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री लक्ष्मीकांत धाकड़ जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि स्वैच्छिकता के भाव से ही लोगों की अथवा समाज व राष्ट्र में व्याप्त चुनौतियों,कठिनाईयों,समस्याओं तथा कुरीतियों के निवारण हेतु कार्य किये जाते हैं वर्तमान समय में और ज्यादा प्रभावी व जबाबदेही तथा पारदर्शिता के साथ समाज का विश्वास जीतकर लोगों की सहभागिता सुनिश्चित कराते हुए कार्य करने की आवश्यकता है।परिषद द्वारा जल गङ्गा संबर्द्धन अभियान अन्तर्गत किये गए जिले में कार्यों की सराहना की।
विशिष्ट अतिथि स्वामी निरंजन गंगाधर पालिमन्कर जी महाराज ने अपने उद्बोधन में बताया कि आज गौ संरक्षण व सम्बर्धन के साथ पर्यावरण संरक्षण जैसे जल संचय व उसका सम्बर्धन के कार्य करने की नितांत आवश्यकता है परिषद के मैदानी अमले के द्वारा”एक पेड़ माँ के नाम”अभियान चलाकर पौधारोपण का कार्य किया जाना है जिसके लिए परिषद परिवार को अग्रिम शुभकामनाएँ।
कार्यक्रम में प्रो.डॉ. गणेश कुमार सोनी जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि स्वैच्छिकता के भाव से लोग व्यक्तिगत स्तर पर, पारिवारिक स्तर पर तथा सामुदायिक व संगठन बनाकर कार्य किये जा रहे है जिसमें कार्यकर्ता को मान रहित होकर समता का भाव निरहंकारी हो कर किये जाते हैं जिसकी फलश्रुति सुखदाई व प्रभावकारी होती है परिषद के कार्य निश्चित रूप में स्वैच्छिक जगत में एक अलग पहचान कायम की है जिसकी आज के समय में आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संचालन विकासखण्ड समन्वयक गोटेगांव श्री प्रतीक दुबे जी ने किया तथा आभार विकासखण्ड समन्वयक चीचली सुश्री स्मिता दांडे जी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में जल गङ्गा सम्बर्धन अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मंच से प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में “एक पेड़ माँ के नाम अभियान”अन्तर्गत पी.जी.कॉलेज परिसर में अतिथियों व कार्यकर्ताओं द्वारा पौधारोपण किया गया।
कार्यक्रम में परिषद के जिला विकासखण्ड समन्वयकों सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं,स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं परिषद की नवांकुर संस्थाओं,ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों के प्रतिनिधि तथा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के परामर्शदाता व छात्र-छात्राओं सहित गणमान्यजनों की सहभागिता रही।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत”वन्देमातरम”से किया गया।