जितेन्द दुबे,शाहनगर
मारिच बना स्वर्ण म्रग, रावण ने किया सीता हरण
शाहनगर नि . प्र । भगवान राम के विभिन्न प्रसंगों का मनमोहक मंचन शाहनगर के टिकरिया में रामलीला के माध्यम से किया जा रहा है । जहां बुधवार को सूर्पनखा का नासिक छेदन , खर-दूषण बध , और मारिच का स्वर्ण म्रग बनकर सीता के सामने आना और सीता हरण व बाली-सुग्रीव का युद्ध का मंचन टिकरिया के स्थानीय कलाकारों के द्वारा किया गया। पंडाल में महिला दर्शकों की जमकर भीड़ नजर आई। बुधवार को सूर्पणखा का नासिक छेदन से रामलीला मंचन की शुरुआत हुई। इसके बाद खरदूषण वध, सीता हरण व श्री राम सुग्रीव मित्रता , बालि वध का आकर्षक मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रामलीला में सोने का मृग देख सीता जी ने उसे पाने की जिद की तो भगवान राम ने मृग का पीछा किया। माया रूपी मृग भगवान राम को जंगल की ओर दूर लेकर चला गया। हाय राम-हाय राम की आवाज सुन सीता जी परेशान हो गईं। कहा कि मेरे राम संकट में हैं। उनकी मदद के लिए सीता जी ने लक्ष्मण को भेजा। लक्ष्मण ने जाते समय उन्होंने कुटी के चारों ओर तीर से रेखा खींच दी और माता सीता से उसके पार न जाने को कहा। लक्ष्मण को जाते ही रावण ब्राह्मण का वेश में पहुंचा और भिक्षा के बहाने उनका हरण कर लिया। राम व लक्ष्मण व सीता की खोज में वन-वन भटकते व विलाप करते किष्किन्धा पर्वत पहुंचे। यहां भगवान राम व हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई। दोनों का मिलाप देख दर्शक भावुक हो गए। हनुमान जी भगवान राम को सुग्रीव से मिलाएं। राम की मित्रता सुग्रीव से हुई। सुग्रीव ने अपनी सारी समस्या भगवान राम से बताया। इसके बाद बाली व सुग्रीव का युद्ध हुआ।कार्यक्रम में श्री राम की भुमिका में – बाबू व्यास लक्ष्मण – लालजी कुररिया सीताजी – प्रिंस और का सुन्दर मंचन रावण विकाश पाठक मंत्री – महाराज सिंह यादव जटायु – दीपक परोहा सूर्पनखा – प्रेम सिंह मारीच – सरमन लाल विश्वकर्मा ने सुन्दर अभिनय कर उपस्थित जन समुदाय का मन मोह लिया ।