जन्मदिन पर पूज्यजनों का आशीर्वाद और अपनों का स्नेह मिलना परम सौभाग्य है – राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल।
KamarRana
उदयपुरा/रायसेन_____ शुक्रवार को उदयपुरा से भाजपा विधायक और मध्यप्रदेश सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल का जन्मदिन था। सामान्यतः नागरिक अपने जन्मदिन को अनूठे अंदाज में मनाते हैं, लेकिन राज्यमंत्री पटेल ने अपना जन्मदिन धर्मकाज को समर्पित कर मनाया।
जन्मदिन पर वह पूरे दिन अपने क्षेत्र के मांगरोल पुलघाट स्थित नर्मदा मैया सेवा आश्रम में रहे। राज्यमंत्री ने सुबह पहले क्षेत्र के सभी ग्राम खेड़ापति और पुजारियों को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। जिसके पश्चात उन्होंने आश्रम में ही रहकर अपने क्षेत्र के नागरिकों की बधाई स्वीकारी। जहां एक ओर नरेन्द्र शिवाजी पटेल की लोकप्रियता के चलते आश्रम में दोप से देर शाम तक बधाई और शुभकामनाएँ देने वालों का सिलसिला लगातार जारी रहा।
वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी उनके जन्मदिन की धूम बरकरार रही। सोशल मीडिया पर श्री पटेल को मुख्यमंत्री मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सहित कई मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों, नेताओं और शुभचिंतकों ने शुभकामनाएँ दीं।
सोशल मीडिया पर मिली शुभकामनाओं पर श्री पटेल अपने हरफनमौला अंदाज में आभार प्रकट करते नजर आए। ज्ञात हो कि विगत वर्ष भी श्री पटेल ने आश्रम में विप्रजनों और ग्रामजनों के साथ रहकर जन्मदिन मनाया था।
मीडिया से संवाद करते हुए राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि – अपना जन्मदिवस हर किसी के लिए विशेष दिन होता है। इस दिन को वह या तो परिवारजनों के साथ या मित्रों के साथ मनाता है। मेरा तो हर दिन अपने क्षेत्रवासियों के लिए समर्पित है, चाहे फिर वह विशेष हो या सामान्य। और एक जनप्रतिनिधि के नाते क्षेत्र की जनता मेरा परिवार और विप्रजनों का का आशीर्वाद मेरे लिए सबसे बड़ा सौभाग्य है। इसलिए पिछले वर्ष से मैं अपना जन्मदिन आश्रम में रहकर खेड़ापति एवं पुजारियों के आशीर्वाद की छांव में क्षेत्रवासियों के बीच मनाता हूँ।
उन्होंने आगे कहा कि – हमारे तो ग्रंथ कहते हैं कि ‘बिनु हरि कृपा मिले नहीं संता’ तो हरि की कृपा से अगर पूज्य जनों का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है तो उससे भला क्यों अछूता रहूँ। क्षेत्र की जनता का मेरे ऊपर जो स्नेह है वह भी ईश्वरीय कृपा ही है। मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि जिस तरह विधानसभा परिवार के लोग निरंतर मुझे स्नेहाशीष देते हैं, मैं भी उनकी सेवा और सुविधा के कार्य सदैव करता रहूँ।