शासकीय/ अशासकीय संपत्तियों के विरूपण को रोकने के लिए सुरक्षा दस्ता
नरसिंपहुर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 9 अक्टूबर को विधानसभा निर्वाचन- 2023 की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। जिले में राजनैतिक पार्टियों तथा व्यक्तियों द्वारा जुलूस, जनसंपर्क, आम सभायें इत्यादि राजनैतिक गतिविधियां प्रारंभ हो रही हैं। शासकीय परिसम्पतियों को नारे, पम्पलेट एवं झण्डे आदि लगाकर विरूपित करने का प्रयास किया जा सकता है। विभिन्न व्यक्तियों / राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय/ अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाने की संभावना है, जिससे शासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। इस प्रवृति पर रोक लगाने के उद्देश्य से शासन द्वारा मप्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 पारित किया गया है। अधिनियम की धारा 3 में यह स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके, उसे विरूपित करेगा वह जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा। उक्त अधिनियम की धारा 4 के अनुसार इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।
मप्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 5 के अंतर्गत चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों आदि द्वारा उपरोक्तानुसार शासकीय/ अशासकीय संपत्तियों के विरूपण को रोकने के लिए जिले के प्रत्येक थाने में लोक संपति सुरक्षा दस्ता बनाने के लिए जिले के समस्त विधानसभा के रिटर्निंग आफीसर को आदेशित किया गया है।
इस दस्ते में सम्बंधित नगरपालिका परिषद नगर परिषद/ जनपद पंचायत के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नियुक्त रहेंगे। यह लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता सम्बंधित विधानसभा के रिटर्निंग आफीसर के सीधे नियंत्रण में कार्य करेगा। इस दस्ते को सहयोग देने के लिये और स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए संबंधित थाने के एक सहायक उपनिरीक्षक, पुलिस तहसील मुख्यालय के पटवारी को नियुक्त किया जाये। इस दस्ते को एक वाहन भी उपलब्ध कराया जाये, जिस पर लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता का बैनर लगा होना चाहिए। नगरपालिका क्षेत्रों में सम्बंधित नगरपालिका द्वारा तथा उससे भिन्न क्षेत्रों में सम्बंधित जनपद पंचायत द्वारा इस दस्ते को लोक संपत्ति को विरूपण से बचाने के लिये सभी आवश्यक सामग्री जैसे गेरू, चूना, कूची, बांस एवं सीढ़ी आदि उपलब्ध कराई जाये। यह लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता, निर्वाचन की समाप्ति तक सम्बंधित विधानसभा के रिटर्निंग आफीसर के सीधे नियंत्रण में अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिदिन भ्रमण करते हुए लोक संपत्तियों को विरूपित होने से रोकेगा।
यदि किसी व्यक्ति/ अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं सम्बंधित थाना प्रभारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में कार्यवाही हेतु प्रकरण प्रस्तुत करेगें ।
समस्त थाना प्रभारी लोक संपत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे। शिकायतों के सही पाये जाने पर लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ते को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित करेंगे। सम्बंधित थाना प्रभारी इस संबंध में की गयी कार्यवाही का प्रतिवेदन उनके क्षेत्र से सम्बंधित विधानसभा के रिटर्निंग आफीसर एवं अनुविभागीय पुलिस अधिकारी के समक्ष प्रतिदिन प्रस्तुत करेंगे, जो समीक्षा उपरान्त संकलित जानकारी अपर जिला दण्डाधिकारी नरसिंहपुर को भेजना सुनिश्चित करेंगे।
उक्त कार्य राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार संपादित करना सुनिश्चित किया जाये। इसके लिए अपर कलेक्टर एवं अपर जिला दण्डाधिकारी जिला स्तरीय नोडल अधिकारी होंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा एवं विधानसभा निर्वाचन 2023 संपन्न होने तक प्रभावशील रहेगा।