प्रशासन, न्याय पालिका एवं पुलिस व्यवस्था हर महिला के साथ- कलेक्टर श्रीमती पटले
“हम होंगे कामयाब” अभियान के तहत संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन
नरसिंहपुर। “हम होंगे कामयाब” अभियान के तहत कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले की अध्यक्षता और प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड श्रीमती अंकिता श्रीवास्तव की मौजूदगी में घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित किया गया।
कलेक्टर श्रीमती पटले ने समाज की कमियों को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे समाज में बच्चों को प्रारंभ से ही स्वाभिमान सिखाया जाता है। महिलाओं को यह समझना होगा कि उनका स्वाभिमान किसी भी स्थिति में खंडित नहीं होना चाहिये। घरेलू हिंसा के संदर्भ में महिलाओं को यह लक्ष्मण रेखा पता होना चाहिये कि कोई भी व्यक्ति उनके निजी दायरे को लांघने का प्रयास कब कर रहा है। ऐसे किसी भी प्रयास का मजबूती से विरोध करना चाहिये। प्रशासन, न्याय पालिका एवं पुलिस व्यवस्था हर महिला के साथ है। महिलाओं को भी खुद को भी खुद का साथ देना चाहिये। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण के कई अयाम है, जिसमें आर्थिक सशक्तिकरण पहली सीढ़ी है, जो महिलाओं की निर्भरता को समाप्त करती है। उन्होंने स्वाभिमान, स्वावलंबन, संघर्ष और सीमा निर्धारण पर विचार व्यक्त किये।
प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड श्रीमती अंकिता श्रीवास्तव ने अधिनियम के क्रियान्वयन की प्रक्रिया, महिलाओं के अधिकारों एवं प्रतिकार की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जैसे ही बालिकाओं ने घर से बाहर निकलना प्रारंभ किया, वैसे ही समाज में समस्यायें परिलक्षित होना प्रारंभ हुई हैं। महिलाओं को स्वावलंबी बनना चाहिये, जिससे किसी भी प्रकार की परिस्थिति का सामना किया जा सके। कानून में महिलाओं के अधिकार घर और बाहर दोनों जगह सुरक्षित किये गये हैं और हर महिला को अपने अधिकारों की सुरक्षा करनी चाहिये।
सीईओ जिला पंचायत श्री दलीप कुमार ने घरेलू हिंसा के सामाजिक करणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लड़कियों को सक्षम बनाने के कदम बढ़ाये गये हैं, तभी उनसे संबंधित समस्यायें सामने आई हैं। भारतीय समाज में घरेलू हिंसा का कारण पितृसतात्मक समाज, लड़कियों में अशिक्षा, महिलाओं की सहन करने की प्रवृत्ति और महिलाओं को स्वयं के अक्षम समझाना है। महिलाओं को सक्षम बनना होगा।
चीफ लीगल एंड डिफेंस काउंसिल श्री विष्णु श्रीवास्तव ने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की विभिन्न धाराओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं लैंगिक प्रकार की हो सकती हैं। हिंसा के किसी भी प्रकार का सामना करने के लिए अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने घरेलू हिंसा अधिनियम का परिचय दिया। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर नरसिहपुर से प्राप्त प्रकरणों एवं उनके निराकरण के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला में उपस्थित घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं को रोजगारोन्मुखी योजनाओं से अवगत कराया।
कार्यक्रम का संचालन बाल संरक्षण अधिकारी श्री सौनिध्य सराठे एवं आभार सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास श्री राधेश्याम वर्मा ने व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रशासन वन स्टॉप सेंटर एवं उनका स्टॉफ, जिला बाल संरक्षण इकाई, सेक्टर सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शौर्यादल के सदस्य और घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलायें मौजूद थी।