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January 23, 2025
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बोहानी,शटल गाड़ी चालू होने के इंतजार में आज भी यात्री परेशान, आख़िर कब होगी शटल ट्रेन चालू, क्षेत्र में राजकोट स्टॉपेज ट्रेन की उठी मांग, किसने क्या कहा पढ़िए पूरी खबर विस्तार से 

रिपोर्टर सना खान 

शटल गाड़ी चालू होने के इंतजार में आज भी यात्री परेशान, आख़िर कब होगी शटल ट्रेन चालू,

 

क्षेत्र में राजकोट स्टॉपेज ट्रेन की उठी मांग,

किसने क्या कहा पढ़िए पूरी खबर विस्तार से 

कोरोना काल को बीते साल भर से ऊपर हो गया है फिर भी रेल जोनों में रेलवे की लगभग सभी ट्रेन नियमित रूप से चलने लगी हैं, लेकिन काफी लंबा समय बीत जाने पर भी जबलपुर रेल मार्ग में चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों शटल पैसेजर का संचालन प्रारंभ ही नहीं हो पाया कोरोना बीमारी के नाम पर इन्हें गायब ही कर गया है। जिसका खामियाजा नरसिंहपुर जिले के करेली बेलखेड़ी, बोहानी, सालीचीका जैसे छोटे स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्री भुगत रहे हैं। दोनों पर 10-12 घंटों के बाद एक दो ट्रेन ही है। जबकि जिले बड़े स्टेशनों पर 45-47 दोनों ट्रैकों पर रोज रुकती है, लेकिन छोटे नों की सहारा शटल और फास्ट पैसेजर गायब र दी गई। उसकी जगह एक सात-आठ डिब्बों ट्रेन को चालू कर दिया गया जिसमें न तो की ही पर्याप्त व्यवस्था है और न ही इतने की उसमें सुगमता से यात्रा हो सके।*

बिलासपुर इटारसी की ओर मात्रा करने वाले प्रभावित

स्टेशनों पर पैसेंजर और शटल ट्रेन ही गरीब मध्यम वर्ग का सबसे बड़ा सहारा थीं। दोपहर लने वाली इलाहाबाद- इटारसी पैसेंजर का बदलने के कारण जबलपुर और इटारसी यात्रा करने के लिए दोपहर में कोई ट्रेन उपलब्ध राती पैसेंजर और शटल न चलने से गरीब, बीमार वृद्ध रोज माल खरीद कर व्यापार वाले व्यापारी हर वर्ग परेशान है।

दोपहर में गाडरवारा, करेली से भी जबलपुर के लिए ट्रेन नहीं

गाडरवारा, करेली स्टेशनों पर रुकने वाली जनता, सोमनाथ एक्सप्रेस में डाउन ट्रैक पर समय में बदलाव के कारण ब दोपहर में जबलपुर की यात्र करने वाले यात्रियों के लिए कोई ट्रेन अब उपलब्ध नहीं है। इन स्टेशनों पर भी सन्नाटा पतरा रहता है। 27 जून से चलने वाली व भारत एक्सप्रेस भी जिलेवासियों के लिए को री है, नरसिंहपुर के अलाव अन्य स्टेशने पर इसका स्टॉप नहीं है। इसके साथ जबलपुर रेल मंडल यदि सुबह शटल और दोपहर में पैसेंजर चालू कर दे तो इसका लाभ जिले के करकबेल, बौहान, सलीका नोड़ी सहित हर स्टेशन और सभी यात्रियों को मिलने लगेगा।शटल, फास्ट पेसेंजर न चलने से गरीब व मध्यम वर्ग को हो रही परेशानी छोटे स्टेशनों का व्यापार व्यवसाय प्रभावित हो रहा है।सुविधाविहीन हैं बोहानी जैसे छोटे स्टेशन।कोरोना के बाद रेल ट्रैक से गायब पैंसेजर ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्री।बोहानी स्टेशन पर तीनों हैंडपंप खराब हो चुके है। यात्रियों के लिए स्वच्छ पेयजल का कोई विकल्प नहीं है, जगह-जगह से रेलिंग टूटी हुई है जिससे जानवरों के घुसने से दुर्घटना का भय बना रहता है. दोनो तरफ प्लेट पर छायादार हेड भी नही है जिससे गर्मी बस में यात्री से खड़े हो सके। सीमेंट की कुर्सिया भी कई जगह टूट- फूट गयी है, डाउन ट्रैक पर सोचालय भी उपलब्ध नहीं है। बोहनी स्टेशन से 45-50 गांव के यात्री रोज अपनी यात्रा करते है जो इन समस्यों से रोज रूबरू होते हैं!

इनका कहना है

शटल पैसेंजर ट्रेन क्षेत्र की जीवन धारा है जिनसे हर वर्ग का व्यक्ति यात्रा करता है, इनके समय पर न चलने से हर वर्ग प्रभावित है, व्यापार पर मैं इसका व्यापक असर पड़ रहा है।

पंकज शर्मा समाजसेवी हर्रई

गरीब और मजदूर शटल और फास्ट पैसेजर जैसी टेनों से अपना अधिकतर सफर तय करता था। इनके चलने से यात्रा का और समय दोनों की बचत होती है।

प्रभात नगपुरिया सरपंच सिहोरा

इस विषय में हम लोग जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार का जल्द से जल्द इस और ध्यान देना चाइए जिससे एक बड़ी विधानसभा की एक मात्र स्टेशन से क्षेत्र के लोगो को लाभ मिल सके।।

चौ. देवेन्द्र प्रताप सिंह प्रतिनिधि खुलरी

शटल को पुनः चालू किया जाना चाहिए, क्योंकि मेमू देव में डिब्बे और जगह दोनों की कमी है। वृद्ध और मरीजों को मेमू ट्रेन में जगह मिलन मुश्किल होती है।

लोकेश पांडेय, ऑटो चालक, खुलरी

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