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April 27, 2024
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेलवे इन्फ्रा परियोजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण पर प्रधानमंत्री का संबोधन

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेलवे इन्फ्रा परियोजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण पर प्रधानमंत्री का संबोधन

PM addressing at the laying of foundation stone, inauguration & dedication of railway infra projects via video conferencing on February 26, 2024.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेलवे इन्फ्रा परियोजनाओं के शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण पर प्रधानमंत्री का संबोधन

नमस्कार

आज का ये कार्यक्रम, नए भारत की नई कार्य संस्कृति का प्रतीक है। आज भारत जो करता है, विपरीत गति से करता है। आज भारत जो करता है, अपक्षयी परिदृश्य से करता है। आज के भारत ने छोटे-छोटे सपने देखना छोड़ दिया है। हम बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए दिन रात एक कर देते हैं। यही संकल्प विकसित भारत-स्तरीय रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है। मैं इस कार्यक्रम में यूनेस्को से जुड़े सभी साथियों का अभिनंदन करता हूं। हमारे साथ 500 से अधिक रेलवे रेलवे और हजारों से अधिक जगह से लाखों लोग जुड़े हुए हैं। अलग-अलग राज्यों के प्रमुख राज्यपाल श्री, प्रमुख मुख्यमंत्री गण, केंद्र और राज्य के गणतंत्र के मंत्री गण, अल्पसंख्यकगण-विधायकगण और स्थानीय गणतंत्र, धार्मिक नागरिक, पद्म पुरस्कार जैसे सम्मान मिलते हैं ऐसे वृद्ध महानुभाव, भारत के महत्वपूर्ण लोग, अपनी जवानी खापने वाले हमारे स्वतंत्र सेनानी फ्रीडम फाइटर और हमारी भावी पीढ़ी, युवा साथी भी आज हमारे साथ हैं।

 

आप सभी की उपस्थिति में आज एक रेलवे से जुड़ी 2000 से अधिक की टेलीकॉम का डॉक्युमेंट और आर्किटेक्चर हुआ है। अभी तो इस सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत जून महीने से होने वाली है। अभी से जिस स्कैन पर काम शुरू हो गया है, जिस स्पीड पर काम शुरू हो गया है, वो बोसोक हराट में स्थापित किया गया है। कुछ दिन पहले मैंने जम्मू से एक साथ आईआईटी-आईआईएम जैसे बड़े शिक्षा अभिनेता का फिल्मांकन किया था। कल ही मैंने राजकोट से एक साथ 5 एम्स और कई मेडिकल कलाकारों का किरदार निभाया था। और अब आज का ये कार्यक्रम है, आज 27 राज्यों के, करीब 300 से अधिक स्कॉटलैंड में, डेढ़ 500 से अधिक रेलवे के स्वदेशी का सिद्धांत हुआ है। आज यूपी के जिस एसोसिएट नगर रेलवे स्टेशन का रहस्य हुआ है, वो विध्वंसक दिखता है। इसमें आज के अलावा 1500 से अधिक मेन रोड, ओवरब्रिज, अंडरपास इसके देवता भी शामिल हैं। 40 हजार करोड़ रुपए की ये मूर्तियां, एक साथ जमीन पर उतर रही हैं। कुछ महीने पहले ही हमने अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरुआत की थी। तब भी 500 से अधिक स्टेशनों के आधुनिकीकरण पर काम शुरू हुआ था। अब ये प्रोग्राम इसे और आगे बढ़ा रहा है। ये अनुयायी हैं कि भारत की प्रगति रेल किस गति से आगे बढ़ रही है। मैं देश के विभिन्न राज्यों को, वहां के सभी मेरे नागरिक भाईयों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

 

साथियों,

 

मैं आज विशेष रूप से अपने युवा साथियों को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। मोदी जब विकसित भारत की बात करते हैं, तो इसके सूत्रधार और सबसे बड़े अतिथि, देश के युवा ही हैं। आज की इन गैजेट्स से देश के लाखों लाखों लोगों को रोजगार और सीट के नए अवसर मिलेंगे। आज रेलवे का जो ये दिखावा हो रहा है, ये उन साथियों को भी फायदा चाहता है, जो स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। ये बच्चे भी बहुत काम आते हैं, जो 30-35 साल से कम उम्र के हैं। विकसित भारत, युवाओं के सपनों का भारत है। इसलिए विकसित हुआ भारत कैसा होगा, ये तय करने का सबसे ज्यादा हक वो भी है। मुझे संतोष ने बताया कि किस तरह से यूनेस्को के हजारों छात्रों ने अलग-अलग प्लेटफॉर्मों के माध्यम से विकसित भारत के रेलवे का सपना सामने रखा। इनमें से कई युवा साथियों को पुरस्कार भी मिले हैं। मैं आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं देश के हर समुद्र तट को चाहता हूं कि आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। आपका सपना, आपकी मेहनत और मोदी का संकल्प, यही विकसित भारत की मंशा है।

 

साथियों,

 

मुझे ख़ुशी है कि ये जो अमृत-भारत स्टेशन हैं, विरासत और विकास, दोनों का प्रतीक हैं। जैसे कि ओडिशा के बालेश्वर रेलवे स्टेशन को भगवान जगन्नाथ मंदिर की थीम पर डिजाइन किया गया है। औरंगाबाद के रंगपो रेलवे स्टेशन पर आप लोगों पर स्थानीय वास्तुकला का प्रभाव पड़ता है। राजस्थान का सांगानेर रेलवे स्टेशन, 16वीं सदी के हैंड-ब्लॉक प्रिंट का नमूना है। तमिलनाडु के कुंभकोणम स्टेशन का डिज़ाइन चोल काल की वास्तुकला पर आधारित है। पुणे रेलवे स्टेशन, मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरणा मिलती है। गुजरात में द्वारका का स्टेशन, द्वारकामंदिर से मिली प्रेरणा। बैटरी सिटी स्टेशन का रेलवे स्टेशन, इसके लिए ही समर्पित किया जाएगा। यानी अमृत भारत स्टेशन, उस शहर की सुविधा से दुनिया को नामांकित किया गया। इन मेडिसीन के निर्माण में उद्यमियों और बुजुर्गों को उनकी सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।

 

साथियों,

 

10 साल में हम सभी ने एक नया भारत प्लॉट देखा है। और रेलवे में तो बदलाव सुनिश्चित हम अपनी आंखों के सामने देख रहे हैं। जिनके बारे में हमारे देश के लोगों ने कल्पना की थी, लोगों को लगता था कि काश भारत में ऐसा होता है, लेकिन अब देखिए जो कभी आपको याद आया आज हमारी नजर उस पर पड़ी। एक दशक पहले तक, वंदे भारत जैसा आधुनिक, सेमी-हाई पर्यटक आकर्षण के बारे में कभी सोचा था, सुना था, किसी सरकार ने कभी बोला भी था। एक दशक पहले तक अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेन की कल्पना बहुत मुश्किल थी। एक दशक पहले तक नमो भारत जैसी शानदार रेल सेवा के बारे में किसी ने कभी नहीं सोचा था। एक दशक पहले तक, विश्वास ही नहीं था कि भारतीय रेल इतनी तेज़ गति से बिजली बनाएगी। एक दशक पहले तक ट्रेन में स्वच्छता, स्टेशन पर सफाई, ये तो बहुत बड़ी बात मानी जाती थी। आज ये सभी स्टार्स की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। एक दशक पहले तक, मानवरहित पुरुषों की भारतीय रेल की एक पहचान बन चुकी थी, एक आम तस्वीर थी। आज ओवरब्रिज, अंडरब्रिज से बे-रोकटोक और कैज़ुअल्टी अवशेष सुनिश्चित हुए हैं। एक दशक पहले तक लोगों का मानना ​​था कि एयरपोर्ट पर आधुनिक सुविधाएं सिर्फ यात्रियों के लिए ही हैं। आज गरीब और मध्यम वर्ग के लोग रेलवे स्टेशन पर भी हवाई अड्डे पर जैसी सुविधा है ना वो सुविधा रेलवे में यात्रा करने वाला मेरा गरीब भाई-बहन भी उसका लाभ ले रहा है।

 

साथियों,

 

दशकों तक रेलवे को हमारे यहां की पूरी राजनीति का शिकार बनाया गया। लेकिन अब भारतीय रेलवे, देशवासियों के लिए Ease of Travel का मुख्य आधार बन रही है। जिस रेलवे के हमेशा से ही फ्लोरिडा में होने का रोना रोया था, आज वो रेलवे परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है। ये सब कुछ आज इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत 11वें नंबर से 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बनी है। 10 साल पहले जब हम 11वें नंबर पर थे, तब रेलवे का औसत बजट 45 हजार करोड़ रुपए के आसपास रहता था। आज जब हम 5वें नंबर की आर्थिक ताकत रखते हैं, तो इस साल का रेल बजट, बिजली लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। आपने कल्पना की है, जब हम दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति लेंगे, तो हमारी संख्या कितनी अधिक होगी। इसलिए मोदी भारत को जल्द से जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जी-जान सेलेक्ट करने वाली कंपनी बन गई।

 

लेकिन साथियो,

 

आपको एक और बात ध्यान रखनी है। नदी-नहर में पानी की कमी क्यों न हो, अगर मेढ़ टूटी हुई हो तो किसान के खेत तक बहुत कम पानी जमा होगा। इसी तरह का बजट कितना भी बड़ा हो, अगर घोटाला कायम रहे, गलत हो रहा है, तो जमीन पर उस बजट का असर कभी नहीं दिखेगा। 10 साल में हमने बड़े-बड़े घोटालों को, सरकारी पैसों की लूट को अंजाम दिया है। इसलिए 10 साल में नई रेलवे लाइन मार्केट की गति बनी रही। आज जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक, ऐसे स्थान तक भी भारतीय रेल पहुंच रही है, जहां लोगों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। सत्यता से काम हुआ, मुख्यतः हज़ार किमी से अधिक के डेडिकेटेड फ्रेट प्लगइन का काम हुआ। यानी आपने टैक्स के रूप में, टिकट के रूप में जिसने पैसा दिया, उसकी पाई-पाई आज रेल यात्रियों के हित में ही लग रही है। भारत सरकार पर हर रेल टिकट की संख्या लगभग 50 प्रतिशत है।

 

साथियों,

 

जैसे बैंक में जमा पैसे पर रुचि है, वैसे ही चित्र पर लगी हर पाई से कमाई के नए साधन बने हैं, नए रोजगार बने हैं। जब नई रेल लाइन बिछड़ती है तो मजदूर से लेकर इंजीनियर तक कई लोगों को रोजगार मिलता है। कच्चे, स्टील, अनोखे जैसे कई विशालकाय, स्टैनियन में नए डायनासोर की मूर्तियां हैं। यानि आज जो ये लाखों करोड़ रुपयों का निवेश हो रहा है, ये हजारों प्रकार के रोजगार का भी उद्देश्य है। जब स्टेशन बड़े होंगे आधुनिक और होंगे, अधिक रेल गाड़ियाँ, अधिकांश लोग आएंगे, तो आसपास रेहड़ी-पटरी वालों को भी इससे लाभ होगा। हमारी रेल, छोटे किसान, छोटे कलाकार, हमारे श्रमिक भाई-बहनों के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने वाली है। इसके लिए वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के तहत स्टेशनों पर विशेष चित्र बनाए गए हैं। हम रेलवे इंडस्ट्रीज़ पर हजारों स्टॉल लगाकर अपने उत्पाद बेचने में भी मदद कर रहे हैं।

 

साथियों,

 

भारतीय रेल यात्रियों की सुविधा ही नहीं है, बल्कि देश की खेती और औद्योगिक प्रगति का सबसे बड़ा वाहक है। रेल की गति तेज़ होगी, तो समय बचेगा। इससे दूध, मछली, फल, सब्जी, ऐसे कई उत्पादन तेजी से बाजार तक पहुंच जाएंगे। इससे संबंधित सामान की कीमत भी कम होगी। इससे मेक इन इंडिया को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी। आज पूरी दुनिया में भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक माना जा रहा है। इसका एक बड़ा कारण ये आधुनिक ग्राफिक्स भी है। आने वाले 5 साल में जब ये हजारों स्टेशन आधुनिक हो जाएंगे, भारतीय रेल की क्षमता बढ़ेगी, तो निवेश की एक और बहुत बड़ी क्रांति आएगी। भारतीय रेल को अपने प्रस्ताव के इस अभियान के लिए मैं एक बार फिर अनेक-अनेक शुभकामनाएँ देता हूँ। और सभी देशवासियों को भी एक साथ इतना बड़ा प्रोग्राम का हिस्सा, एक ही प्रोग्राम में लाखों लोगों का जुड़ना, सभी भारतीयों का समय हासिल करना, गर्वनर श्री का समय हासिल करना, ये अपने आप में आज का ये प्रोग्राम लाखों लोगों का जुड़ना की नई संस्कृति को लेकर के आया है। मैं प्रमाणित करता हूं कि यह रचना बहुत ही उत्तम प्रकार की है, आज के कार्यक्रम की रचना बनी हुई है। आगे भी हम इसी प्रकार से समय का सबसे अच्छा उपयोग करते हुए विकास की गति को एक साथ दिशाओं में तेजी से लाएंगे, ये आज हमने देखा है। आपको भी मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

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