ऋषि कृषि (गो आधारित कृषि) प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ
सुसनेर/ 09 अप्रैल, मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव में भारत सरकार द्वारा गठित कामधेनु गो आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर वल्लभ भाई कथेरिया के मुख्य आतिथ्य में त्रि दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ ।
डॉ बल्लभ भाई कथारिया ने कहा कि गौ अभयारण्य सालरिया में आकर ही गाय माता की पवित्रता को हम समझ सकते हैं । हमें अब नई क्रांति की पहल की जरूरत है और वह होगी गोबर क्रांति । उन्होंने बताया कि मैं किसान का बेटा हु मे भी गाय माता के बीच में पला बढ़ा हु और गाय माता का खूब घी दूध पिया है इसलिए हमें गाय माता की महिमा का पता है।उस जमाने में हम सुबह के उजाले होते ही खेत में पहुंच जाते थे। और खेती के कार्य में जुट जाते थे उस समय उनकी उपयोगिता क्या थी हमें पता है लेकिन आज मशीनी कृषि और रासायनिक खेती के चलते कैंसर जैसी भयानक बीमारियो ने विकराल रूप ले लिया है। इस बात को में इसलिए जनता हु क्योंकि में भी कैंसर सृजन हु और मुझे पता है कि पेस्टिसाइड दवाओं कीटनाशक जहरीलेरासायनिक खाद्य मानव जीवन के लिए खतरा बन गए हैं जिसका एक ही उपाय है कि हम सभी गौ आधारित खेती करें । पुराने समय की भांति हमें उत्तम खेती पर ध्यान देना होगा उस भाव को जगाना होगा तभी हम गौ सेवा के माध्यम से गौ आधारित कर ऋषि कृषि परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं। हमें श्वेत क्रांति व हरित क्रांति की तरह गोबर क्रांति पूरी देश में लानी होगी । जिससे हम गोबर और गौ मूत्र को प्रायमरी प्रोडक्ट बनाए और दूध को सेकेंडरी उत्पाद बनाकर धर्म और अर्थ का लाभ ले।गावो विश्वव मातर:के पूज्य भाव को समझना होगा। हमें घर घर गाय माता रखना होगी और की गाय माता की सेवा करने के लिए हम आगे आना होगा तभी हम गौ आधारित कर सकते हैं। इसके लिए हमें गांव गांव एंबेसेडर बनकर गौ सेवा में आगे आना होगा।
इस बार गौ उद्योगी उत्पाद के लिए गो सेवकों के लिए कृषि वैज्ञानिकों के लिए गोबर गौ मूत्र, और गौ आधारित कृषि जुड़े लोगों के लिए जयपुर में 30 मई से 4 मई तक मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी लोग अपने परिवार गो सेवकों के साथ जरूर आए और गौ महिमा को समझें। क्योंकि हमें गौ आधारित कृषि से हमारी अर्थ व्यवस्था कैसे सुदृढ़ करें इस विषय पर जागरूक रहने के लिए विस्तृत चर्चा इस शिविर में होगी।
प्रशिक्षण शिविर के द्वितीय दिवस पर गोयल ग्रामीण कृषि अनुसंधान से डॉक्टर पवन जी टांक एवं तृतीय दिवस पर बंशी गिर गोशाला के संस्थापक एवं जैविक कृषि विशेषज्ञ गोपाल भाई सुतारिया का मार्गदर्शन मिलेगा ।
प्रशिक्षण शिविर में धेनु धरती फाउंडेशन के संरक्षक गोबर गोपाल दास जी महाराज एवं संचालन धेनु धरती फाउंडेशन के प्रमुख अजीत शर्मा ने किया ।