गाडरवारा नगर में सद्भाभावना शोभा यात्रा निकाली गई,मानव उत्थान सेवा समिति के द्वारा सत्संग प्रवचन का हुआ आयोजन
गाडरवारा – सतपाल जी महाराज जी के संत हरिद्वार से आये महात्मा साध्वी सुश्री सुजाता जी महात्मा सुश्री महादेवी बाई महात्मा निरंजना बाई जी के मानव धर्म
इस सद्भभावना कलश रैली को नगरपालिका अध्यक्ष शिवकांत मिश्रा ने झंडी दिखाकर रवाना किया यह रैली नगर गाडरवारा के मुख्य रास्ते आमगांव नाका पुरानी गल्ला मंडी झंडा चौक पानी टंकी पलोटन गंज से होती हुई गल्ला मंडी आनन्द भवन में पुहची वहीं रैली का स्वागत जगह जगह पुष्प वर्षा कर संत महात्माओं का स्वागत नगरपालिका अध्यक्ष शिवकांत मिश्रा ने पुष्प वर्षा की वहीं रैली मैं माता-बहनों व युवाओं बुजुर्ग ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया वहीं रैली में जय श्री राम के नारे लगाये एक आत्मा एक राष्ट्र नारे लगाये गये वहीं
एंव विशाल संत सम्मेलन का आयोजन आंनद भवन कृषि मंडी के सामने
सत्संग प्रवचन कार्यक्रम समय दोपहर 1बजे 5 तक चल रहा है जहां नगरवासियों से निवेदन किया गया कि सत्संग प्रवचन मैं अधिक से अधिक संख्या में आने का निवेदन किया गया
सत्संग समारोह मैं हरिद्वार से सतपाल महाराज जी के महात्मा सौम्यानंद ने अपने विचार रखते हुऐआध्यात्मिक सत्संग विचारों को श्रवण कर रहे हैं और अभी आपने आदरणीय भाई जी के सत्संग विचारों को बड़ा ध्यानपूर्वक श्रवण किया जिसमें गागर में सागर को ग्रहण किया है और यह हमारा प्राप्त हो रहा है और शास्त्रों के अंदर जो ज्ञान की महिमा लिखी है नाम की महिमा सद्गुरु की महिमा संतों की महिमा अपने विचारों को आप लोगों की समक्ष रखेगा आप बड़ा ध्यान पूर्वक श्रवण करने की कोशिश करें क्योंकि सत्संग एक ऐसी अमृतवाणी होती है तो जीवन में परिवर्तन होता है और विशेष कर अगर इतिहास की पदों में नजर डालें कोई मध्य प्रदेश हमारे रानी अहिल्या का इतिहास आता है यहां पर हमारी जो नदियां है मांसाब्दी का इतिहास आता है सूर्यपुत्र कहलाई गई मां नर्मदा का इतिहास धारा में गोता लगाते हैं उसको भी हमें ज्ञान रूपी अमृत सागर में समाविष्ट करना है क्योंकि हमारे ऋषि मनुष्यों की ऐसी वाणी रही है जब हम सत्संग के माध्यम से उसको सुनते हैं तो हमारे रोटी-रोटी खादी हो जाते हैं जैसे अभी आप लोगों ने देखा कि बच्चों ने मां सरस्वती की कृपया प्रजनन किया जाता था क्यों क्योंकि सबसे पहले हमारी प्रार्थना रही है यह ज्ञान की माता सरस्वती आप हमारे हृदय के अंदर जो है और जब आप हमारे हृदय में प्रवेश हो जाओगी तो हमारे अंदर ज्ञान प्राप्त इंद्रिय है चौपाई को याद करके सुना दिया कि जब आपने उसको श्रवण किया तो आपके जीवन के अंदर बहुत सारा परिवर्तन हो जाता हैआप उसे सब कुछ जानू आप उसे नाम को जानो आप प्रभु के ज्ञान की तकनीक को समझो वह क्या थी इस मंथ से केवल प्रकार भाई बहनों सुनाया नहीं जाता है यह उसका प्रेक्टिकल रिलाइजेशन भगवान का नाम क्या है और समय की महापुरुष कौन है भगवान विष्णु से मिलो जब आप उनसे मिल जाओगे तो आपको जो है सब की अनुभूति हो जाएगी अनुभूति हुई जैसे अर्जुन भगवान श्री कृष्ण से मिले तो उनको भी ज्ञान की अनुभूति हुई अर्जुन के पास कितना ज्ञान था संसार का सारा कुछ अर्जुन के पास अनुभव था कई गुरुओं की शरणाग की अर्जुन हो चुका था लेकिन कर्म योग शास्त्र गीता के अंदर भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को कहते हैं कि तूने संसार का ज्ञान जाना है अभी तेरे जीवन में ब्रह्म विद्या का ज्ञान नहीं है आत्मा का ज्ञान नहीं है तेरे पास अभी अपराध विद्या का ध्यान नहीं है तेरे पास कछुआ का ज्ञान मैंने द्रोणाचार्य से ज्ञान दिया कृपाचार्य से ज्ञान लिया मैंने ब्रह्मा जी से भी ज्ञान लिया और मैं भगवान शंकर से भी पशुपत असर की प्राप्ति किया यह तो मैं सब किया ही है तेरे पास बद्दुआ का ज्ञान अर्जुन नहीं है राज विद्या का ज्ञान तेरे पास नहीं है देखिए आप अगर गीता को पढ़ाओ प्रत्यक्ष व्यंजन थिस नॉलेज इस पूरेस्ट एंड हाईएस्ट एंड द किंग ऑफ़ आल साइंसेज इट इस डायरेक्टली एक्सपीरियंस इजी टू परफॉर्म एंड डिजिटल इस ज्ञान को जानने के बाद अर्जुन कुछ जानना बाकी नहीं रहता है लेकिन इसको जानने के लिए आपको वहां जाकर दीक्षा ग्रहण करनी पड़ेगी।