केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की सचिव ने पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय में सचिव सुश्री अलका उपाध्याय ने 21वीं पशुधन गणना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों की सामूहिक जिम्मेदारी को रेखांकित किया
आज नई दिल्ली में स्थित पूसा कैंपस में पशुपालन एवं डेयरी सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने एक क्षेत्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर राज्यों के पशुपालन एवं डेयरी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, निदेशक और योजना अधिकारियों ने विभिन्न विभागीय कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की।
बैठक के दौरान पशुपालन एवं डेयरी की सचिव सुश्री उपाध्याय ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत उद्यमिता विकास, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम सहित कई प्रमुख योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की।
सचिव सुश्री उपाध्याय ने अधिकारियों से पूर्वोत्तर राज्यों के अद्वितीय इलाके को ध्यान में रखते हुए उत्पादक गोवंश की संख्या बढ़ाने और चारे की कमी को दूर करने के लिए स्थानीय स्तर पर लक्ष्य प्राप्ति करने की योजना की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने दूध संग्रह, उसे ठंडा रखने, प्रसंस्करण और परीक्षण के लिए एनपीडीडी योजना के तहत बनाए गए बुनियादी ढांचे के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। समीक्षा बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र में डेयरी उद्योग को मजबूत करने के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण के रूप में संगठित डेयरी क्षेत्र के कवरेज को बढ़ाने, स्वदेशी दूध उत्पादों को बढ़ावा देने, मूल्यवर्धन बढ़ाने और विपणन (मार्केटिंग) कार्य योजनाओं को विकसित करने पर प्रकाश डाला गया।
बैठक में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के तहत फार्म स्थापित करने में राज्यों के प्रयासों की भी सराहना की गई। सुश्री उपाध्याय ने इन योजनाओं के तहत उपलब्ध अवसरों और वित्तीय सहायता का अधिकतम उपयोग करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया।
उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे लाभार्थियों के बीच पुनर्व्यवस्थित पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना को सक्रिय रूप से बढ़ावा दें ताकि इसके लाभों को अधिकतम किया जा सके और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके। बैठक के दौरान राज्यों ने अपनी नई पहल और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली को सामने रखा।
बैठक का समापन करते हुए सुश्री अलका उपाध्याय ने 21वीं पशुधन गणना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों की सामूहिक जिम्मेदारियों पर बल दिया। उन्होंने पशुपालन क्षेत्र के लिए भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों को आकार देने में इस जनगणना की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और इसके सफल कार्यान्वयन को प्राप्त करने के लिए नवीनतम तकनीकों का लाभ उठाने का आह्वान किया।
भारत सरकार की प्रमुख एनएडीसीपी योजना जो खुरपका-मुंहपका रोग और ब्रुसेलोसिस जैसी प्रमुख बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण पर केंद्रित है, इसकी समीक्षा की गई। इसके अलावा मवेशियों, भैंसों, भेड़ों और बकरियों के लिए छह-मासिक टीकाकरण की स्थिति पर भी चर्चा की गई। अन्य विषयों में पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों का संचालन और ‘पशुकल्याण समितियों’ का गठन शामिल हैं।
बैठक में अतिरिक्त सचिव सुश्री वर्षा जोशी, पशुपालन आयुक्त डॉ. अभिजीत मित्रा, संयुक्त सचिव सुश्री सुपर्णा पचौरी, सांख्यिकी सलाहकार श्री जगत हजारिका और भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मुख्य रूप से मौजूद रहे।