आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज (श्रद्धांजलि गीत ) ,मन प्रवाहित चेतना के आधार हो गुरुवर आप धर्म अवतार हो,
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज (श्रद्धांजलि गीत )पं.सुशील शर्मा मन प्रवाहित चेतना के आधार हो गुरुवर आप धर्म अवतार हो। धर्म अध्यात्म तेज संवाहित सरल। योग निष्ठित नियम सामर्थ्य बल। नयनों में नेह सबके लिए। भेद सब आपने विस्मृत किए। आपके ही नाम से भव पार हो गुरुवर आप धर्म......