जिस मानव के पास दुःख है,उस मानव के पास स्वयं भगवान रहते है- कमलेश भाई शास्त्री,
सनातनियों के साथ गद्दारी करने वाले गद्दारों का बहिष्कार करें देश का मुस्लिम समाज -कमलेश भाई शास्त्री
सुसनेर/26 अप्रैल,जनपद सुसनेर की ग्राम पंचायत सालरिया में नव निर्मित शनिदेव व नवग्रह मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में चल रही सप्त दिवसीय श्रीराम कथा के चतुर्थ दिवस पर क्रांतिकारी कथा प्रवक्ता कमलेश भाई शास्त्री ने बताया कि राम का जीवन,राम का चरित्र,राम की कथा सुनने से दो भाइयों का आपसी वैर खत्म होता है, क्योंकि त्याग की भावना छीनने से खत्म होती । एक भाई से दूसरे भाई में एक दूसरे से छीनने की भावना से ही द्वेष एवं वैर बढ़ता है । एक भाई से दूसरे भाई के लिए त्याग की भावना राम कथा सुनने से ही जीवन में उतरेगी क्योंकि इस कलिकाल में बेटा बाप का कहना नहीं मानता पत्नी पति,बहु सास आदि एक दूसरे का कहना नहीं मानते उसके लिए सबसे श्रेष्ठ माध्यम राम कथा श्रवण कर उसको जीवन में उतारना एवं अपने घर में रामचरित मानस रखना ही श्रेष्ठ साधन है , राम का जीवन,राम का चरित्र सुनने वालो के घर में कभी अशांति नहीं हो सकती ,जिसका कारण है कि राम ऐसा परम तत्व है जिसने अपने भाइयों के लिए छोड़ा,राम ने रघुकुल रीत को नहीं जाने दिया यानि पिता के आदेश को स्वीकार कर 14 वर्ष वनवास में रहें। राम ने वह चरित्र जिया है,जिसकी आज देश को आवश्यकता है,यानि अपने पिता के वचनों को पाला, अपने भाइयों के लिए अपने आप को बेघर कर लिया, इसलिए राम का जीवन, राम का चरित्र सुनने से हमारे घर,परिवार में भी ऐसा हो सकता है , बाप और बेटे के बीच मजबूत सम्बन्ध बन सकते है,भाई भाई के बीच मजबूत प्रेम स्थापित हो सकता है,सास बहु के बिगड़े रिश्ते ,घर के परिवार के समाज के संबंधों को मजबूत करने के लिए राम कथा ही एक मजबूत साधन है बस राम कथा को सुनकर अपने जीवन में उतार लीजिए क्योंकि राम के चरित्र की देश को आवश्यकता है,रामराज्य की सबकी इच्छा है ।
शास्त्री जी ने मानव के दुःख के बारे में बताते हुए कहां कि दुःख सबके जीवन में आता है क्योंकि जब दुःख एवं तकलीफें जीवन में आती है तभी है! राम निकलेगा और जिस मानव के पास दुःख है उस मानव के पास भगवान स्वयं रहते है और जिस मानव के पास एकदम सुख रहता है वहां परमात्मा कतई नहीं रहते है और इस संसार में जिन जिन की तकलीफें बढ़ी है उन्हें ही भगवान मिले है चाहे वह मीरा हो,प्रहलाद हो और जब हस्तिनापुर का युद्ध समाप्त हो गया तो कृष्ण ने अपनी बुआ कुन्ती से पूछा कि हे ! बुआ अब तो आपको सब सुख हो गया है अब मैं जाता हूं इस पर कुन्ती ने कहा कि हैं ! प्रभु जैसे ही मुझे सुख मिला तो आप जाने को तैयार हो गए और जब मैं दुःख में थी तो आप हमेशा मेरे साथ रहे इसलिए प्रभु मुझे आप कुछ देना चाहते हो तो बस दुःख दे दीजिए ताकि राम कृष्ण मेरे जीवन में रहें ।
शास्त्री जी ने ने विगत दो दिन पूर्व राजस्थान के डग में एक धर्म विशेष के युवक द्वारा एक सनातनी युवक के प्राण लेने पर दिवंगत आत्मा के लिए शोक प्रकट करते हुए भारत के मुसलमानों को पुनः चेतावनी दी कि आप जिस देश का खा रहे है उनके साथ गद्दारी मत कीजिए और आपके समाज में इस प्रकार की दुष्ट प्रवृति के लोग है तो उनका आप बहिष्कार कीजिए साथ ही सनातनियों को भी चेताया कि अब आप भी इस प्रकार के दुष्टों के प्राण लेना प्रारम्भ करें तब ही यह ठीक हो पाएंगे ।
शनिदेव मंदिर एवं नवग्रह मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रातः 08 बजे से प्रातः 11 बजे तक प्रथम पारी एवं सायंकाल 4 बजे से 06 बजे तक द्वितीय पारी में 21 कुंडिय शिवशक्ति महायज्ञ यज्ञाचार्य पंडित केदारदत्त व्यास हिम्मतगढ़ राजस्थान एवं उपाचार्य पण्डित मांगीलाल व्यास सरखेड़ी राजस्थान के सानिध्य में हुआ और धान शैय्या ,रुद्राभिषेक एवं हवन आदि क हुआ ।