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April 18, 2025
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साधु परमात्मा का प्रतिबिंब है- पूज्य राधे बाबा, राष्ट्रीय प्रवक्ता निर्मोही अखाड़ा इस कलिकाल में एक चलता फिरता मंदिर है,गोमाता- जानकी दास जी महाराज,महामंडलेश्वर गुजरात

साधु परमात्मा का प्रतिबिंब है- पूज्य राधे बाबा, राष्ट्रीय प्रवक्ता निर्मोही अखाड़ा

इस कलिकाल में एक चलता फिरता मंदिर है,गोमाता- जानकी दास जी महाराज,महामंडलेश्वर गुजरात

सुसनेर। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के उपसंहार उत्सव दशम दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि वन्दे मातरम् के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी एवं मंगल पांडे के निर्वाण दिवस पर बताया कि गोमाता, राष्ट्र धर्म और सनातन को बचाने के लिए मंगल पांडे ने फांसी को हार की तरह स्वीकार किया और मंगल पांडे गो सेवकों के लिए भगवान है व बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के वंदे मातरम गीत को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और देश प्रेमी मंगल पांडे की कुर्बानी को याद करते हुए उन्हें नमन किया । एक गाय माता ही है जो हमारे सभी सपनों को साकार कर सकती हैं। आपकी गोसेवा करते करते कीर्ति हो तो ठीक है और यदि बदनामी भी हो जाए तो चलेगा। महाराज जी ने बताया कि जिसने गाय माता की शरणागति ले ली वह अमर हो जाता है।

गाय माता से यदि प्रेम है तो हम रहे न रहे राष्ट्र रहना चाहिए और सनातन की रक्षा के लिए गौ माता हमारे साथ रहना चाहिए।

स्वामीजी ने गोशाला को अंतिम विकल्प बताते हुए कहां कि पहले गोपाल बनकर हमें घर में अथवा आश्रम में , गुरुकुल एवं मंदिर में गाय माता रखना चाहिए।

उपसंहार उत्सव के दशम दिवस पर गुजरात से पधारे महामंडलेश्वर जानकीदास जी महाराज ने बताया हमें उनकी शरण में जाना चाहिए जिनसे भगवान स्वयं प्रसन्न रहते हैं और वह है भगवती गोमाता और इस कलियुग में तो गोमाता ही साक्षात चलता फिरता मंदिर है और उनके वंश नन्दी बाबा धर्म के प्रतीक है और गोवंश का संरक्षण करके जीवन में गो सेवा के पुण्य का फल पाना चाहिए क्योंकि स्वर्ग का वास्तविक धन पुण्य ही है साथ ही हमें सात्विक रहना है तो उसके लिए सबसे श्रेष्ठ एवं उत्तम माध्यम गो आधारित कृषि से ही प्राप्त किया जा सकता है ,इसलिए देश के अन्नदाता को पुनः गो आधारित कृषि की और पुनः लौटना होगा।

अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूज्य राधे बाबा निर्मोही ने बताया कि इस अभ्यारण्य में प्रवेश करते ही हमें यहां की हवा ने वेदोक्त शीतलता का अनुभूति हुई और ये सब यहां विराजित गोमाता की प्रसन्नता से ही संभव है ।

महाराज जी ने स्वामी गोपालानंद जी महाराज के इस एक वर्षीय अनुष्ठान को ऐतिहासिक बताते हुए कहां कि भगवान के श्रीमुख से उत्पन भगवती गोमाता के महिमा वर्णन के लिए ही स्वामीजी रूपी एक साधु भगवान के प्रतिनिधि के रूप में हमारे बीच इन्हें भेजा है जो विगत कई वर्षों से भगवती गोमाता के संरक्षण,संवर्धन एवं उनको उचित सम्मानबजनक स्थान मिले उसके लिए अपना सर्वच्च समर्पण कर दिया है साथ ही महाराज जी ने कहां कि निर्मोही अखाड़ा गोमाता की रक्षार्थ हमेशा स्वामी गोपालानंद जी महाराज के साथ दृढ़ता से खड़ा रहेगी

स्वामीजी ने बताया कि 09 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक गो अभयारण्य में त्रि दिवसीय गो आधारित कृषि प्रशिक्षण शिविर होने जा रहा है, जिसमें बंशी गिर गोशाला के संस्थापक गोपाल भाई सुतारिया, गोयल ग्रामीण विकास संस्थान से डॉक्टर पवन टांक एवं भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय बीज प्रमुख कृष्ण मुरारी जी भाईसाहब एवं अन्य गो आधारित कृषि विशेषज्ञ मार्गदर्शन देंगे।

एक वर्षीय गोकृपा कथा के उपसंहार उत्सव के दशम दिवस पर चुनरी यात्रा इन्दौर से श्रीमती सुलोचना, मांगी लाल कुलमी पाटीदार, मिश्रीलाल गुप्ता,रामप्रसाद पालीवाल,अनिल गुप्ता,निमित्त गुप्ता,मुकेश एवं ब्रजेश पालीवाल, सुसनेर नगर से सनातनी हिंदू युवाओं एवं पिपलिया नानकार की मातृशक्ति सहित दर्जनों स्थानों से गो सेवक अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

 

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