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April 28, 2024
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दो दिवसीय बिजनेस मीट का हुआ आयोजन,मार्केट लिंकेज तथा क्षमता संवर्धन के लिए विशेषज्ञों ने दी जानकारी

दो दिवसीय बिजनेस मीट का हुआ शुभारंभ

मार्केट लिंकेज तथा क्षमता संवर्धन के लिए विशेषज्ञों ने दी जानकारी

नरसिंहपुर जिले मे गाडरवारा तुअर दाल एवं करेली गुड़ निर्माण से जुड़े एफपीओ को मार्केट लिंकेज एवं क्षमता संवर्धन के लिए एनटीपीसी गाडरवारा में गुरूवार को बिजनेस मीट/ वर्कशॉप का विधिवत शुभारंभ कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना, एनटीपीसी महाप्रबंधक श्री कमलेश सोनी, जिला पंचायत सीईओ श्री दलीप कुमार द्वारा किया गया। वर्कशॉप में जिले के कृषि गतिविधि अंतर्गत गठित एफपीओ, प्रगतिशील गुड़ एवं दाल उत्पादक कृषक, जैविक व प्राकृतिक खेती करने वाले कृषक, राज्य से बाहर की विभिन्न कम्पनियों के विशेषज्ञ, जेएनकेव्हीव्ही जबलपुर के वैज्ञानिक, डायरेक्टर्स और अन्य मार्केट लिंकेज तथा क्षमता संवर्धन संबंधित विशेषज्ञ एवं स्वसहायता समूह की महिलायें भी मौजूद थी।

      कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कलेक्टर सुश्री बाफना ने कहा कि नरसिंहपुर जिला प्रगतिशील कृषकों का जिला है। जिनसे प्रदेश के अन्य किसान खेती के संबंध में मार्गदर्शन लेते हैं। जिले के कृषक अपने नवाचार के लिए जाने जाते हैं। प्राकृतिक एवं जैविक खेती ने जिले को नई पहचान दी है। जिले के एक जिला- एक उत्पाद के अंतर्गत गाडरवारा की तुअर दाल एवं करेली गुड़ की मांग अब ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से पूरी की जा रही है। अब यह उत्पाद देश एवं प्रदेश के महानगरों में ई- कॉमर्स के माध्यम से भी पहुंच रहे हैं। किंतु इन उत्पादों की मार्केटिंग को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है, जिसके लिए यह वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। भोपाल मेले में इन उत्पादों को खूब पसंद किया गया। गाडरवारा की तुअर दाल को जीआई टैग दिलाने का कार्य भी किया जा रहा है।

      मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री दलीप कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की आय में वृद्धि करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। परंपरागत खेती के द्वारा परिवर्तन उतना अधिक नहीं हो पाया है, जितना नवीन तकनीकों एवं खेती के तरीकों को अपनाने से हुआ है। इसके लिए किसानों को संगठित होकर कार्य करने में अधिक मुनाफा होगा।

      इस अवसर पर एनटीपीसी महाप्रबंधक श्री कमलेश सोनी ने कहा कि किसानों की क्षमता वर्धन का यह बहुत अच्छा प्रयास है। इस वर्कशॉप के माध्यम से किसानों को अपने उत्पाद की बेहतर तरीके से मार्केटिंग करने में मदद मिलेगी। यहां लगाई गई उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन अधिकारियों द्वारा किया गया।

      श्रीमती प्रगति गोखले चीफ मेंटर मिशन मेरा मोबाइल- मेरा मार्केटिंग के माध्यम से मुफ्त डिजिटल मार्केटिंग कैसे करें “क्षमता निर्माण कैसे हो” इसकी जानकारी मार्केट मिर्ची के माध्यम से दी। उन्होंने मार्केटिंग करने के तकनीकी पक्षों को वर्कशॉप में आये कृषकों को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि मोबाइल के माध्यम से डिजिटल मार्केटिंग करना अब बहुत आसान हो गया है। मार्केट मिर्ची एप एवं वेबसाइट का इस्तेमाल बहुत आसानी से किया जा सकता है। इसका उपयोग कर किसान अपनी फसलों को ऑनलाइन उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकता है। इसका फायदा यह है कि उत्पादक और उपभोक्ता के बीच कोई बिचौलियां नहीं होता। इस ऑनलाइन प्लेटफार्म से ग्राहकों से सीधा सम्पर्क होता है। मार्केट मिर्ची ऑनलाइन प्लेटफार्म में किसान मुफ्त में अपने उत्पाद को प्रदर्शित कर सकता है। इसमें किसानों के लिए 26 प्रकार की विभिन्न कैटेगिरी तैयार की गई हैं। किसान उनके द्वारा अपने उत्पादों की जानकारी लोगों तक ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से पहुंचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुंबई ग्राहक पंचायत एवं अक्षय पात्र फाउंडेशन भी इससे जुड़ा है।

      संचालक आईएबीएम जनेकृविवि डॉ. मोनी थामस ने हर द्वार दाल “हमारी दाल हमारी पहचान” के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि किसान को उसकी उपज का सही दाम एवं सही बाजार मिले। उसकी उत्पाद की पहचान उत्पाद की गुणवत्ता एवं बनाने के तरीकों पर निर्भर करती है। इसके लिए विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि उत्पादन करना एवं उत्पादकता बढ़ाना अलग पहलु है और मार्केटिंग करना अलग पहलु है। उनका संस्थान आईडीबीएम इच्छुक कृषकों को उनकी जरूरतों के हिसाब से आवश्यक प्रशिक्षण एवं विशेषज्ञों की सलाह, परामर्श प्रदान करता है। यह संस्थान स्टार्टअप को भी प्रमोट कर रहा है। एचएफएन श्री नवजोत सिंह ने किसानों और खरीददारों के बीच मार्केटिंग व्यवस्था (हार्वेस्टिंग फार्मर नेटवर्क) के बारे में बताया। यह नेटवर्क किसानों से उत्पाद खरीदकर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मार्केट में पहुंचाने का काम करता है।

      डी मार्ट पर्चेस मैनेजर श्री विलास पाटिल ने विभिन्न उत्पादों का पर्चेसिंग मार्केटिंग के बारे में जानकारी दी। आईटीएससी टेक्नोलॉजी प्रालि. भोपाल के संचालक श्री द्वारका सिंह ने एफपीओ स्थिरता और उत्पादों के बाजार लिंकेज कैसे करें इसकी विस्तार से जानकारी दी। कृषिका नेचुरल्स प्राइ. लिमि. की संचालक श्रीमती प्रतिभा भूमिशा ने प्राकृतिक कृषि उत्पादों के बाजार लिंकेज कैसे करें, इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कृषि जबलपुर संभाग के संयुक्त संचालक श्री केएस नेताम ने एफपीओ की क्षमता विकास एवं मूल्य संवर्धन पर अपना उदबोधन दिया।

      उप संचालक कृषि श्री उमेश कटहेरे द्वारा एक जिला- एक उत्पाद के अंतर्गत गाडरवारा की तुअर दाल एवं करेली गुड़ के तहत संचालित एफपीओ की बिंदुवार जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि जिले में गाडरवारा तुअर दाल से संबंधित कुल 12 एफपीओ व 5954 कृषक सदस्य हैं। जिले का कुल 5 लाख 40 हजार क्विंटल उत्पादन हुआ है। एफपीओ द्वारा अरहर का 2960 हेक्टर कुल रकवा है। 44 हजार 400 क्विंटल अरहर उत्पादन, 26 हजार क्विंटल दाल और 1450 क्विंटल हेंड मेड दाल का उत्पादन हुआ है।

      इसी तरह गुड़ उत्पादक के संबंध में कुल 4 एफपीओ और इसमें 1500 कुल कृषक सदस्य हैं। गन्ना फसल में जिले का रकवा 65 हजार हेक्टर है। जिले का कुल गन्ना उत्पादन 61 लाख 75 हजार टन है। एफपीओ द्वारा 3200 हेक्टर कुल रकवे में गन्ना उत्पादन, एफपीओ द्वारा 3 लाख 4 हजार टन में गन्ना उत्पादन और एफपीओ द्वारा 17024 टन गुड़ उत्पादन है।

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