मौसम की विपरीत परिस्थितियों से फसलों के बचाव के लिए किसानों को समसामयिक सलाह
नरसिंहपुर।जिले में अरहर, धान, चना, मसूर व मटर आदि फसलों में मौसम के कारण विपरीत परिस्थितियों में किसानों को कृषि विभाग ने किसानों को समसामयिक सलाह दी है।
कृषि विभाग द्वारा बताया गया है कि अरहर फसल जो इस समय फूल एवं अगिति अरहर फसल में फली लगना शुरू हो गया है। गिरते तापमान के कारण फसल में कीट का प्रकोप से बचाव के लिए किसान इमेमेंक्टिन बेंजोएट 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर या क्लोरेंटानीलीप्रोंन 100 से 120 ग्राम प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। धान की देर से पकने वाली प्रजातियां जैसे पूसा- सुगंधा एक, दो, तीन व पांच, क्रांति आदि खेत में या तो खड़ी होगी या काटकर खेत में रखी होगी। ऐसी स्थिति में किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम को देखते हुए खेत से धान की कटाई ना करें तथा जो लोग कटाई कर चुके हैं वे फसल की ढेर को खोल दें व उलट- पलट कर दें, जिससे फसल की अंदर की गर्मी बाहर हो जाए और धान के बीच दाने का जमना न हो सके।
चना, मटर व मसूर की फसल में पानी निकासी की उचित व्यवस्था रखें। इनमें उकठा रोग आने की संभावना ज्यादा होती है। किसान अपने खेत में पानी का जमाव नहीं होने दें। जहां फसल में पीलापन या सूखना दिखाई दे रहा हो, उसमें टेबुकोनोजोल 500 ग्राम या कार्बनडाजिम 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
गेहूं की फसल को नुकसान की संभावना नहीं है यदि किसान सरसों की फसल या आलू की फसल लगाए हैं, तो पत्तियों पर लगने वाले काला धब्बा रोग आने की संभावना है। इसके बचाव के लिए किसान मैंकोजेब 750 से 1000 ग्राम प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
गन्ना फसल की बुवाई मौसम साफ होने पर करें अन्यथा गन्ने के ऊपर चढ़ाए जाने वाली मिट्टी कठोर हो जाएगी और गन्ना सुचारू रूप से जमाव नहीं कर पाएगा। उप संचालक कृषि श्री उमेश कुमार कटहरे ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मौसम की विपरित परिस्थितियों में फसलों के बचाव के लिए किसानों को सलाह दें।