गाडरवारा । नगर में गणेश चतुर्थी पर सेठ किशन दास काबरा एवं उनके परिवार जनों द्वारा अपने घर से बरसों पहले पर्यावरण और जल शुद्धिकरण की दृष्टि से काली मिट्टी की गणेश मूर्तियां जनमानस को वितरित किया करते थे जो कि आज भी निरंतर उनके परिवार जनों द्वारा राम मंदिर से प्रतिवर्ष वितरित की जाती है। पीतल के सांचे में गीली काली मिट्टी के प्रयोग कर बनाई जाानेे वाली ये प्रतिमा गाााडरवा नगर के हजारों घरों में पूजा की जाती है। एक बार स्वर्गीय सेठ श्रीकृष्ण दास काबरा जो इस परिवार के सबसे वरिष्ठ सदस्य थे उन्होने अशोक मोलासरिया को यह अबगत कराया था कि लोक त्योहार होने से प्रतिमा का चलन नहीं होने से प्रथम पूज्य देवता गणेश जी की मूर्ति देने के लिए बनारस प्रवास के दौरान सांचा एक दुकान पर देखकर वहीं संकल्प लिया कि नगर में मुर्ति वितरित किया जा सकता है और सांचा बनारस से खरीद कर लाया गया और लगभग सात आठ दशक से यहक्रम निरंतर जारी है ।अब वर्तमान में सेठ घनश्याम दास, गोकुल, गणेश, विनीत काबरा की सदभाव भी पारिवारिक परम्परा को उत्साहित होकर निर्वाहन कर रहे हैं ।