विश्व श्रवण दिवस पर जिला अस्पताल में हुआ स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
नरसिंहपुर। 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस पर जिला अस्पताल में श्रवण बाधितों के लिए परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। स्वाथ्य शिविर में 70 मरीजों का पंजीयन कर उनका उपचार किया गया। शिविर में 9 मरीजों को ओटाईटिस मीडिया के उपचार और 5 बच्चों को श्रवण बाधित यंत्र प्रदान करने के लिए चिन्हित किया गया। कान, नाक, गला रोग विशेषज्ञ एवं ऑडियोलाजिस्ट डॉ. रितु वर्मा द्वारा मरीजों की जांच की गई। उन्होंने राष्ट्रीय बधिरता नियंत्रण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. रितु वर्मा ने बताया कि देश में बहरेपन की समस्या तेजी से बढ़ रही है तथा बड़ो में इसका प्रेवेलेंस 6.3 और बच्चों को 3.2 है। समय रहते समुचित इलाज कराने, कान की मशीन का इस्तेमाल करने, कान का आपरेशन कराने, स्पीच थेरेपी आदि से बधिरता को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अतंर्गत मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 5 वर्ष तक के जन्मजात गूंगे एवं बहरे बच्चे के आपरेशन के लिए 6 लाख 50 हजार की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
शिविर का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप धाकड एवं सिविल सर्जन डॉ. मुकेश कुमार जैन के मार्गदर्शन और डॉ. अमित सोनी आरबीएसके आयुष चिकित्सक, निखलेश साहू, आरती शर्मा फिजियोथेरेपिस्ट की मौजूदगी में किया गया।
काम्प्रेहेन्सिव न्यूबोर्न स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण सम्पन्न
नरसिंहपुर।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत काम्प्रेहेन्सिव न्यूबोर्न स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण प्रसव केन्द्रों पर पदस्थ नर्स/ एएनएम/ आरबीएसके दल/ ब्लाक डाटा एंटी आपरेटर/ एसएनसीयू व डीआईसी स्टाफ को राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप पटैल एवं स्टाफ नर्स नाजनीन बानों द्वारा शुक्रवार को नरसिंहपुर में दिया गया।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर ने बताया कि प्रसव केन्द्र पर जन्म लेने वाले बच्चों में जन्मजात विकृति की पहचान, उपचार एवं आवश्यकतानुसार रेफर कैसे किया जाता है। डीआईसी स्टाफ द्वारा प्रशिक्षुओं को बताया गया कि जन्मजात विकृति के बच्चों का उपचार व प्रबंधन कैसे किया जाता है।
प्रशिक्षण में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप धाकड, नोडल अधिकारी आरबीएसके डॉ. एआर मरावी की मौजूद थे।