ओशो ने कहा
(ओशो के जन्मदिवस पर)
ओशो ने कहा
सब छोड़ो
हम छोड़ते गए
सारा विश्वास
सारे सत्य।
ओशो ने कहा
अंतस में उतरो
हम उतरते गए
संसार के गहरे कुएँ में।
ओशो ने कहा
सत्य को जानो
हमने रट लीं
सारी किताबें।
ओशो ने कहा
रूढ़ियाँ छोड़ो
हमने छोड़ दिये
सारे संस्कार
सत्य के आधार।
ओशो ने कहा
ईश्वर में पगो
और हम पगते गए
अहंकार की चाशनी में।
ओशो का दर्शन
सीखना और त्यागना है
हम सिखाने में
और एकत्रीकरण में
व्यस्त हैं।
रजनीश से ओशो की
यात्रा
मनुष्यत्व से देवत्व की
यात्रा है।
हमारा सौभाग्य है कि
हमने ओशो काल
में जन्म लिया
मेरा सौभाग्य है कि मैं
उसी माटी में पला बढ़ा
जिसमें ओशो बुद्ध निर्मित हुए।
ज्ञान के उस मंदिर में
जहाँ बुद्धत्व का विकास हुआ
आज भी वह ऊर्जा
व्यष्टि से समष्टि की ओर
प्रवाहित है।
जिसकी अनुभूति से
मेरा स्व आप्लावित है।
उस ऊर्जा को कोटिशः प्रणाम।
सुशील शर्मा