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May 15, 2024
ADITI NEWS
क्राइम

जबलपुर,दो माह पूर्व लापता हुए अनुपम शर्मा के हत्या की गुत्थी सुलझी,लाखों रुपये के लेन-देन व चरित्र पर संदेह बना घटना का कारण,करीबी मित्र ही निकला हत्यारा

दो माह पूर्व लापता हुए अनुपम शर्मा के हत्या की गुत्थी सुलझी

पतारसी पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने किया 5000/- रुपये का ईनाम उद्घोषित

नवागत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री तुषारकांत विद्यार्थी (भा.पु.से.) ने लम्बे समय से लंबित चल रहे संवेदनशील प्रकरण की गहन समीक्षा कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री समर वर्मा एवं टीम को जिम्मेदारी सौंपी

पुलिस अधीक्षक जबलपुर के निर्देशन में पिछले 01 सप्ताह से लगातार क्राईम ब्रांच में प्रकरण की पतारसी हेतु प्रयास जारी थे

करीबी मित्र ही निकला हत्यारा

पूर्व नियोजित तरीके से हत्या कर शव के कई टुकडे कर बोरियों में भरकर फेंक दिया था नाले में

लाखों रुपये के लेन-देन व चरित्र पर संदेह बना घटना का कारण

जबलपुर। थाना संजीवनी नगर अंतर्गत जसूजा सिटी में रहने वाले अनुपम शर्मा उम्र 45 वर्ष के दिनांक 16/02/2023 से लापता हो जाने पर उसके परिजनो द्वारा थाने में गुम इंसान की सूचना दर्ज करवायी थी । जाँच में यह पाया गया कि गुमशुदा अनुपम शर्मा अंतिम बार उसके सबसे करीबी मित्र विनोद वर्मा उर्फ टोनी के घर के पास दिखा था । टोनी ने पूछताछ पर बतलाया था कि अनुपम दोपहर उससे मिलकर चला गया था। सीसीटीव्ही फुटेज में अनुपम की स्कूटर पर ,अनुपम के हुलिये का ही व्यक्ति धनवंतरी नगर चौराहे के पास दिखा था। कुछ दिन बाद अनुपम शर्मा का स्कूटर मुख्य रेल्वे स्टेशन जबलपुर की पार्किंग में खडा मिला था ।

दिनांक 16.02.2023 की शाम से ही अनुपम के मोबाईल नंबर से अनुपम के पिता को व्हाट्सएप मैसेज मिलना चालू हो गये थे कि मैं जीवन में की गई गलतियों के सुधार के लिये वह अध्यात्म के रास्ते पर चलने आश्रम आ गया हॅू व मौन व्रत रखने से अब आगे संपर्क नहीं रख पाउंगा। दिनांक 25.02.23 को अनुपम के मोबाईल नंबर से इसी तरह का अंतिम मैसेज नासिक से भेजा गया था ।

जाँच में प्राप्त मैसेज की भाषा व अंतिम बार स्कूटर में दिखे व्यक्ति की कद काठी अनुपम से न मिलना पाई गई। इस बीच अनुपम का मित्र टोनी लगातार अनुपम के परिजनो व पुलिस के संपर्क में रहकर अनुपम की तलाश करने का नाटक करता रहा । परंतु जाँच में यह सामने आया कि अनुपम ने लाखों रूपये टोनी के माध्यम से लोगो को उधार दे रखे थे जिसकी वसूली के लिये वह टोनी पर लगातार दबाव बनाया हुआ था। यह बात भी ज्ञात हुई थी कि टोनी स्वयं की अनुपस्थिति में अनुपम के घर आने से, अनुपम के चरित्र को लेकर संदेह करता था। जाँच में यह भी पता चला कि टोनी के करीबियों से पूछताछ पर टोनी ने यह कहा था कि किसी करीबी मित्र ने उसके साथ दगाबाजी की है उसे मरवाना है ।

घटना की जाँच के दौरान अनुपम के मोबाईल नंबर से मिले अंतिम मैसेज को टोनी के किरायेदार रामप्रकाश पुनिया के द्वारा नासिक से भेजा जाना पाया गया । इसकी पूछताछ हेतु टोनी को बुलवाये जाने पर टोनी के द्वारा दिनांक 01.03.2023 को उसके घर में आत्महत्या कर ली । मृत्यू पूर्व नोट में टोनी के द्वारा बहुत बडी गलती हो जाना मात्र सुसाईड नोट मे लेख किया गया था ।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री समर वर्मा के द्वारा क्राईम ब्रांच की टीमें प्रकरण की विवेचना मे लगाई गईं । टोनी के किरायेदार रामप्रकाश पुनिया से पूछताछ की गई जिसने बतलाया कि दिनांक 24.02.2023 को मुंबई जा रहा था तब टोनी ने उसे एक मोबाईल फोन दिया था औऱ कहा था कि जब ट्रेन नासिक पहुंचे तो मोबाईल चालू कर कुछ देर बाद बंद कर देना है व फोन व सिम ट्रेन में ही छोड देना है ऐसा टोनी के द्वारा मजाक में खुद के एक दोस्त की लोकेशन नासिक बताना है बोला था । इसके अतिरिक्त रामप्रकाश पुनिया ने घटना के विषय में अन्य कोई जानकारी पूछताछ में नहीं बतलाया।

प्रकरण में अनहोनी की आशंका तो थी परंतु प्रमुख आरोपी टोनी की मृत्यू हो जाने व अनुपम की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी । क्राईम ब्रांच की टीमों ने टोनी के घर व लकडी की टाल के आसपास रहने वालों से सघन पूछताछ व उपलब्ध सीसीटीव्ही फुटेजों की जाँच की तो संदेही रामप्रकाश पुनिया के कथनों में गलत तथ्य सामने आने लगे ।

पूछताछ में पुनिया के द्वारा दिनांक 16.02.2023 को प्रातः मुंबई से जबलपुर आना बतलाय़ा था व थके होने से दिन भर घर पर ही रहना बताया था । परंतु सीसीटीव्ही फुटेज में वह दिनांक 15.02.2023 में आना व दिनांक 16.02.2023 को दोपहर 03.00 बजे से शाम 07.00 बजे तक घर के बाहर रहना दिखा। यह वह समय था जब अनुपम टोनी के घर आया था । घटना के बाद जो व्यक्ति अनुपम शर्मा का स्कूटर चलाते जाते दिखा था उसकी कद-काठी भी रामप्रकाश पुनिया से मेल खाती थी। इन बिन्दुओं पर जब रामप्रकाश पुनिया से सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने अपराध कबूल कर टोनी के साथ मिलकर अनुपम की हत्या करना स्वीकार किया व शव के टुकडों को प्लास्टिक की बोरियों में भरकर संजीवनीनगर के पास लोहा बांधकर नाले में डुबाना बताया । रामप्रकाश पुनिया से विस्तृत पूछताछ उपरांत निशादेही पर अनुपम शर्मा का टुकडों में कटा शव बरामद किया गया।

रामप्रकाश पुनिया से की गयी सघन पूछताछ पर पाया गया कि रामप्रकाश के मकान मालिक विनोद वर्मा उर्फ टोनी ने अपने मित्र अनुपम शर्मा को मारने के लिये राजी किया था । कोई निश्चित आय का साधन न होने से , किराया न दे पाने व उधार ली रकम वापस न कर पाने से रामप्रकाश पुनिया सहमत हुआ था। विनोद वर्मा उर्फ टोनी की योजना अनुसार दिनांक 16.02.2023 को टोनी ने अनुपम को दोपहर पैसे के लेनदेन का निपटारा करने फोन पर बुलवाया । रामप्रकाश पुनिया को टोनी ने उसके भाईयों की लकडी की टाल व आरा मशीन के बगल में गोदाम में पहले से पहुंचवा दिया । थोडी देर बाद अनुपम को टोनी गोदाम के अंदर लेकर आया और लेपटाप पर हिसाब दिखाने लगा तभी रामप्रकाश पुनिया ने रस्सी अनुपम के गले में डालकर उसका गला घोंट दिया गला घोंटते समय टोनी, अनुपम के हाथ पैर पकडे हुये था। हत्या के बाद योजना अनुसार रामप्रकाश ने अनुपम के कपडे पहने और यह दिखाने के लिये अनुपम वापस चला गया है अनुपम का स्कूटर लेकर अनुपम के घर के रास्ते पर चला परंतु घर के पहले मेडीकल कालेज के पास स्कूटर खडा कर आटो से तिलवारा घाट गया जहां टोनी द्वारा अनुपम के मोबाईल फोन पर पहले से टाईप मैसेज को अनुपम के पिता को भेजे। यही काम रामप्रकाश ने पुनः दिनांक 17 व 20.02.2023 को भी किया ताकि यह लगे कि अनुपम जीवित है व स्वयं परिवार से संपर्क नहीं रखना चाहता है । अनुपम के शव को टोनी ने लकडी काटने वाले मशीन के हैंड कटर से अनेक टुकडों में काटा व पालिथिन में पैक करने के बाद प्लास्टि की तीन बोरियों में भरकर, रामप्रकाश की मदद से अलग अलग एक-एक बोरी ले जाकर संजीवनीनगर के पास नाले में फेंक दिया, बोरियॉ न डूबने पर टोनी पुनः रामप्रकाश को लेकर गया व बोरियों में लोहे के टुकडे बांधे जिससे वे पानी के अंदर डूब गयी । पुलिस का शक बढने पर टोनी ने रामप्रकाश को नासिक भेजकर अनुपम के मोबाईल नंबर से उसके पिता को फिर मैसेज करवाया परंतु यह बात खुलने पर टोनी ने आत्महत्या कर ली।

रामप्रकाश ने संपूर्ण घटना स्वीकार कर हत्या में प्रयुक्त रस्सी जप्त करवाई है । संपूर्ण जाँच मे विनोद वर्मा उर्फ टोनी व रामप्रकाश पुनिया के द्वारा षडंयत्र कर अनुपम शर्मा की हत्या कर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से शव के टुकडे कर नाले में फेकना पाये जाने पर धारा 302,201,120 बी. भा.द.वि. का अपराध कायम कर विवेचना की जा रही है ।

उल्लेखनीय भूमिका:–वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री तुषारकांत विद्यार्थी (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री समर वर्मा ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दक्षिण श्री संजय अग्रवाल के द्वारा सतत् पर्यवेक्षण किया गया ,नगर पुलिस अधीक्षक गोरखपुर सुश्री प्रतिष्ठा राठौर, चौकी प्रभारी धनवंतरी नगर उप निरीक्षक सतीश झारिया एवं क्राईम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक प्रमोद पाण्डेय, सउनि धनंजय सिंह ,सउनि राजेन्द्र बिलौहा, सउनि मृदुलेश शर्मा, प्रधान आरक्षक राममिलन चक्रवर्ती, अमित श्रीवास्तव, रामगोपाल, ब्रजेन्द्र कसाना , मानस उपाध्याय, राम सहाय कुशवाहा, शेषनारायण, आरक्षक मुकुल गौतम , मोहित उपाध्याय , वीरेन्द्र सिंह, अनूप सिंह तथा सायबर सेल के प्रधान आरक्षक अमित पटैल ,आरक्षक दुर्गेश, भगवान , पुलिस लाईन के सहायक उप निरीक्षक विजय शुक्ला, राजेश शुक्ला, रमाकांत मिश्रा ,प्रधान आरक्षक अजय यादव , थाना संजीवनीनगर के सहायक उप निरीक्षक तेजराम ,आरक्षक राहुल सिंह, राजकुमार, रजनीश की सराहनीय भूमिका रही। टीम को पुलिस अधीक्षक जबलपुर के नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किया जा रहा है।

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