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April 27, 2024
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नरसिंहपुर,एसडीएम की जांच के आधार पर तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जेएस विलसन को कारण बताओ नोटिस, तीन लिपिक निलंबित

एसडीएम की जांच के आधार पर तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जेएस विलसन को कारण बताओ नोटिस

नरसिंहपुर। जनसुनवाई और अन्य माध्यमों से तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती जेएस विलसन द्वारा की गई वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं की लगातार गंभीर शिकायतें मिलने पर इनकी जांच के लिए कलेक्टर श्री रोहित सिंह ने एसडीएम नरसिंहपुर श्री राजेश शाह को अधिकृत किया था। इस संबंध में एसडीएम श्री शाह के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर श्री रोहित सिंह ने श्रीमती विलसन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कारण बताओ नोटिस का जबाव 3 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं। निर्धारित समयावधि में जबाव नहीं प्रस्तुत करने की दशा में श्रीमती विलसन के विरूद्ध एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

कारण बताओ नोटिस के अनुसार तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के कृत्य, वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं, पद के दुरूपयोग, पदीय कर्त्तव्यों के प्रति लापरवाही, उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता के द्योतक हैं और मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के प्रावधानों के प्रतिकूल है। अत: क्यों न श्रीमती विलसन के विरूद्ध मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1965 के प्रावधानों के तहत निलंबन एवं यथोचित अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को प्रेषित किया जाये।

एसडीएम के जांच प्रतिवेदन के अनुसार श्रीमती विलसन द्वारा वरिष्ठ अधिकारी के अनुमोदन के बगैर विकासखंड शिक्षा अधिकारी करेली के रिक्त पद पर प्राचार्य शा.उ.मा.वि. समनापुर श्री एनके शर्मा का नियुक्ति आदेश स्वयं के हस्ताक्षर से जारी किया गया। नियमों की अनदेखी कर विकासखंड कार्यालय नरसिंहपुर के आहरण एवं संवितरण के अधिकार स्वयं के हस्ताक्षर से स्वयं के लिए बगैर सक्षम अधिकारी के अनुमोदन से जारी किये। लगभग 92 शिक्षकों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये बगैर किसी ठोस आधार के बिना निलंबित किया। इसके लिए सक्षम अधिकारी से अनुमोदन भी नहीं लिया। इन शिक्षकों और कर्मचारियों को बगैर जांच एवं आरोप पत्र जारी किये एक माह के अंदर बहाल भी कर दिया। बहाली में उन्हें मनचाहे स्थानों पर पदस्थ किया गया।

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा प्राथमिक शिक्षक हिरनपुर टोला श्री मोहम्मद अकरम हनफी को वेतन संबंधी कार्यों में सहयोग कर सुनियोजित ढंग से षड़यंत्र रचकर लगभग 27 लाख रूपये की शासकीय राशि के गबन में निलंबित किया गया। बीईओ गोटेगांव के कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड- 3 श्री अतुल मिश्रा जो वेतन देयक का कार्य कर रहे थे, उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बगैर किसी वरिष्ठ अधिकारी के अनुमोदन के श्री हनफी को विभागीय जांच में आंशिक रूप से दोषी पाये जाने के उपरांत एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाकर उनको बहाल किया गया। इस प्रकरण में श्री हनफी द्वारा राशि जमा करना गबन को स्वीकार करना है। इस प्रकरण में श्री हनफी एवं संबंधित लिपिक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाना थी, जो नहीं कराई गई।

प्राथमिक शिक्षक इमलिया श्री लोकेश बसेड़िया को निलंबित कर उन्हें ऊमरपानी प्राथमिक शाला में बहाल कर पदस्थ किया गया। इस आदेश में पुन: संशोधन कर उन्हें प्राथमिक शाला कठौतिया में पदस्थ किया गया। कठौतिया में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती पूनम ठाकुर को महगुवां चीचली में बहाल करने के बाद पदस्थ किया गया। श्री लोकेश बसेड़िया की पत्नी श्रीमती माया बसेड़िया को बालक प्राथमिक शाला से निलंबित कर उन्हें बहाल करते हुए उनके पति के साथ प्राथमिक शाला कठौतिया में ही पदस्थ किया गया।

श्रीमती विलसन द्वारा श्री मुकेश गढ़ेवाल माध्यमिक शिक्षक हिनौतिया के विरूद्ध अनाधिकृत रूप से निलंबन की कार्रवाई की गई, जबकि इस संबंध में श्रीमती विलसन को अधिकार प्राप्त नहीं है। शिक्षा विभाग में आऊटसोर्स माध्यम से कर्मचारियों की पूर्ति एमपी कॉन एजेंसी करती है, परंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीमती विलसन द्वारा 100 से अधिक कर्मचारी विभिन्न पदों पर भर्ती कराये गये। इस संबंध में जांच अधिकारी को संबंधित रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं कराया गया। स्वयं की सेवा पुस्तिका में वर्ष 2021 की वेतन वृद्धि की स्वीकृति स्वयं द्वारा दर्ज कराई गई। इस संबंध में सक्षम अधिकारी का वेतन वृद्धि स्वीकृति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं पाया गया। श्रीमती विलसन द्वारा जिले की अशासकीय शालाओं की मान्यता एवं नवीनीकरण के प्रकरणों में आवश्यक शर्तें पूरी नहीं होने के बावजूद भी नवीन मान्यतायें दी गई और उनके नवीनीकरण किये गये। श्रीमती विलसन 18 अगस्त से लगातार बगैर किसी पूर्व सूचना एवं सक्षम अधिकारी की अनुमति से मुख्यालय से अनुपस्थित हैं। श्रीमती विलसन को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के पद से हटाने एवं उनके विरूद्ध जांच कराने के बावजूद श्रीमती विलसन द्वारा कार्यालय की नस्तियां अनाधिकृत रूप से अपने निवास पर ले जाई गई। किसी सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराये बगैर श्रीमती विलसन जिला मुख्यालय से अनुपस्थित हैं। उन्होंने कलेक्टर कार्यालय के आदेश की अवहेलना करते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नरसिंहपुर में उपस्थिति भी नहीं दी है। लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश के आदेश द्वारा श्रीमती विलसन की पहले एक वेतन वृद्धि और इसके बाद दो वेतन वृद्धियां रोकी गई। इसके बावजूद उक्त आदेश को श्रीमती विलसन की सेवा पुस्तिका में दर्ज नहीं किया गया।

तीन लिपिक निलंबित

नरसिंहपुर। अनुविभागीय दंडाधिकारी नरसिंहपुर द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के निरीक्षण के जांच प्रतिवेदन के अनुसार विभिन्न अनियमिततायें मिलने पर कलेक्टर श्री रोहित सिंह ने स्कूल शिक्षा विभाग के तीन लिपिकों को निलंबित किया है। कलेक्टर ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय गोटेगांव में पदस्थ सहायक ग्रेड- 3 श्री अतुल मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्थापना लिपिक सहायक ग्रेड- 3 श्री ललित किशोर कौरव और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लेखापाल श्री राजेश नामदेव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबित लिपिकों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी। निलंबन आदेश मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत जारी किये गये हैं। अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच किये जाने हेतु इन लिपिकों को निलंबित किया गया है।

निलंबन अवधि में श्री अतुल मिश्रा का मुख्यालय जनपद पंचायत सांईखेड़ा, श्री ललित किशोर कौरव का मुख्यालय तहसील कार्यालय गोटेगांव और श्री राजेश नामदेव का मुख्यालय जनपद पंचायत कार्यालय चीचली नियत किया गया है।

उल्लेखनीय है कि श्री अतुल मिश्रा के कार्यकाल के दौरान सुनियोजित ढंग से सांठगांठ कर 27 लाख रूपये की शासकीय का गबन हुआ था, जिसकी जांच जारी है। श्री ललित किशोर कौरव सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना कार्यालय से अनुपस्थित हैं, इस कारण से वांछित रिकार्ड प्राप्त नहीं होने से उक्त जांच प्रभावित हो रही है। श्री राजेश नामदेव द्वारा अशासकीय शालाओं की मान्यता एवं उनके नवीनीकरण के प्रकरणों में गड़बड़ी प्रथम दृष्टया प्रमाणित हुई है।

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