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April 28, 2024
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विप्र कुल शिरोमणि भारत के महान शहीद पंडित चन्द्रशेखर आज़ाद की पुण्यतिथि पर विनम्र शृद्धाजंलि,(दोहे)

विप्र कुल शिरोमणि भारत के महान शहीद पंडित चन्द्रशेखर आज़ाद की पुण्यतिथि पर विनम्र शृद्धाजंलि।

 

चंद्रशेखर आज़ाद (दोहे )

 सुशील शर्मा 

 

जन्म भाभरा में हुआ ,जगरानी थीं मात।

पंडित सीताराम घर ,जन्मा चंद्र प्रभात।

 

भील बालकों संग में ,पला बढ़ा था वीर।

शेरों के सँग खेल कर ,खूब चलाए तीर।

 

जलियाँवाला बाग में ,हुआ घोर संहार।

भारत के हर युवा का ,शस्त्र क्रांति आधार।

 

असहयोग का जब हुआ ,बापू का फरमान।

सड़कों पर थे सब युवा ,मन संकल्प महान।

 

गिरफ्तार शेखर हुए ,आंदोलन का दौर।

पंद्रह बेंत शरीर पर ,मिली सजा सिरमौर।

 

बेंत पड़े जब पीठ पर ,शेखर करे किलोल।

भारत माता हो अमर ,बस निकले मुख बोल।

 

लाला का बदला लिया ,कर सांडर को ढेर।

राजगुरु शेखर भगत ,थे भारत के शेर।

 

केंद्र सभा में बम चले ,हुआ विकट विस्फोट।

बटुकेश्वर श्री दत्त सँग ,करी भगत ने चोट।

 

भगत ,दत्त को जब मिला ,फाँसी का फरमान।

हँसते हँसते दे दिया,सर्वश्रेष्ठ बलिदान।

 

करें मंत्रणा पार्क में ,बैठे थे आज़ाद।

बाबर ने आकर किया ,गोली से संवाद।

 

अंतिम दम तक वो लड़े ,बची नहीं उम्मीद।

खुद को गोली मार कर ,शेखर हुए शहीद।

 

सत्ताइस थी फरवरी ,सन इकतीस सुधन्य।

अंतिम यात्रा पर गए ,शेखर रत्न अनन्य।

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