शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी सरस्वती महाराज का चातुर्मास्य परमहंसी मे होगा ,छोटे एवं बड़े दंडी स्वामी भी अपना इस वर्ष का चातुर्मास्य परमहंसी में ही करेंगे, गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को होगा ब्यास पूजन एवं कलश स्थापना
श्रीधाम।द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी सरस्वती महाराज का इस वर्ष चातुर्मास्य परमहंसी मे होगा। उनके प्रिय कृपा पात्र शिष्य दंडी स्वामी सदानंद जी सरस्वती ( बड़े स्वामी ) एवं दंडी स्वामी अविमुक्तरेश्वरानंद जी सरस्वती ( छोटे स्वामी ) भी इस वर्ष अपना चातुर्मास्य परमहंसी में ही करेंगे ।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य कारणो से 99 वर्षीय जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी म प्र के नरसिंहपुर जिले की तहसील गोटेगाँव (श्रीधाम ) मे स्थित अपनी तपो स्थली परमहंसी गंगा आश्रम ( झोतेश्वर ) मे काफी लम्बे समय से विराजमान है । उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिये यंहा आश्रम मे ही तमाम आवश्यक सुविधाये जुटाई गई है । फिलहाल उनका स्वास्थ्य बेहतर बताया गया है वे प्रतिदिन स्वयं पूजन अर्चन कर रहे है व श्रद्धालुओ को एक निश्चित समय पर दर्शन लाभ भी दे रहे है ।
आश्रम सूत्रो के अनुसार गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई से प्रारम्भ हो रहे चातुर्मास्य हेतू आवश्यक तैयारिया शुरु हो गई है । पहले दिन ब्यास पूजा व कलश स्थापना होगी तथा चातुर्मास्य का संकल्प लिया जायेगा ।