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April 27, 2024
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ढीमरखेड़ा से सिहोरा ग्राम पदयात्रा ने बनाया “सिहोरा जिला आंदोलन” को जनांदोलन,32 किमी की लंबी यात्रा में मिला अपार जनसमर्थन

ढीमरखेड़ा से सिहोरा ग्राम पदयात्रा ने बनाया “सिहोरा जिला आंदोलन” को जनांदोलन,32 किमी की लंबी यात्रा में मिला अपार जनसमर्थन
सिहोरा:-सिहोरा को जिला बनाने के आंदोलन में 26 जनवरी 2023 का दिन अपार आशाओं भरा रहा।ढीमरखेड़ा से सिहोरा तक घोषित ग्राम पदयात्रा की शुरुआत ढीमरखेड़ा से हुई जहाँ मुख्य बस स्टैंड थाने के सामने तिराहे पर स्थानीय जन थोड़े से आग्रह पर भारी संख्या में एकत्र हो गए।सभी ने एक स्वर में कहा कि सिहोरा से उनका संबंध रोटी-बेटी का है,वर्षो पुराना है।जबरदस्त आमसभा ढीमरखेड़ा में हुई जिसमें विधायक प्रतिनिधि के साथ दो जनपद सदस्य भी शामिल हुए।इसके बाद सारे ढीमरखेड़ा वासी सैकडों की संख्या में ग्राम पद यात्रा में ढीमरखेड़ा के अंतिम छोर तक शामिल हुए।सभी ने वचन दिया कि वे सिहोरा जिला की मांग का समर्थन करते है और आत्मा से सिहोरा जिला में शामिल होना चाहते है।


इसके बाद यात्रा *ज्योतिकी सिमरिया* पहुँची ग्राम के सरपंच अनेक ग्रामवासी साथ आए और लगभग एक किमी तक यात्रा में साथ रहे।
यात्रा का अगला पड़ाव *”बड़ी पोंडी”* रहा।यहाँ तो ढीमरखेड़ा से कहीं ज्यादा जनसमुदाय ग्राम के मध्य एकत्र हुआ।यहाँ भी ग्राम सरपंच ने सम्पूर्ण ग्राम की ओर से समर्थन की घोषणा की।ग्राम में विशाल आमसभा हुई और लगभग 100-150 लोग यात्रा के साथ मुख्य मार्ग तक पैदल आए।


*ख़िरवा और छोटी पोंडी* में भी सिहोरा जिला आंदोलन को अपार समर्थन और अपने ग्राम के विकास को सिहोरा जिला होने पर ही मानने वालो की शत प्रतिशत संख्या रही।
यात्रा का अगला ग्राम *शुक्ल पिपरिया* रहा।यहाँ यात्रा के पहुँचते ही ग्राम के हनुमान मंदिर में ग्रामवासियों ने दरी बिछा सभा की स्वयं व्यवस्था की।यहाँ का एक एक व्यक्ति उस दिन को कोस रहा था जब उनके ग्राम को सिहोरा तहसील से काट कर कटनी जिले में मिलाया गया था।यहाँ भी आक्रोश युक्त आमसभा हुई और सैकड़ो की संख्या में ग्रामवासी ग्राम के बाहर तक यात्रा के साथ पैदल चले।
*मडेरा,बम्हनी,महनेर* से होती हुई यात्रा जब *पान उमरिया* पहुँची तो यहाँ पूर्व से सैकड़ों की संख्या में लोग यात्रा का इंतजार कर रहे थे।एक बार फिर एक विशाल आमसभा यहाँ हुई और सभी ने सिहोरा के जिला बनने के संघर्ष में साथ आने का भरोसा दिलाया।उमरियापान के मुख्य चौराहे से सिहोरा की ओर के अंतिम छोर तक ग्रामवासी पैदल यात्रा के साथ आए।
पान उमरिया के बाद यात्रा खितौला से सिहोरा घूमती हुई रात 9 बजे सिहोरा बस स्टैंड में समाप्त हुई।
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने आशा व्यक्त की कि ढीमरखेड़ा से सिहोरा तक की इस यात्रा से अब ये तय हो गया कि “सिहोरा जिला”बनने का संघर्ष अगर इसी तरह जारी रहा तो जल्द ही सिहोरा ढीमरखेड़ा, मझौली और बहोरीबंद के साथ एक जिला होगा।अब आगे इसी प्रकार की यात्रा बहोरीबंद, मझौली से प्रारंभ की जाएगी।
ढीमरखेड़ा से दोपहर एक बजे प्रारम्भ हुई ग्राम पदयात्रा ने कुल 8 घंटे की यात्रा के दौरान दस ग्रामों तक संपर्क किया।इस यात्रा के दौरानआनंद मिश्रा,अटल बिहारी बाजपेयी,निरंजन प्रसाद,राम खिलावन मिश्रा,पारस पटेल, मुकेश शर्मा, विनय ज्योतिषी,सतीश ज्योतिषी,रामचरण पटेल,गया साहू,रमेश पटेल,संतोष पटेल,राजेन्द्र मिश्रा,कपिल पटेल,जगदीश झारिया,अर्जुन यादव,रमाकांत असाठी,संतोष कुमार,सत्य किशोर उपाध्याय, चक्रवेंन बर्मन, बसंत उपाध्याय,माधव पटेल,ललित कुमार,फूलचंद यादव,मुकेश पटेल,चंद्रशेखर पटेल,सोनू पटेल,शिवकुमार चौरसिया, अटल व्यौहार, शैलेंद्र पौराणिक, सिद्धार्थ रोहित,स्वतंत्र चौरसिया, मनोज चौरसिया, विराट पांडे,वंसस्वरूप चौरसिया सहित लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के नंदकुमार परौहा, अनिल जैन,कृष्णकुमार क़ुररिया,सियोल जैन,मानस तिवारी,मोहन सोंधिया,रामजी शुक्ला,सुखदेव कौरव,अमित बक्शी,पन्नालाल,विकास दुबे,सुशील जैन आदि मौजूद रहे।

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