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May 5, 2024
ADITI NEWS
सामाजिक

गाडरवारा ,एक पाती आदर्श विद्यालय के नाम, पंडित सुशील शर्मा की कलम से

एक पाती आदर्श विद्यालय के नाम

प्रिय आदर्श

आज जब तुम्हारे आँचल से विदाई ली तो लगा कि कुछ बहुत अपना छूट गया,एक दिल का टुकड़ा टूट गया,जीवन का एक सुनहरा स्वप्न बीत गया,तुम्हें याद है हम कुछ अल्हड़ तुम्हारी गोद में आये थे,तब तुमने कराहते हुए कहा था ,मैं बीमार हूँ क्या तुम सब मुझे सम्हाल सकते हो? हमने कहा था चिंता मत करो आदर्श हम तुम्हें सम्हालेंगे फिर हम जुट गए तुम्हारी कायाकल्प में,तुम्हारे पुराने साथियों ने कहा” ये साले नए लोग कुछ नहीं कर सकते इनकी औकात ही क्या है। ”

फिर विरोध स्नेह में बदल गया गालियाँ प्यार में बदल दी हम लोंगों ने,फिर जुट गए तुम्हें आदर्श बनाने में,लोग कहने लगे जिले का सबसे अच्छा स्कूल,सबसे अच्छा स्टाफ,न जाने कैसे 25 साल गुजर गए पुराने सब छूटते गए नए सब आते गए,हमने सबको अपने नेह पास में बांधा, पुरानों से सब सीखा नयों को सब सिखाया,साल दर साल तुमको ऊँचा उठाया,कुछ अड़चने आईं फिर कुछ अड़ंगे आये पर तुम्हारा साथ नहीं छूटा, विकास के पथ पर चलते रहे अविचल अडिग।

प्रिय आदर्श,तुमने जितना स्नेह दिया जितना मान सम्मान दिया वह अविस्मरणीय है,तुमने राज्यपाल सम्मान दिलवाया तुमने मेरे साहित्य को जिस ऊँचाई पर पहुंचाया वो मेरे लिए स्वप्न सा है, मेरे सम्मान को जिला,राज्य स्तर पर जो ख्याति दिलाई उसे मैं कभी भी विस्मृत नहीं कर सकता।

प्रिय आदर्श मुझ अदने को तुमने इतना दिया कि कई जन्मों तक मैं यह ऋण नहीं चुका सकता।

तुमने ही मुझे प्रेरणा दी कि मैं अब तुमसे दूर हो जाऊं,शायद तुम मुझे बहुत प्यार करने लगे थे और तुम्हें डर था कि तुम मुझे छोड़ नहीं पाओगे,मुझे मालूम है मेरे जाने पर तुम बहुत रोओगे,तुम्हें मेरी बहुत याद आएगी,मेरी हर छोटी छोटी बातें,मेरी हर ज्यादतियों की यादें तुम्हारे जेहन में मुस्कुरायेंगीं।

मीठी यादों का अंबार लिए जाता हूँ।

आत्मीय सौहार्द का संसार लिए जाता हूँ।

विदाई की बेला में आंसुओं की माला है

तुम्हारी दुआएं और प्यार लिए जाता हूँ।

तुमसे दूर होना जैसे माँ से दूर होना है बहुत कष्टप्रद है,लेकिन यही हकीकत है,आज तुम्हारा आँचल छूट गया,मन बहुत बोझिल है।

परिवर्तन ही जीवन है तुमने ही तो यह सीख दी है।

पथ में कांटे न होते तो

जीवन का आभास न होता।

मंजिल मंजिल न रह जातीं

मानव का इतिहास न होता।

प्रिय आदर्श आज जो तुम्हारे पास है सब बहुत अच्छे हैं तुम्हें हम लोगों से भी अच्छा सम्हालेंगे,तुम्हें ले जाएंगे उस ऊँचाई पर जहाँ हम सब गर्वित होंगे।सब अपनों से बस एक गुजारिश है।

यादों के भंवर में एक पल हमारा हो

खिलते चमन में एक गुल हमारा हो

जब याद करें आप अपनों को

उन यादों में एक जिक्र हमारा हो।

प्रिय आदर्श तुम हमेशा खुश रहो मुस्कुराते रहो,तुम हमारी यादों में हमेशा झिलमिलाते रहोगे।

मेरी हर गलती,हर ज्यादतियों को माफ करना।

तुम्हारा हमेशा ऋणी

मैं तुम्हारा।

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