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May 15, 2024
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नरसिंहपुर ,धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 9 अक्टूबर को विधानसभा निर्वाचन- 2023 की घोषणा के साथ ही निर्वाचन सम्बंधी गतिविधियां प्रारंभ हो गई हैं। निर्वाचन कार्यक्रम में असामाजिक तत्वों द्वारा भय एवं आतंक का वातावरण निर्मित करने, चुनाव के दौरान अस्त्र-शस्त्र तथा विस्फोटक सामग्री का प्रयोग चुनाव कार्य में बाधा डालने तथा मतदाताओं को भयभीत करने हेतु किया जा सकता है। उपरोक्त संभावनाओं को रोकने एवं संपूर्ण नरसिंहपुर जिले में आदर्श आचार संहिता के पालन एवं निर्बाध, स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन हेतु लोक परिशांति बनाये रखना आवश्यक है।

इसी उद्देश्य से जिला दण्डाधिकारी सुश्री ऋजु बाफना ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के तहत प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा जारी किया है।

जुलूस, आमसभा, रैली

जिले में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के अस्त्र- शस्त्र, बंदूक, रायफल, पिस्टल, भाला, बल्लम, बरछी, लाठी व अन्य प्रकार के हथियार व विस्फोटक सामग्री लेकर किसी भी सार्वजनिक स्थान, आमसभा/ रास्ता, सार्वजनिक सभाओं व अन्य स्थानों पर नहीं चलेगा। कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी सशस्त्र जुलूस नहीं निकालेगा, न ही आपत्तिजनक नारे लगायेगा और ना ही आपत्तिजनक पोस्टर वितरित करेगा।

यह आदेश जिले के उन शासकीय अधिकारियों- कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने शासकीय कार्य के संपादन के लिए लाठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय- कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगा जिन्हें चुनाव/ मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश जिले के उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा जिन्हें शारीरिक दुर्बलता/ वृद्धावस्था तथा लंगडापन होने के कारण लाठी रखना आवश्यक है।

जिला नरसिंहपुर के अंतर्गत संयुक्त कार्यालय कलेक्टर नरसिंहपुर, विर्निदिष्ट मतदान केन्द्रों, मतगणना स्थलों, तहसील, ब्लॉक एवं अनुविभागीय अधिकारियों के कार्यालयों के परिसरों एवं थानों में न धरना दिया जायेगा और न ही नारेबाजी की जावेगी। जिले में किसी भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति द्वारा आमसभा, जुलूस एवं धरना आयोजित करने के पूर्व निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित पोर्टल पर अनुमति ली जाएगी। अनुमति प्रथम आओ- प्रथम पाओ के सिद्धांत के आधार पर दी जाएगी। किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन में राजनैतिक प्रचार-प्रसार नहीं किया जायेगा। किसी व्यक्ति/ राजनैतिक दल द्वारा कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जायेगा, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच मतभेदों को बढाये, घृणा की भावना उत्पन्न करे एवं साम्प्रदायिक तनाव पैदा करे। सार्वजनिक कार्यक्रम में अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना उनकी नीतियों और कार्यों तक ही सीमित रहेगी। व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं की जायेगी, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो। सार्वजनिक रूप से किसी भी ऐसे आरोप की आलोचना नहीं की जायेगी, जिनकी सत्यता प्रमाणित नहीं हुई हो।

कोई भी व्यक्ति मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं देगा। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में उपयोग नहीं करेगा। कोई व्यक्ति निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध नहीं करेगा, जैसे- मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदान केन्द्रों से 100 मीटर के भीतर चुनाव प्रचार, मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले पिछले 48 घंटे की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना, मतदाताओं को वाहनों से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहाँ से वापस लाना तथा जिले के बाहर निवासरत मतदाताओं को मतदान हेतु जिले में लाना- ले जाना।

प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्ररहित घरेलू जीवन के अधिकार का आदर किया जायेगा। किसी भी व्यक्ति के घर के सामने धरना या प्रदर्शन नहीं किया जायेगा। आमसभा, जुलूस एवं धरना आयोजित करने की अनुमति सम्बंधित रिटर्निंग आफीसर द्वारा सम्बंधित थाने से अनुशंसा प्राप्त करने के उपरांत ही दी जाएगी। राजनैतिक दलों द्वारा आयोजित सभाओं, जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न नहीं की जायेंगी और ना ही उन्हें भंग किया जायेगा। जुलूस उस स्थान से होकर नहीं ले जाये जायेंगे, जिन स्थानों पर पूर्व से सभाएं चल रही हों। एक दल द्वारा लगाये गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं हटाए जायेंगे। किसी भी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय की अनुमति सम्बंधित विधानसभा के रिटर्निंग आफीसर से प्राप्त होने पर उसकी प्रति सम्बंधित पुलिस थाने को पर्याप्त समय पूर्व दी जायेगी, ताकि उनके द्वारा यातायात को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा सके।

किसी भी प्रस्तावित स्थान पर सभा करने के पूर्व यह सुनिश्चित किया जायेगा कि उस स्थान पर जहां सभा करने का प्रस्ताव है कोई प्रतिबंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा लागू नहीं है यदि ऐसे प्रतिबंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा) लागू हों, तो उनका कडाई के साथ पालन किया जायेगा। किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउड स्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिए अनुमति प्राप्त करना हो, तो सम्बंधित विधानसभा के रिटर्निंग आफीसर से अनुमति प्राप्त की जायेगी। सम्बंधित विधानसभा के रिटर्निंग आफीसर इस हेतु सक्षम अधिकारी रहेंगे। किसी सभा के आयोजक, सभा में विघ्न डालने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करगें। आयोजक स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं करेंगे।

जुलूस का आयोजन करने के पूर्व यह पहले निश्चित कर लिया जाएगा कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जाएगा और किस समय और किस स्थान पर समाप्त होगा। सामान्यतः निर्धारित कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा। आयोजकों द्वारा जुलूस का इंतजाम ऐसे ढंग से किया जायेगा, जिससे यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न न हो। यदि जुलूस बहुत लंबा हो तो उसे उपयुक्त लम्बाई वाले टुकड़ों में विभाजित किया जाएगा, ताकि सुविधाजनक अंतरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर, जहां जुलूस को चौराहों से होकर गुजरना है, रूके हुए यातायात के लिए समय-समय पर रास्ता दिया जा सके। जहाँ तक संभव हो, जुलूसों को सड़क के दायीं ओर रखा जाये और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

जुलूस में कोई भी व्यक्ति ऐसी वस्तु लेकर नहीं चलेगा, जिससे उत्तेजना फैले व शांति व्यवस्था प्रभावित हो। इस संबंध में आयोजक समुचित नियंत्रण रखेंगे। किसी भी व्यक्ति का पुतला लेकर चलने, प्रदर्शन करने व उसके दहन की कार्यवाही पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी।

आदर्श आचार संहिता का पालन

यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतदान शांतिपूर्वक और सुव्यवस्थित ढंग से हो और मतदाताओं को इस बात की पूरी स्वतंत्रता हो कि वे बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। इस हेतु निर्वाचन कर्त्तव्य पर लगे अधिकारियों के साथ सहयोग किया जायेगा। मतदान दिवस पर कार्यकर्ता अपने पहचानपत्र अनिवार्य रूप से लगाएंगे। मतदाताओं को दी गई पहचान पर्चियां सादे कागज पर होंगी और उन पर कोई प्रतीक, अभ्यर्थी या दल का नाम नहीं होगा। मतदान समाप्त होने के समय से 48 घंटे पूर्व से शराब की दुकाने बंद रखी जाएंगी। अतः इस अवधि में किसी अभ्यर्थी द्वारा न तो शराब खरीदी जाये और न ही उसे किसी व्यक्ति को पेश या वितरित की जाये प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा अपने कार्यकर्त्ताओं को भी ऐसा करने से रोका जाना चाहिए।

मतदान केन्द्रों के निकट लगाये गये केंम्पों में तथा उनके आसपास अनावश्यक भीड़ इकट्ठी नहीं की जायेगी, जिससे दलों और अभ्यर्थियों के कार्यकर्ताओं के बीच आपस में तनाव न हो। अभ्यर्थियों के कैंप साधारण होंगे उन पर कोई पोस्टर, झण्डे, प्रतीक या कोई अन्य प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं की जाएगी। कैम्पों में खाद्य पदार्थ वितरित नहीं किये जाएंगे और भीड़ नहीं लगाई जाएगी। मतदान के दिन वाहन चलाने पर लगाये जाने वाले निर्बन्धनों का पालन किया जाएगा और वाहनों के लिए सक्षम अधिकारी से परमिट प्राप्त कर ऐसे स्थान पर लगाया जायेगा, जिससे वे साफ-साफ दिखाई देते रहें। उन्हें वाहन पर मतदाताओं के सिवाय कोई भी व्यक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये विधिमान्य पास के बिना मतदान केन्द्रों में प्रवेश नहीं करेगा।

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आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का कड़ाई से पालन किया जायेगा। यदि किसी व्यक्त्ति द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जावेगा, तो वह भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 188 एवं अन्य युक्तियुक्त अधिनियमों के अंतर्गत दण्ड का भागी होगा। यह आदेश धारा 144(2) दं.प्र.सं. 1973 के अंतर्गत जारी किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। यह आदेश विधानसभा निर्वाचन- 2023 संपन्न होने तक प्रभावशील रहेगा।

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