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April 28, 2024
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सामाजिक

अयोध्या में कई विकास परियोजनाओं के उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास पर प्रधानमंत्री का संबोधन

अयोध्याजी के सभी लोगों को मेरा नमस्कार! आज पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रही है। ऐसे में अयोध्यावासियों में ये हौसला, ये उमंग बहुत ही अहंकारी है। भारत की मिट्टी के कण-कण और भारत के जन-जन का मैं पुजारी हूं और मैं भी आपकी तरह का निर्माण ही चाहता हूं। हम सभी का ये उत्साह, ये साज़िश, थोड़ी देर पहले अयोध्याजी की छुट्टियों पर भी पूरी तरह नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि पूरी अयोध्या नगरी ही सड़क पर उतर रही है। इस प्यार, इस आशीर्वाद के लिए मैं आप सभी का दिल से स्वागत करता हूं। मेरे साथ बोलिये- शिववर राम चन्द्र की…जय। शिवराम चन्द्र की…जय। शिवराम चन्द्र की…जय।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, यहां के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी,

 

मेरे परिवार में मेरे सहयोगी मंत्रोच्चार जी, अश्विनी वैष्णव जी, वी के सिंह जी, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या जी, मतदाता पाठक जी, यूपी सरकार के अन्य विधायक गण, और विशाल संख्या में मेरे परिवार आये!

 

देश के इतिहास में 30 दिसंबर की ये तारीख बहुत ही ऐतिहासिक रही है। आज के ही दिन, 1943 में ग़ुलाम सुभाषचंद्र बोस ने अंडमान में झंडा फहराकर भारत की आज़ादी का जयघोष किया था। प्रदर्शनकारियों के आंदोलन से जुड़े ऐसे पावन दिवस पर, आज हम आजादी के अमृतकाल के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं। आज विकसित भारत के निर्माण को गति प्रदान के अभियान को अयोध्या नगरी से नई ऊर्जा मिल रही है। आज यहां 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के विकास कार्यों की मूर्तियां और स्मारक हुए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े ये काम, आधुनिक अयोध्या को देश के आरक्षण पर फिर से गौरव के साथ स्थापित करेंगे। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच ये कार्य अयोध्यावासियों के लिए कठिन परिश्रम का परिणाम है। मैं सभी अयोध्यावासियों को सलाह के लिए अनेक-अनेक बधाई देता हूं।

 

मेरे परिवारजन,

 

दुनिया में कोई भी देश हो, अगर उसे विकास की नई पाइपलाइन मिलती है, तो उसे अपनी विरासत को संभालना ही होगा। हमारी विरासत, हमें प्रेरणा स्रोत है, हमें सही मार्ग दिखाना है। इसलिए आज का भारत, संस्कृति और नूतन दोनों का संकल्प आगे बढ़ता जा रहा है। एक समय था जब अयोध्या में राम लला रेस्तरां में थे। आज पक्का घर सिर्फ राम लला को ही नहीं बल्कि पक्का घर देश के चार करोड़ गरीबों को भी मिला है। आज भारत आपके तीर्थों को भी संवार रहा है, तो वहीं डिजिटल तकनीक की दुनिया में भी हमारा देश छाया हुआ है। आज भारत में काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण के साथ ही देश में 30 हजार से अधिक पंचायत भवन भी बन रहा है। आज देश में सिर्फ केदार धाम का पुनरुद्धार ही नहीं हुआ बल्कि 315 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज भी बने हैं। आज देश में महाकाल महालोक का निर्माण ही नहीं हुआ बल्कि हर घर जल योजना के लिए पानी की 2 लाख से ज्यादा टंकियां भी बनवाई गई हैं। हम चांद, सूरज और समुद्र की गहराइयों को भी नाप रहे हैं, तो पौराणिक अपनी मूर्तियों को भी रिकॉर्ड संख्या में भारत वापस ला रहे हैं। आज के भारत का मिज़ाज, यहाँ अयोध्या में साफ़ दिखता है। आज यहां प्रगति का उत्सव है, तो कुछ दिन बाद यहां परंपरा का उत्सव भी होगा। आज यहां विकास की भव्यता दिख रही है, तो कुछ दिन बाद यहां विरासत की भव्यता और दिव्यता दिखने वाली है। यही तो भारत है। विकास और विरासत की यही साझा ताकत, भारत को 21वीं सदी में सबसे आगे ले जाएगी।

 

मेरे परिवारजन,

 

प्राचीन काल में अयोध्यानगरी कैसी थी, इसका वर्णन स्वयं महर्षि वाल्मिकी जी ने विस्तार से किया है। उन्होंने लिखा है – कोसलो नाम मुदितः सफितो जिलाओ महान्। निविष्ट सरयूतिरे प्रभूत-धन-धान्यवान्। अर्थात्, वाल्मिकी जी कहते हैं कि महान अयोध्या धन-धान्य से समृद्ध थी, समृद्धि के शिखर पर थी, और आनंद से भरपूर हुई थी। यानी, अयोध्या में विज्ञान और वैराग्य तो था ही, उसका वैभव भी शिखर पर था। अयोध्या नगरी की वही पुरातन पहचान हमें आधुनिकता से जोड़कर वापस लाना है।

 

साथियों,

 

आने वाले समय में अयोध्या नगरी, अवध क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे यूपी के विकास को ये हमारी अयोध्या दिशा देने वाली है। अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के बाद यहां आने वाले लोगों की संख्या में बहुत बड़ी वृद्धि होगी। इस पर ध्यान देते हुए हमारी सरकार ने कहा, अयोध्या में हजारों करोड़ रुपये का विकास कार्य चल रहा है, अयोध्या को स्मार्ट बनाया जा रहा है। आज अयोध्या में सड़कों पर नए फुटपाथ बन रहे हैं। आज अयोध्या में नए फ्लाईओवर बन रहे हैं, नए पुल बन रहे हैं। अयोध्या को आसपास के छात्रों से जोड़ने के लिए भी ट्रैफिक के शिक्षकों में सुधार किया जा रहा है।

 

साथियों,

 

आज मुझे अयोध्या धाम एयरपोर्ट और अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का पवित्र करने का सौभाग्य मिला है। मुझे खुशी है कि अयोध्या हवाईअड्डे का नाम महर्षि वाल्मिकी के नाम पर रखा गया है। महर्षि वाल्मिकी ने हमें रामायण के माध्यम से प्रभु श्रीराम के कृतित्व से परिचित कराया। महर्षि वाल्मिकी के लिए प्रभु श्रीराम ने कहा था- “तुम त्रिकालदर्शी मुनिनाथ, विश्व बदर जिमि तुम्हारे हाथा।” यानी, हे मुनिनाथ! आप त्रिकालदर्शक हैं। पूरी दुनिया में आपके लिए पथरी पर आधारित बियर के समान है। ऐसे त्रिकाल निर्देशक महर्षि वाल्मिकी जी के नाम पर अयोध्या धाम हवाई अड्डे का नाम, इस हवाई अड्डे में आने वाले हर यात्री को धन्यवाद। महर्षि वाल्मिकी रचित रामायण वो ज्ञान मार्ग है जो हमें प्रभु श्रीराम से स्वीकार करता है। आधुनिक भारत में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम, हमें दिव्य-भव्य-नवय राम मंदिर से जोड़ा गया। जो ये नया एयरपोर्ट बना है, उसकी क्षमता हर साल 10 लाख यात्रियों को सेवा देने की है। जब इस हवाईअड्डे के दूसरे चरण का काम भी पूरा हो जाएगा तो महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर हर साल 60 लाख यात्री ए-जा फ़ायदेमंद होंगे। अभी अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर हर रोज 10-15 हजार लोगों की सेवा करने की क्षमता है। स्टेशन का पूरा विकास के बाद अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर हर रोज 60 हजार लोग आ-जा रहे हैं।

 

साथियों,

 

एयरपोर्ट-रेलवे यूके के अलावा आज यहां कई पथों का, एयरपोर्ट का भी उल्लेख हुआ है। रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ और श्रीराम जन्मभूमि पथ से मुक्ति और सुगमता। अयोध्या में आज ही कार का लोक-चित्रण किया गया है। मैं नए मेडिकल कॉलेज से यहां आया हूं, जहां स्वास्थ्य की सुविधाएं और विस्तार होगा। सरयू जी की निर्मलता बनी रहे, इसके लिए भी डबल इंजन सरकार पूरी तरह से समर्पित है। सरयू जी में पानी पिलाने वाले को रोकने के लिए भी काम शुरू हो गया है। राम की पैड़ी को एक नया स्वरूप दिया गया है। अयोध्या में बन रही है नई टाउनशिप, यहां के लोगों का जीवन और आसान तरीके से बनाया जाएगा काम। विकास के कार्य से अयोध्या में रोजगार और पद के नये अवसर भी लिये जायेंगे। इसके अंतर्गत यहां के टैक्सी वाले, चित्र वाले, होटल वाले, ढाबे वाले, प्रसाद वाले, फूल वाले, फूल वाले, पूजा की सामग्री वाले, हमारे छोटे-मोटे दोस्त भाई, सभी के आय स्टैण्ड वाले हैं।

 

मेरे परिवारजन,

 

आज यहां आधुनिक रेलवे के निर्माण की दिशा में एक और बड़ा कदम देश ने उठाया है। वंदे भारत और नमो भारत के बाद, आज एक और आधुनिक ट्रेन देश को मिला है। इस नई ट्रेन सिरीज़ का नाम अमृत भारत ट्रेन रखा गया है। वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत की ये त्रिशक्ति, भारतीय रेलवे का नारा जा रही है। इससे बड़ी खुशी की बात यह हो सकती है कि यह पहली अमृत भारत ट्रेन अयोध्या से गुजर रही है। दिल्ली-दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन, दिल्ली-यूपी-बिहार के लोगों की यात्रा को आधुनिक बनाएगी। इससे बिहार के लोग भव्य राममंदिर में विराजने जा रहे हैं रामलला के दर्शन और सहजता से निर्माण करेंगे। ये आधुनिक अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें, विशेष रूप से हमारे गरीब परिवार, हमारे श्रमिक साथी बहुत मदद करते हैं। श्रीराम चरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है- पर हित सरिस धरम नहीं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई। अर्थात्, लेखों की सेवा करने से बड़ा और कोई धर्म, कोई और कर्तव्य नहीं है। आधुनिक अमृत भारत ट्रेन गरीब की सेवा भावना से ही शुरू की गई हैं। जो लोग अपने काम के कारण बार-बार लंबी दूरी की यात्राएं करते हैं, वे भी आधुनिक और आरामदायक यात्राओं के लिए उपयुक्त हैं। गरीबों के जीवन की भी गरिमा है, इसी ध्येय के साथ इन किताबों को डिजाइन किया गया है। आज ही पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के साथियों को उनके राज्य की पहली अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिली है। मैं इन राज्यों को भी अमृत भारत की बधाई देता हूं।

 

मेरे परिवारजन,

 

विकास और विरासत को जोड़ने में वंदे भारत एक्सप्रेस बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, काशी के लिए चली थी। आज देश के 34 रूटों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। काशी, वैष्णो देवी के लिए कटरा, मग़रिबा, ईस्टर, नागार्जुन, शिरडी, अमृतसर, मदुरै, आस्था के ऐसे हर मंदिर को वंदे भारत जोड़ रही है। इसी कड़ी में आज अयोध्या को भी वंदे भारत ट्रेन का तोहफा मिला है। आज अयोध्या धाम जंक्शन – आनंद विहार वंदे भारत की शुरुआत हुई। इसके अलावा आज कटरा से दिल्ली, अमृतसर से दिल्ली, कोयंबटूर-बेंगलुरु, मंगलुरु-मडगांव, जालना-मुंबई इन शहरों के बीच भी वंदे भारत की नई मस्जिदें उभरी हैं। वंदे भारत में गति भी है, वंदे भारत में आधुनिकता भी है और वंदे भारत में आत्मनिर्भर भारत का गौरव भी है। बहुत ही कम समय में वंदे भारत से करोड़ों से अधिक यात्री यात्रा कर चुके हैं। खास तौर पर युवा पीढ़ी को ये ट्रेन बहुत पसंद आ रही है।

 

साथियों,

 

हमारे देश में प्राचीन काल से ही तीर्थराज का अपना महत्व है, अपना गौरवशाली इतिहास बना हुआ है। बद्री विशाल सेतुबंध राम राम की यात्रा, गंगोत्री से गंगासागर की यात्रा,

 

द्वारकाधीश से जगन्नाथपुरी की यात्रा, द्वादश ज्योतिर्लिगों की यात्रा, चार धामों की यात्रा, कैलाश मानसरोवर यात्रा, तीर्थयात्रा, शक्तिपीठों की यात्रा, पंढरपुर यात्रा, आज भी भारत के कोने-कोने में कोई ना कोई यात्रा मित्र रहता है, लोग आस्था के साथ हैं आपके जुड़ते रहते हैं। तमिल में भी कई यात्राएँ प्रसिद्ध हैं। शिवस्थल पाद यातिराई, मुरुगनुक्कु कावड़ी यातिराई, वैष्णव तीर्थपदी यातिराई, अम्मन त्रिलत्तल यातिराई, केरला में सबरीमाला हो यात्रा, आंध्र-तेलंगाना में मेदाराम में सम्मक्का और सरक्का की यात्रा हो, नागोबा यात्रा, इनमें लाखों की संख्या में अवशेष बचे हैं। यहां बहुत कम लोगों को पता होगा कि केरल में भगवान राम और उनके श्रमिक भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के धाम भी जाते हैं। यह यात्रा नालंबलम यात्रा के नाम से जानी जाती है। इसके अलावा देश में कितनी ही टिप्पणियां भी जारी रहती हैं। गुड़हल की प्रतिमा, पंचकोसी प्रतिमा, चौरासीकोसी प्रतिमा, ऐसी प्रतिमा और प्रतिमाओं से हर भक्त की ईश्वरीय प्रतिमा और मजबूत होती है। बौद्ध धर्म में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थान, लुंबिनी, कपिलवस्तु, सारनाथ, नासिक की यात्राएँ होती हैं। राजगीर बिहार में बौद्ध भिक्षुओं की प्रशंसा होती है। जैन धर्म में पावागढ़, मे सम्द सुमाजी, पालीताना, कैलास की यात्रा हो, सिखों के लिए पंच तख्त यात्रा और गुरु धाम की यात्रा हो, अरुणाचल प्रदेश में उत्तर पूर्व में परशुराम कुंड की विशाल यात्रा हो, इनमें शामिल होने के लिए साधू संपूर्ण आस्था से जुड़े हुए हैं। हैं। देश भर में शामिल होने से हो रही इन किताबों के लिए वैसे ही अजीबोगरीब चरित्र भी मिलते हैं। अब अयोध्या में हो रहे हैं ये निर्माण कार्य, यहां आने वाले हर रामभक्त के लिए अयोध्या धाम की यात्रा, भगवान के दर्शन और आसान यात्रा।

 

साथियों,

 

ये ऐतिहासिक स्थल, हम सभी के जीवन में बहुत सौभाग्यशाली है। हमें देश के लिए नव संकल्प लेना है, खुद को नई ऊर्जा से भरना है। इसके लिए 22 जनवरी को आप सभी अपने घर में, मैं पूरे देश के 140 करोड़ देशवासियों को अयोध्या की इस पवित्र भूमि से प्रार्थना कर रहा हूं, अयोध्या की प्रभु राम की नगरी से प्रार्थना कर रहा हूं, मैं 140 करोड़ देशवासियों को हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं प्रार्थना कर रहा हूं, कि आप 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्रभु राम मंदिर बनें, अपने घरों में भी श्रीराम ज्योति जलाएं, दीपावली मनाएं। 22 जनवरी की शाम पूरे हिंदुस्तान में जगमग-जगमग होना चाहिए। लेकिन साथ ही, मेरे सभी देशवासियों से एक करबद्ध प्रार्थना और भी है। हर किसी की ख्वाहिश है कि 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम का गवाह बने वो स्वयं अयोध्या में लेकिन आप ये भी जानते हैं कि हर किसी का आना संभव नहीं है। अयोध्या में सभी राम भक्तों को बहुत मुश्किल है और इसलिए सभी राम भक्तों को, अयोध्या के राम भक्तों को, प्रदेश के राम भक्तों को मेरा उत्तर प्रदेश के राम भक्तों को प्रणाम के साथ प्रार्थना है। मेरा अनुरोध है कि 22 जनवरी को एक बार डेक्स प्रोग्राम हो जाने के बाद, 23 तारीख के बाद, अपनी सुविधा के अनुसार वो अयोध्या अटेंडेंट, अयोध्या आने का मन 22 तारीख को न तय करें। प्रभु राम जी को ऐसा आनंद तो हम भक्त कभी नहीं दे सकते। प्रभु राम जी पधार रहे हैं तो हमें भी कुछ दिन इंतजार है, 550 साल इंतजार है, कुछ दिन और इंतजार रहेगा। और सुरक्षा के दावे से, व्यवस्था के आवेदन से, मेरी आप सबसे बार-बार प्रार्थना है कि कृपया करिए, क्योंकि अब प्रभु राम के दर्शन, अयोध्या के नव्य, भव्य, दिव्य मंदिर वाले आने से पहले के दर्शन के लिए उपलब्ध है। आप जनवरी में आये, फरवरी में आये, मार्च में आये, एक साल बाद आये, दो साल बाद आये, मंदिर ही है। और इसलिए 22 जनवरी को यहां पहुंचने के लिए भीड़-भजन करने से बचिए ताकि यहां जो व्यवस्था है, मंदिर के जो उपदेश लोग हैं, मंदिर का जो विश्वास है, उसने हमें इतना पवित्र काम किया है, इतनी मेहनत की है, पिछले 3-4 साल से दिन-रात काम किया है, हमारी तरफ से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, और इसलिए मैं बार-बार आग्रह करता हूं कि 22 को यहां पहुंचने का प्रयास न करें। कुछ ही लोगों को पता चला है कि वे लोग आएंगे और 23 के बाद सभी देशवासियों के लिए आना बड़ा आसान हो जाएगा।

 

साथियों,

 

आज मेरा एक आग्रह है मेरे अयोध्या के भाई-बहनों से। आप देश और दुनिया के अनगिनत अन्वेषकों के लिए तैयार हैं। अब देश-दुनिया के लोग लगातार, हर रोज अयोध्या में लाखों की संख्या में लोग आते हैं। अपनी-अपनी सुविधा से आएंगे, कोई एक साल में आएगा, दो साल में आएगा, दस साल में आएगा लेकिन लाखों लोग आएंगे। और ये समुद्र अब अनंत काल तक जारी, अनंत काल तक जारी। इसलिए अयोध्यावासी आपसे भी एक संकल्प लेते हैं। और ये संकल्प है- अयोध्या नगर को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाना। ये अयोध्या अयोध्या ये अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी है। और इसके लिए हमें मिलकर हर कदम उठाना है। मैं आज देश के सभी तीर्थों और तीर्थों से अपना आग्रह दोहराऊंगा। देश भर के लोगों से मेरी प्रार्थना है। भव्य राम मंदिर के निर्माण के निमित्त, एक सप्ताह पहले, 14 जनवरी, मकर संक्रांति के दिन से पूरे देश में छोटे-मोटे सभी तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता का एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जाना चाहिए। हर मंदिर, हिंदुस्तान के हर कोने में हमें स्वच्छता का अभियान मकर संक्रांति 14 जनवरी से 22 जनवरी तक हमें चलाना चाहिए। प्रभु राम पूरे देश में हैं और प्रभु राम जी जब आ रहे हैं तो हमारा एक भी मंदिर है, हमारा एक भी तीर्थ क्षेत्र है, उनके और उनके क्षेत्र के क्षेत्र का अस्वच्छ नहीं होना चाहिए, गंदगी नहीं होना चाहिए।

 

साथियों,

 

अब से कुछ देर पहले मुझे अयोध्या नगरी में एक और सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आज मेरे लिए खुशी की बात है कि ये स्टूडियो मुझे मिला कि 10 करोड़वीं मेहमान बहन के घर मुझे चाय पीने का मौका मिला। जब 1 मई, 2016 को हमने यूपी के बलिया से ताजिया योजना शुरू की थी, तो कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि यह योजना सफलता की ओर ले जाएगी। इस योजना में लाखों परिवार वालों का जीवन हमेशा के लिए बदल दिया गया है, उन्हें लकड़ी के आभूषणों से मुक्ति मिली है।

 

साथियों,

 

हमारे देश में गैस कनेक्शन का काम 60-70 साल पहले शुरू हुआ था। यानि 6-7 दशक पहले। लेकिन 2014 तक हालत ये थी कि 50-55 साल में सिर्फ 14 करोड़ गैस कनेक्शन ही दिए जा चुके थे। यानी पांच दशक में 14 करोड़। जबकि हमारी सरकार ने एक दशक में 18 करोड़ नए गैस कनेक्शन दिए हैं। और इस 18 करोड़ में 10 करोड़ गैस कनेक्शन मुफ्त में दिए गए हैं…उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए हैं। जब गरीबों की सेवा की भावना हो, जब नियत नेक हो तो इसी तरह से काम होता है, इसी तरह के नतीजे मिलते हैं। इनमें से कुछ लोग मेरे मित्र हैं कि मोदी की मासूमियत में इतनी ताकतें क्यों हैं।

 

मोदी के अहित में इतनी ताकतें हैं क्योंकि मोदी जो कहते हैं, वो करने के लिए जीवन खपा देते हैं। मोदी की भलाई पर देश को पूरा भरोसा है… क्योंकि आज मोदी जो भलाई करते हैं, उसे पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देते हैं। ये अयोध्या नगरी भी तो इसकी साक्षी है। और मैं आज अयोध्या के लोगों को फिर से विश्वास दिलाता हूं कि इस पवित्र धाम के विकास में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। श्रीराम हम सभी को आशीर्वाद दें, यही कामना है कि हम आपकी वाणी को विराम देते हैं। प्रभु श्री राम को प्रणाम करता हूँ। और आपको समाजवादी विकास सेवा की बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिए –

जय सियाराम!

जय सियाराम!

जय सियाराम!

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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