गाडरवारा। ग्राम कोठिया में जारी श्री राम महायज्ञ के अंतर्गत श्री राम कथा में गत दिवस कथा प्रवक्ता सुश्री दीपिका जी ने कहा की मुस्कान को शास्त्रों में कहीं-कहीं हवन बताया है। हवन में शुभ सामग्रियों की आहुतियां दी जाती हैं और उससे जो धूनी निकलती हैं,उसकी पवित्रता से सारा वातावरण शुद्ध हो जाता है। हंसी को, मुस्कान को हवन इसीलिए कहा गया है कि जीवन के यज्ञकुंड में अपनी प्रसन्नता की आहुति दीजिए और आसपास के वातावरण को पॉजिटिव करिए। क्योंकि संघर्ष के दौर में तनाव, उदासी व चिड़चिड़ापन नुकसान पहुंचाएगा।उन्होंने कहा कि श्रीराम-रावण युद्ध में हनुमान जी के नेतृत्व में वानर रावण का यज्ञ ध्वस्त कर चुके थे। रावण फिर से युद्ध मैदान में पहुंच गया। तब देवताओं ने रामजी से कहा, इस दुष्ट को मार दीजिए। इस दृश्य पर तुलसीदासजी ने लिखा- ‘देव बचन सुनि प्रभु मुसुकाना। उठि रघुबीर सुधारे बाना।।’ देवताओं की बात सुन श्रीराम मुस्कुराए और फिर अपने बाण तैयार किए। एक तरफ युद्ध खड़ा है, हिंसा हो रही है, दूसरी ओर रामजी मुस्कुरा रहे हैं। राम संदेश देना चाहते हैं कि रावण से युद्ध करते हुए मैं किसी प्रकार के तनांव और दबाव में नहीं हूं। बड़े काम, आंतरिक प्रसन्नता के साथ किए जाने चाहिए और मुस्कान उसका झोंका है। उन्होंने कहा की रावण नई-नई शक्लों में इन दिनों हमारे आसपास है। आप कितने ही परेशान हो, प्रसन्नता मत छोड़िएगा। उस प्रसन्नता को प्रेरणा देने के लिए मुस्कान है। हर विपरीत समय में भी मुस्कुराते रहिए..। विदित हों की 16 फरवरी को पूर्णिमा पर भंडारे व पुर्णाहुति के साथ यज्ञ का समापन होगा । यज्ञ में प्रतिदिन अनेक श्रद्धालु शामिल होकर धर्म लाभ ले रहे है।