दमोह (हटा) कम समय में वेदियो का निर्माण, नई प्रतिमाओं की प्रतिष्ठित होना एवं उन्हे विराजमान करना यह सब कार्य प्रभु की कृपा से हो रहा है। सभी ने इस कार्य में बहुत सहयोग किया, यह कार्य यहां एक परिवार ही करा सकता था लेकिन सब जन इस पुण्य कार्य से जुडे सबकी भावना भगवान से जुडे इसके लिए सबका सहयोग जरूरी था। सभी के सहयोग से ही यह कार्य संभव हो पाया है। आचार्य श्री द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमा मंदिर जी में विराजमान हुई है, प्रतिमा प्रदाता, वेदी निर्माता एवं किसी भी प्रकार का सहयोग देने वाले को इसका अभिमान नहीं आना चाहिए कि ये कार्य मेरे द्वारा ही संभव था, मंदिर से सब जुडे यह प्रयास होना चाहिए, यह बात आर्यिकारत्न श्री गुणमति माता जी ने आज श्री दिगम्बर जैन त्रमूर्ति मंदिर में नई प्रतिमाओं के महा मस्ताभिषेक के पूर्व अपने मंगल प्रवचन में कही, उन्होने दृष्टांत सुनाते हुए कहा कि नींव का पत्थर कभी दिखाई नहीं देता लेकिन उसके कार्य दायित्व को कभी नकारा नहीं जा सकता है, काम नाम ने लिए नहीं बल्कि परिणाम के लिए होना चाहिए,। ब्रम्हचारी अनुराग भईया, आदित्य भईया, पंडित अंकित भैया के निर्देशन में सभी नई प्रतिमाओं का महामस्ताभिषेक किया गया। सकल समाज के द्वारा इस कार्य में अपनी भागीदारी दर्ज कराई गई, इस अवसर पर बडी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।