कलेक्टर ने ली समय सीमा की बैठक
नरसिंहपुर।कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय सीमा की बैठक ली। कलेक्टर ने जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना व मसूर की खरीदी की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी उपार्जन केन्द्रों में खरीदी व्यवस्थित तरीके से शुरू हो जाये। किसानों को स्लॉट बुकिंग में कोई समस्या नहीं आना चाहिये। खरीदी केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार शतप्रतिशत बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। खरीदी के संबंध में स्वसहायता समूहों को ट्रेनिंग दी जाये। एसडीएम स्वसहायता समूह की महिलाओं को प्रेरित करें, उनसे संबंधित खरीदी केन्द्रों पर कोई अन्य एजेंसी खरीदी न करें, इसकी मॉनीटरिंग करें। एसडीएम/ तहसीलदार, पटवारी खरीदी केन्द्रों की रेंडम जांच करें। बैठक में अवगत कराया गया कि जिले में गेहूं उपार्जन के लिए 69 खरीदी केन्द्र और चना/ मसूर उपार्जन के लिए 23 केन्द्र बनाये गये हैं।
कलेक्टर सुश्री बाफना ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले में बेमौसम बारिश एवं ओलों से जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं, उनको पात्रतानुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें। जिले की सभी गौशालाओं में चारा, भूसा एवं पीने के पानी की समुचित व्यवस्था एवं गौशालाओं की चरनोई भूमि से अतिक्रमण हटवाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जिले में खुले बोरवेल अथवा कुँए, बावड़ियों को सूचीबद्ध करने का कार्य पटवारी एक सप्ताह के भीतर करें। उक्त कार्य की मॉनीटरिंग एसडीएम स्तर पर सख्ती से की जाये। कलेक्टर सुश्री बाफना ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि जिले में सुगर मिलों द्वारा गन्ना किसानों के भुगतान की मॉनीटरिंग करें और संबंधित किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करायें।
सुश्री बाफना ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में यह सुनिश्चित किया जावे कि केवल पात्र महिलाओं को ही लाभ मिले। जिन महिलाओं को आधार लिंक और डीबीटी इनेबल्ड है, उनको बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है। जिन महिलाओं के आधार बैंक खाते से लिंक एवं डीबीटी इनेबल्ड नहीं है, उनकी सूची नगरीय निकाय/ ग्राम पंचायतवार चस्पा की जाये। कलेक्टर ने लाड़ली बहना योजना की प्रगति की जनपद पंचायत व नगरीय निकायवार समीक्षा की।
सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की दौरान कलेक्टर ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय निकाय विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और श्रम विभाग की लंबित शिकायतों को निराकृत करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम के विषयों पर चर्चा की। कलेक्टर सुश्री बाफना ने निर्देशित किया कि संबंधित जिला प्रमुख अपने एवं शासन स्तर पर लंबित शिकायतों का ब्रेकअप बना लें। उन्होंने राजस्व, पंचायत और नगरीय विकास से संबंधित सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का समाधान संतुष्टि से कराने के लिए निर्देशित किया। जिले में चलाये जा रहे अर्न व्हाइल लर्न कार्यक्रम के तहत शासकीय आईटीआई के प्रशिक्षुओं द्वारा विभिन्न शासकीय कार्यालयों के पंखे, कूलर एवं अन्य विद्युत उपकरण सुधारने का कार्य किया जा रहा है। विभाग प्रमुख अपने- अपने कार्यालयों से संबंधित उपकरणों की मरम्मत का कार्य इन प्रशिक्षुओं से करवायें, ताकि कौशल विकास के साथ- साथ प्रशिक्षुओं को अतिरिक्त आय हो सके।
कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने टीएल पत्रों और सांसद एवं विधायक निधि के कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जारी हो गई है, उनको एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड किया जावे।
निर्वाचन संबंधी कार्यों की समीक्षा के दौरान सुश्री बाफना ने निर्देशित किया कि एसडीएम मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन की जानकारी बैठक आयोजित कर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को दें। उन्होंने आयोग से प्राप्त लंबित शिकायतों और उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरणों में जवाबदावे की स्थिति की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत बनाये जाने वाले अमृत सरोवर के कार्य स्थल के समीप के अतिक्रमण हटवाना सुनिश्चित करने के निर्देश सभी सीईओ जनपद को दिये। अगली टीएल बैठक में इसकी विस्तृत समीक्षा की जायेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी की साप्ताहिक प्रगति कम रहने पर कलेक्टर ने संबंधित सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। इसी तरह खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में ई- केवायसी में साप्ताहिक प्रगति कम पाये जाने पर कलेक्टर ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी चीचली एवं गोटेगांव को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। बरमान में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य प्रारंभ नहीं कराने पर कलेक्टर ने ईई आरईएस को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
बैठक में कलेक्टर सुश्री बाफना ने कहा कि जिले में स्वसहायता समूहों द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के छात्र- छात्राओं की गणवेश सिलाई कार्य में प्रयुक्त किये जा रहे कपड़े की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं हो। एसडीएम, सीईओ सिलाई केन्द्रों का निरीक्षण करते रहें। सैम्पल में लिये गये कपड़े और सिले जा रहे कपड़े में बिलकुल भी अंतर न हो, इसके लिए कलेक्टर ने हिदायत दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अभी तक 20 हजार से अधिक गणवेश सिलाई का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।