नर्मदापुरम। शासकीय नर्मदा कॉलेज में बेहतर शिक्षण व्यवस्था के लिए सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट का आयोजन प्रारम्भ
शासकीय नर्मदा कॉलेज में आइक्यूएसी और विश्व बैंक परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में फैकल्टी डेवलपमेंट का सात दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है। जिसका उद्देश्य शिक्षण कौशल को सुधारने और कक्षा में भागीदारी सुनिश्चित करने की नई पद्धतियों की जानकारी देना है। प्राचार्य डॉ ओ एन चौबे ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि फैकल्टी डेवलपमेंट द्वारा महाविद्यालय और प्राध्यापकों को आंतरिक गुणवत्ता के लिए क्या-क्या गतिविधियां होनी चाहिए की जानकारी प्राप्त होती है । जिससे शिक्षण पद्धति को और बेहतर बनाया जा सकता है। सात दिवसीय कार्यक्रम में शिक्षाविद् डॉ उषा नायर विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने उद्घाटन सत्र में व्याख्यान देते हुए कहा कि नैक तो एक बहाना है ।असली मुद्दा है हमारी गुणवत्ता को बढ़ाना। क्या हम विद्यार्थियों को विश्व स्तर पर तैयार कर रहे हैं। हमें ना सिर्फ उनके शैक्षणिक अपितु नैतिक स्तर भी बढ़ाना होगा ताकि वे आगे चलकर गतिविधियों द्वारा उत्कृष्टता की ओर बढ़ें। दस्तावेजों को संधारित करना सीखें। डॉ कल्पना विरेंद्र सिंह विशिष्ट वक्ता माधव साइंस कॉलेज उज्जैन से ऑनलाइन उपस्थित हुईं। उन्होंने शिक्षा शास्त्र पर केंद्रित व्याख्यान में कहा कि हमें भौतिक रूप से कक्षा में मौजूद होकर अध्यापन कार्य करना होगा ।डिजिटल व तकनीकी एजुकेशन समय की मांग है किंतु छात्र केंद्रित शिक्षा में विद्यार्थियों को सोशल लैब , खगोलीय वेधशालाओं,खेत खलिहानों में ले जाकर उनके सीखने की प्रक्रिया की सतत् जानकारी रखनी होगी ।उन्होंने शिक्षण अधिगम को पी पी टी के माध्यम से क्रमशः बिंदुवार समझाया। डॉ कमल वाधवा कार्यक्रम के संयोजक, डॉ ममता गर्ग समन्वयक रहीं। डॉ बी एस आर्य,और डॉ मीना कीर ने आभार व्यक्त किया। डॉ अमिता जोशी, डॉ ईरा वर्मा, डॉ विनीता अवस्थी, डॉ कमल चौबे, डॉ राजेश दीवान ,डॉ जे के कमल पुरिया सहित समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।
नर्मदापुरम से सीमा कैथवास की रिपोर्ट