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May 3, 2024
ADITI NEWS
सामाजिक

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी संस्थान गाडरवारा के माध्यम से दो अलग-अलग कार्यक्रमों के दौरान रक्षाबंधन पर्व मनाया गया!

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी संस्थान गाडरवारा के माध्यम से दो अलग-अलग कार्यक्रमों के दौरान रक्षाबंधन पर्व मनाया गया!

गाडरवारा! पावन पर्व रक्षाबंधन के त्यौहार पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गाडरवाड़ा द्वारा सरकारी अस्पताल गाडरवाड़ा में रक्षाबंधन का त्यौहार खुशियों के साथ मनाया गया।

अस्पताल प्रभारी डॉ. राकेश बोहरे, डॉ. बिनिता जैन, डॉ. बबीता सिंह के साथ सभी स्टॉप व मरीजों को आदरणीय ब्रह्माकुमारी वंदना दीदी, आभा पलोड, बी.के. पूजा,नरसिंह पलोड, दिनेश चौकसे आदि भाई – बहनों ने पहुँच कर रक्षा सूत्र बांधा व दिल खुश मिठाई से मुख मीठा किया।
दीदी जी ने सभी के स्वास्थ्य के लिए शुभ मंगल कामनाएं दी।
रक्षाबंधन सभी पर्वो में एक अनोखा पर्व ही नही, भारत की संस्कृति तथा मानवीय मूल्यों को उजागर करने वाला, अनेक आध्यात्मिक रहस्यो को प्रकाशित करने वाला और भाई बहन के वैश्विक रिश्ते की स्मृति दिलाने वाला एक परमात्म उपहार है। यही संदेश देते हुए दीदी जी सभी को रक्षा सूत्र बांधा।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गाडरवाड़ा में हर्षोल्लास के साथ आध्यात्मिक रूप से मनाया गया रक्षाबंधन का त्यौहार
आदरणीय ब्रह्माकुमारी उर्मिला दीदी की गरिमा मई उपस्थिति में रक्षाबंधन पावन पर्व के उपलक्ष्य में रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित हुआ!
दीदी ने सभी को रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा- रक्षाबंधन सभी पर्वो में एक अनोखा पर्व ही नही, भारत की संस्कृति तथा मानवीय मूल्यों को उजागर करने वाला, अनेक आध्यात्मिक रहस्यो को प्रकाशित करने वाला और भाई बहन के वैश्विक रिश्ते की स्मृति दिलाने वाला एक परमात्म उपहार है।
इस पर्व पर रक्षा सूत्र बांधने से पूर्व बहन,भाई के मस्तक पर चंदन का तिलक लगाती है जो शुद्ध, शीतल और सुगंधित जीवन जीने की प्रेरणा देता है। तिलक दाएं हाथ से किया जाता है तथा राखी भी दाएं हाथ पर बांधी जाती है। यह विधि हमे यह प्रेरणा देती है कि हम सदा राइट अर्थात सकारात्मक चिंतन करते हुए राइट अर्थात श्रेष्ठ कर्म ही करें । जिससे आत्मा अनिष्ट परिणामो से , दुःखी व अशांत होने से सुरक्षित रहेगी। मिठाई खिलाने के पीछे भी मन को और सम्बन्धो को मीठा बनाने का राज़ भरा है।
एक पिता परमात्मा और सारा विश्व एक परिवार है। एक पिता की संतान हम सब आत्मिक नाते से भाई-भाई हैं। इस अनुभूति से आत्मिक दृष्टि , वृत्ति व कृति बनती है जिससे आत्मा अनेक विकारी, दुखदायी वृत्तियों के बंधनों से मुक्त होकर सच्ची स्वतंत्रता का अनुभव करती है। तत्पश्चात ही वह परमपवित्र परमपिता परमात्मा से जन्म-जन्मांतर के लिए अविनाशी , सच्चे सुख और शांति का वर्सा प्राप्त करने की हकदार बनती है।
वर्तमान समय मे ऐसी ही आध्यात्मिक राखी स्वयं और सर्व को बांधने की जरूरत है। अंत मे नगरपालिका अध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा जी रोटरी क्लब ऑफ से अशोक राजपूत,मनीष जायसवाल, सुरेन्द्र साहू, मीडिया प्रभारी नीलेश साहू आदि को राखी बांधते ,तिलक लगाते,सौगात भेंट कर कार्यक्रम का समापन हुआ।

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