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April 28, 2024
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शिक्षा

नरसिंहपुर गाडरवारा के आदित्य पब्लिक स्कूल की मनमानी के चलते गरीब छात्र 4 साल से शिक्षा से वंचित , गरीब और बेबस पिता की कहानी पुत्र की शिक्षा की अधूरी कहानी,

नरसिंहपुर गाडरवारा के आदित्य पब्लिक स्कूल की मनमानी के चलते गरीब छात्र 4 साल से शिक्षा से वंचित , गरीब और बेबस पिता की कहानी पुत्र की शिक्षा की अधूरी कहानी,

नरसिंहपुर । गत दिवस आम आदमी पार्टी की महिला जिला शक्ति अध्यक्ष रीना लबानिया के नेतृत्व में आप जिला इकाई द्वारा गाडरवारा के आदित्य पब्लिक स्कूल से टीसी निकालने तथा मार्कशीट लेने को लेकर कलेक्टर के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन सौंपा

उक्त दिए गए आवेदन में यह उल्लेख किया गया है कि आवेदक भूपेन्द्र कुमार मेहरा आ. श्री सत्यनारायण मेहरा राजेन्द्र बाबू वार्ड, गाडरवारा, जिला नरसिंहपुर म.प्र. का निवासी है जो कि गरीबी में मजदूरी कर गुजर बसर कर रहा है। और अपने बच्चे जो की 4 साल से स्कूल नहीं जा पा रहा है शिक्षा का अध्ययन नहीं कर पा रहा उसके लिए लगातार वह अधिकारियों के पास जाकर गुहार लगा रहा है कि उसके बच्चे की टी सी और मार्कशीट मिल जाए जिससे कि वह सरकारी स्कूल में उसका नाम लिखवा कर उसकी पढ़ाई को पुन: चालू करवा दे । इस प्रयास को लेकर वह गरीब पिता आम आदमी पार्टी के साथ जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात करते हैं और बेटे की पढ़ाई से वंचित होने की पूरी कहानी बताते है वह इस प्रकार है।

आपको बता दें कि एक गरीब पिता का पुत्र श्रीकृष्ण मेहरा जो कि आदित्य पब्लिक स्कूल गाडरवारा में नर्सरी से लगातार शिक्षा अध्ययन कर रहा था। कक्षा 2 के अध्ययन के बाद बच्चे ने परीक्षा दी लेकिन परीक्षा खत्म होने के बाद और रिजल्ट खुलने के पहले ही महामारी कोविड़ की बीमारी शुरू हो गयी जिसके चलते लाॅकडाउन लग गया। जिससे स्कूल कालेज व दुकाने व प्रतिष्ठान बन्द हो गये लगातार मार्च 2020 से 2021 तक दो वर्ष लाॅक डाउन लगने के कारण मेरा पुत्र कक्षा तीसरी व चैथी में स्कूल नहीं गया न ही मेरे पुत्र ने मोबाईल के माध्यम से आॅनलाईन पढ़ाई नहीं की।

लेकिन जब बच्चे के पिता सन् 2022 में पुत्र की अंकसूची व टी0सी0 लेने गए तो स्कूल के डायरेक्टर ने कहा कि पहले तुम 3 साल की फीस 36,000/-रू. छत्तीस हजार रूपये दो तब मैं तुम्हारे बच्चे की अंकसूची व टी0सी0 दूगां।

तब बच्चे के पिता ने कहा कि कहा कि मेरे पुत्र ने आपके स्कूल में दूसरी (सेकेन्ड) क्लास की परीक्षा दी है।

अतः आप सेकेन्ड क्लास की फीस ले लो, क्योंकि लाॅकडाउन में मेरा पुत्र स्कूल बन्द होने के कारण नहीं गया और न ही उसने ऑनलाइन पढ़ाई की है मैं इतनी ज्यादा फीस नहीं दे पाऊंगा।

क्योंकि मैं एक मैं मजदूर आदमी हॅू ऊपर से लाॅकडाउन ने मेरी कमर तोड़ दी। मैं लाॅकडाउन में बच्चे फीस देने से असमर्थ था, इसलिए मैंने अपने पुत्र का ऑनलाइन नहीं पढ़ाया ताकि फीस न देनी पड़े।

लेकिन स्कूल वाले फीस पर अड़े रहे, और उन्होंने गरीब मजदूर के बेटे की ना तो अंकसूची दी और ना ही टी.सी. दी, जिसके कारण आज एक गरीब मजदूर का बालक स्कूल में शिक्षा का अध्ययन नहीं कर पा रहा और पढ़ाई से वंचित है ।

इतना ही नहीं बल्कि गाडरवारा के आदित्य पब्लिक स्कूल के संचालक ने उस बच्चे को शिक्षा अध्ययन करने से भी रोक दिया और उन्होंने अपने स्कूल में भी पढ़ने नहीं आने दिया, जब एक गरीब पिता ने स्कूल में जाकर कहा कि मैं लाॅकडाउन की फीस तो नहीं दूंगा। लेकिन मैं सेकेन्ड क्लास की फीस थोड़े-थोड़े करके दे दूंगा। लेकिन मेरे बच्चे को क्लास में बैठने दो। तो इन्होंने कहा जब तक आप पूरी फीस नहीं देते तब तक हम न तो अंकसूची व टी0सी0 देगे, न क्लास में बैठने देगें।

इस तरह आदित्य पब्लिक स्कूल के संचालक ने उस गरीब बच्चे को क्लास में नहीं बैठने दिया। जबकि बच्चे के पिता ने स्कूल की संचालिका मीरा मेहरा से मिलकर व हाथ जोड़ कर विनती कर यह निवेदन किया कि आप मेरे बच्चे का भविष्य खराब न करे। मैं अत्याधिक गरीब व मजबूर हॅू। कर्ज में मेरा घर बिक गया मैं बेघर हो गया, मेरे पास जमीन जायदात कुछ भी नहीं है। अतः मैं फीस देने में असमर्थ हॅू, लेकिन आदित्य पब्लिक स्कूल के संचालिका ने गरीब पिता की एक भी बात नहीं सुनी और उस बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ कर उसको स्कूल नहीं आने दिया और ना ही उसको टीसी दी गई जिससे वह दूसरे स्कूल में बच्चे का दाखिला नही करा पाया। हालत यह है कि आज ही वह बच्चा 3 साल से साल से पढ़ाई से वंचित है और उसका भविष्य गर्त में जा रहा है। जहां सरकार है बड़े-बड़े सरकारी स्कूल खोलकर बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करा रही है वही एक बच्चा जो गरीब स्थिति में है वह टीसी नहीं पाने के कारण शिक्षा का अध्ययन नहीं कर पा रहा यह एक गरीब पिता की सच्ची कहानी है।

कहानी अभी यहीं नहीं रुकी है इस प्राइवेट स्कूल की इतनी सब प्रकार की मनमानी करने के बाद भी अपने बच्चे को पढ़ाने की ललक लेकर बेबस और लाचार गरीब पिता जब 2023 में भी स्कूल के संचालिका से मिला और और बच्चे की पढ़ाई के लिए गिलगाड़ा आता रहा कि मेरे बच्चे के भविष्य को खराब ना करें  कृपया शिक्षा तो अध्ययन करने दें तब भी उस स्कूल के संचालक ने एक भी  बात गरीब पिता की नहीं सुनी और आज भी वह बच्चा आदित्य पब्लिक स्कूल की मनमानी के कारण पढ़ाई से वंचित है ।

आपको बता दें कि वह लाचार और बेबस पिता इस समस्या को लेकर काफी परेशान था और जगह-जगह इस बात की शिकायत की गई लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस समस्या का निराकरण नहीं किया और ना ही उस गरीब के पिता तथा उस बच्चे के भविष्य के बारे में तनिक भी विचार नहीं किया जिसके चलते वह गरीब बच्चा आज भी पढ़ाई से वंचित है । इस समस्या को लेकर गरीब पिता ने सब की चोटों पर जाकर दरवाजे खटखटायेे लेकिन किसी ने उस गरीब पिता की बात नहीं सुनी उस गरीब पिता का साथ नहीं दिया ।

जब 2023 में गरीब पिता ने आदित्य पब्लिक स्कूल में जाकर अपनी लाचारी की कहानी बताने के बाद भी उसे बच्चे को स्कूल मैं नहीं बिठाया गया तब मेरी पत्नी को अपने बेटे की पढ़ाई की चिंता को लेकर हार्ट अटैक आ गया है, उसका इलाज भी सही से नहीं करा पा रहा हूँ जबकि वह हार्ट अटैक की पेशेंट है उसके लिए मैं पैसे एकत्रित नहीं कर पा रहा हूं तो मैं फिर आपकी इतनी बड़ी हुई फीस कैसे दे पाऊंगा,कृपया मुझे अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए टीसी दे दे जिससे मैं अपने बच्चे का  सरकारी स्कूल मैं दाखिला करा दूं  लेकिन उन्होंने एक भी बात नहीं सुनी और 49240 का इन्हें एस्टीमेट थमा दिया कि आप यह जमा करिए और टीसी ले जाइए, आखिर कैसे इतनी बड़ी फीस की रकम वह गरीब पिता जमा कर पायेगा इसी चिंता में परेशान पिता दर-दर ठोकरें खा रहा है और शिकायतें लेकर गली गली घूम रहा था लेकिन इस समस्या का निदान नहीं हो रहा था।

आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक बच्चे की शिक्षा दिलाने के लिए मां-बाप कितने चिंतित होते हैं और जब गरीब हो तो वह वास्तव में कितने परेशान भी होते हैं इसका सीधा उदाहरण आज हमको देखने को मिल रहा है । बच्चे की पढ़ाई से वंचित होने के कारण और आर्थिक स्थिति की परेशानी से जूझ रहे उस गरीब पुत्र की मां को बेटे की पढ़ाई की टेंषन इतनी बढ़ गई की उसे हॉट अटैक का दौरा पड़ गया और वह मरते मरते बच्ची । तब भी उस स्कूल संचालक को दया नहीं आई

आलम यह था कि एक गरीब पिता के पास परिवार की रोजी-रोटी चलाने का एक जरिया जो की ऑटो था वह भी उसे अपनी पत्नी के इलाज के कारण बेचना पड़ा और आज उस गरीब पिता के पास शिवाय मजदूरी करने के अलावा कोई जरिया नहीं बचा है। आज की स्थिति में यह गरीब पिता जैसे तैसे मजदूरी कर अपना परिवार का पालन पोषण कर रहा है और वह इस चिंता में परेशान हुआ है कि जैसे तैसे बच्चे की टीसी निकल आए और उसको कहीं कोई सरकारी स्कूल में दाखिला मिल जाए जिससे कि वह बच्चा शिक्षा का अध्ययन कर सके और उसका भविष्य बर्बाद होने से बच सकें ।

जब एक गरीब और बेबस आम आदमी की समस्या की जानकारी आम आदमी पार्टी की जिला अध्यक्ष श्रीमती रीना लमानिया को लगी तो उन्होंने स्कूल में जाकर संचालिका मैडम से निवेदन किया कि कृपया इस गरीब बच्चे के भविष्य की चिंता करते हुए आप उस गरीब पिता को पैसों की कुछ मोहलत दे दीजिए जिससे कि यह गरीब बच्चा भी शिक्षा का अध्ययन कर सके से लेकिन उन्होंने एक भी बात नही सुनी तब सब जगह से मजबूर होकर आम आदमी पार्टी जिला इकाई नरसिंहपुर की महिला शक्ति जिला अध्यक्ष रीना लमानिया के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर सुश्री रिजु बाफना को एव जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन देकर निवेदन पर यह मांग की है कि शीघ्र ही इस गरीब बच्चे को टी सी दिलवा कर उसको सरकारी स्कूल में दाखिला करा कर शिक्षा प्रदान करने का कष्ट करें जिससे यह गरीब बच्चा शिक्षित होकर अपने भविष्य का निर्माण कर सके। वही जिला शिक्षा अधिकारी ने भी गंभीरता पूर्वक समस्या को सुनते हुए यह आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही बच्चे को टी सी दिलवा कर उसको स्कूल में दाखिला दिया जाएगा।

आगे देखना यह है कि खबर के बाद कब तक उस गरीब बच्चे का सरकारी स्कूल में दाखिला होता और उस तानाशाही कर मनमानी करने वाले स्कूल पर क्या कार्यवाही सरकार या शासन के अधिकारी करते हैं ।

इस अवसर पर समय आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश भार्गव, शब्बीर मंसूरी, विमल बानगात्री , मुरारी श्रीवास्तव, शेलेंद्र जाट,  उप सरपंच गणेश यादव, विजय राकेशिया, दीपक राय केसिया सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

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