मन से कामना हटाओ तो ही भगवान् मन में आएंगे-श्री शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द जी सरस्वती ‘1008’
हमारे मन में भगवान् का निवास है। इसी बात को गीता में भगवान् ने अर्जुन से कहा ईश्वर-
सर्वभूतानां हृद्देशेर्जुन तिष्ठति। अब जब हम अपने मन में कोई कामना लेकर आएंगे तो मन में कामना बैठ जाएगी और भगवान् हमारे हृदय से निकल जाएंगे। इसलिए यदि मन में भगवान् को बिठाना हो तो मन से कामनाओं को ही हटा लेना होगा।
उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ ने मध्य प्रदेश के परमहंसी गंगा आश्रम में चातुर्मास्य के अवसर पर कही।
उन्होंने धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि सामान्य रूप से धर्म वही है जिसके आचरण से हमारा मन प्रसन्न हो जाए।
अब इस परिभाषा में यह प्रश्न उठ जाता है कि अधर्म करने वालों को तो अधर्म करके भी प्रसन्नता हो जाएगी तो क्या उनके लिए अधर्म ही धर्म है? इसका समाधान यह है कि ऐसा कर्म जिसको करके हमें कभी भी बाद में ग्लानि न हो वही धर्म है।
पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी के प्रवचन के पूर्व
परम पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज भागवत कथा पंडाल पर दोपहर 3:30 पर पहुंचे जहाँ पर संस्कृत विद्या पीठ गुरुकुल एवं बनारस में अध्ययनरत छात्रों के द्वारा पूज्य शंकराचार्य जी महाराज का हर हर महादेव एवं जय गुरुदेव के जयघोष के साथ स्वागत किया पूज्य महाराजा श्री, ने मंच पर पहुंचते ही, सर्वप्रथम ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के, तैल चित्र पर पूजन अर्चन किया उसके उपरांत वह व्यास पीठ पर आसीन हुए जहां पर आज श्री मद भागवत कथा के यजमान रहे प्रसांत बाजपेयी, श्री मति तारांजली बाजपेयी, आदित्य बाजपेयी(जबलपुर) महादेव प्रसाद,श्री मति प्रत्तिभा शर्मा(कबर्धा छत्तीसगढ़) ने व्यासपीठ का पूजन किया और पूज्य शंकराचार्य जी का आशीर्वाद लिया भागवत कथा के मंच पर प्रबुद्ध लोगो एवं संतो ने भक्तो को संतो की वाणी सुनाई वही आकाशवाणी कलाकार संदीप तिवारी, शिवानी अवस्थी, रामबालक बैध,कंचन विश्वकर्मा एंड पार्टी कंजई एवं संतोष दीक्षित एवं संतोष बैरागी ,श्री मति निरूपा शर्मा कबर्धा के दुआरा भजनों की प्रस्तुति की गई एवं आलोक कुमार प्रयागराज के द्वारा, श्लोक सुनाये गए वही पुज्य शंकराचार्य जी महाराज को अनेक भक्तो ने माल्यार्पण किया मंच पर प्रमुख रूप से शंकराचार्य जी महाराज के निजी सचिव चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष *ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी ज्योतिष पीठ शास्त्री पं राजेन्द्र शास्त्री जी, दंडी स्वामी श्री अमरिसानन्द जी महाराज,पं,राजकुमार तिवारी, ब्रह्मचारी निर्विकल्प स्वरूप जी,ब्रह्मचारी,आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच पर प्रमुख रूप से पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज की पूर्णाभिषिक्त शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा एवं साध्वी शारदाम्बा उपस्तिथ रही मंच का संयोजन *श्री अरविन्द मिश्र*एवं संचालन परमहंसी गंगा आश्रम व्यवस्थापक सुंदर पांडे ने किया* ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रम्हचारी विमलानंद जी, पंडित आनंद तिवारी सोहन तिवारी पं सुनील शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी,दीपक शुक्ला,अमित तिवारी
आशीष तिवारी,रघुवीर तिवारी ,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति, विकास चौधरी, पंकज जैन, मुकेश बिलवार,टिंकू अग्रवाल ,मीनू राजपूत, लक्ष्मीनारयण तिवारी,सुरेंद्र राजपूत,अरसद मोहम्मद खान,मुंडू राय,सरदार सिंह राजपूत,देवी महंत,राजेश पांडे,केजरीवाल,विवेक नामदेव,वसन्त पांडे,मुंगाराम पाठक,अन्नू राय,इंजीनियर गर्ग, बद्री चौकसे,नारायण गुप्ता ,जगदीश पटैल,कलू पटैल,अरविंद पटैल, अजय विश्कर्मा,रामकुमार तिवारी,सत्येंद्र मेहरा,राम सजीवन शुक्ला,मनोज यादव,कपिल नायक सहित श्री मद भागवत पुराण का रस पान करने बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही सभी ने कथा का रसपान कर अपने मानव जीवन को धन्य बनाया भागवत भगवान की कथा आरती के उपरांत महाभोग प्रसाद का वितरण किया गया।