गौपालकों ने गाये छोडी -दरदर भटकती गौ माता
साईखेडा सहित आसपास के क्षेत्रों ग्रीष्म त्रृतु शुरू होते ही गाये जानवर पानी चारा के लिए दर दर भटकने लगती है ।गौपालक भी अपनी घरेलू गायो को दूध न दोहने पर या दूध निकाल कर सडको पर छोड देते है ।गर्मी लगते ही गायो का झुंड सडको पर इकट्ठा होने लगता है जिससे यातायात बाधित होता है ,या गाये तेज रफ्तार बाहन की चपेटे मै आकर मौत के मुह मै समा जाती है ।खेतो मै गेहूं की फसल की कटाई हो गई किसान अपने खेत मै नरबाई जला रहे है जिससे आवारा घूमते पशुओं का मुह का निवाला छिन रहा है गाय भूखी प्यासी सडको पर घूम रही हैं ,ऐसा नजारा जब हमारे प्रतिनिधि खबरो के लिऐ निकले तो उन्होंने जली नरवाई को खाते गायो को देखो तो आंखे नम हो गई। अभी गौ शालाओ मै ताले लटके पडे है ,साईखेडा मै दर्जनो गौ शालाऐ रजिस्टर पर गो प्रबधन समिति कोई ध्यान नहीं देती ।समितियां गोचारे के नाम हजारो रूपया चंदा कर या शासन से अनुदान लेकर जेबे भर रही और न ही चारा इकट्ठा कर.रही है। ।शासन प्रशासन से जनपेक्षा सडको पर आवारा घूमते पशुओं को गौ शाला भेजे और क्षेत्र मै चल रही गौ शालाओ कि निगरानी करे।जिससे हकीकत का एहसास हो सके।