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April 27, 2024
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नरसिंहपुर,हिन्दी भाषा के महत्व तथा उपादेयता पर संगोष्ठी आयोजित

हिन्दी भाषा के महत्व तथा उपादेयता पर संगोष्ठी आयोजित

नरसिंहपुर। विधायक श्री जालम सिंह पटैल ने शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नरसिंहपुर में आयोजित हिन्दी भाषा के महत्व तथा उपादेयता पर आयोजित संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि युग परिवर्तन का अकाट्य सिद्धांत मूल सुधार या भूल सुधार है। हम सभी जानते हैं कि देश किन परिस्थितियों से गुजरा है। अपने- अपने देशों की अपनी- अपनी भाषायें होती हैं। हमारी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा सरल और सहज है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में नई शिक्षा नीति लागू की गई। मप्र देश का पहला प्रदेश है, जहां मेडिकल की पढ़ाई अब हिन्दी में होगी। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में सभी चीजें समाहित है। कोरोनाकाल में आयुष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमारे ज्ञान एवं साहित्य की सम्पदा सदैव जीवंत रहेगी। कोई भी भाषा को सीखने में वक्त लगता है, किंतु मातृभाषा को सीखने में वक्त नहीं लगता है। युवाओं के इस देश में सरकार द्वारा की गई यह बेहतरीन शुरूआत है। भाषा व संस्कृति एक दूसरे के पूरक है। इस बात को पूरा विश्व स्वीकारता है।

कलेक्टर श्री रोहित सिंह ने कार्यक्रम में मातृभाषा के महत्व को भारतेंदु हरिशचंद्र की कविता “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।” से समझाया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी बात जितनी सहजता, सरलता, तरलता से कहता है, वही उसकी मातृभाषा होती है। आत्मसम्मान को जागृत करने एवं मन के उद्दगार को व्यक्त करने का कार्य मातृभाषा करती है। उन्होंने कहा कि माता ही पहली शिक्षक होती है, जो बच्चे को आसानी से सीखाती है। इस अवसर पर उन्होंने थ्री इडियट मूवी के मशीन को परिभाषित करने वाले दृश्य का भी जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने आईन्स्टीन के कोटेशन का भी जिक्र उन्होंने किया, जिसमें वह कहते हैं कि किसी सिद्धांत को पूरी तरह समझने का दावा आप तभी कर सकते हो, जब आप उस सिद्धांत को अपनी दादी को आसानी से समझा सको। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा की जटिलता को सरल करने का यह प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है। हिन्दी बोलना हमारी कमजोरी नहीं है। भाषा का भी हमारी प्रगति में बाधक नहीं होती है।

इस अवसर पर हिन्दी विभाग के प्राध्यापक श्री मनोज विश्वकर्मा, सीएमएचओ डॉ. एके जैन एवं अन्य व्याख्याताओं ने हिन्दी पर अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मॉ सरस्वती जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं पूजन-अर्चन के साथ किया गया। इसके उपरांत अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित भी किया गया।

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