जय भारत
कुण्डलिया छंद (पं.सुशील शर्मा)
जय भारत जय राष्ट्र मम ,
जयति जयति जय गान।
ज्योतिकलश रवि चंद्र सम ,
नीलाम्बर परिधान।
नीलांबर परिधान ,
विश्व -वल्लभ हे माते।
सूर्य चंद्र क्षितिमान ,
तुम्हारा गौरव गाते।
व्योम भाल हिम शैल ,
चरण सागर शुभ आगत।
है अजेय शत नम्य ,
जयति जय जय जय भारत।
झंडा वंदन
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झंडा लहराता रहे ,
ये भारत की शान।
तन मन सब इस देश का ,
रखूँ तिरंगा मान।
रखूँ तिरंगा मान ,
नहीं ये झुकने दूँगा।
कितने भी हों वार ,
उन्हें सीने पर लूँगा ।
झंडा नमन सुशील ,
जोश ये पड़े न ठंडा।
भारत देश महान ,
लहर लहराए झंडा।
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आज़ादी के पर्व पर ,
शुभ स्वागत संदेश।
वयं राष्ट्र निर्माण का ,
सुखद शांत परिवेश।
सुखद शांत परिवेश ,
अग्नि पथ पर चलना है।
करना है संघर्ष ,
मगर मंजिल मिलना है।
नमन शहीदी आन ,
त्याग दी आसन गादी।
देकर अपने प्राण ,
करें रक्षित आज़ादी।
आप सभी को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ।