महिलाओं ने बछ बारस पर गाय बछड़े की पुजा की
गाडरवारा ।स्थानीय माहेश्वरी और राजस्थानी समाज की महिलाओं व्दारा सामुहिक रूप से विभिन्न स्थानों पर लोकपरम्पराओ के संवर्धन की दिशा में बछ – बारस मनाई गई ।भादो कृष्ण पक्ष की गोवत्स व्दादशी बछ बारस पर गाय बछड़े की पुजा की जाती है । इस दिन विवाहित महिलाएं पुत्र प्राप्ति और पुत्र है तो उसकी सलामती, लंबी उम्र, और परिवार की खुशहाली के लिए मंगल कामना करते हुए उपवास किया करती है । ऐसी प्रथा है कि इस दिन चाकू से कटा हुआ न बनाती है न खाती है तो वही दूसरी ओर बाजरे की रोटी जिसे सोकरा भी कहा जाता है के साथ अंकुरित अनाज की सब्जी बनाई जाती है । साथ ही गाय के दूध का सेवन किया जाना निषेध माना गया है । उल्लेखनीय है कि सैकड़ों वर्षों से सभी आयु की मातायें. बहिनों व्दारा इस लोकरचना के इस पावन पर्व को उत्साहित होकर मनाया जा रहा है ।