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May 1, 2024
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नरसिंहपुर जिले के प्रमुख समाचार

कलेक्टर ने की महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा

नरसिंहपुर। कलेक्‍टर श्रीमती शीतला पटले की अध्‍यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में गुरूवार को आयोजित की गई।

बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी, मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, समस्‍त परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, जिला समन्‍वयक पोषण अभियान एवं सरंक्षण अधिकारी नरसिंहपुर मौजूद थे।

बैठक में सभी परियोजनाओं के सेक्‍टर के अनुसार आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाडी केन्‍द्र, कुल जनसंख्‍या, 6 माह, 6 से 3 वर्ष व 3 से 6 वर्ष के हितग्राही एवं दर्ज गर्भवती तथा धात्री महिलाओं की जानकारी ली। कलेक्‍टर ने 6 माह के हितग्राही बच्‍चों तथा गर्भवती/ धात्री महिलाओं के कम पंजीयन पर असंतोष जताया। उन्‍होंने निर्देशित किया गया कि प्रत्‍येक परियोजनावार, सेक्‍टरवार एवं आंगनवाडी केन्‍द्र के हिसाब से यह सुनिश्चित किया जाये कि लक्षित हितग्राही का शतप्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित हो। प्रत्‍येक आंगनवाडी कार्यकर्ता अपने- अपने क्षेत्र में आने वाले हितग्राहियों का समय पर पंजीयन करें, जिससे समस्‍त हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्‍वयन सुनिश्चित हो सके। गर्भवती/ धात्री महिलाओं का डेटा स्‍वास्‍थ्‍य एवं योजना विभाग से भी मिलान किया जाये। रजिट्रेशन की गति बढाई जाये।

कलेक्‍टर ने निर्देशित किया कि समस्‍त सेक्‍टर से यह जानकारी एकत्रित की जाये कि कितने प्रकरणों में जन्‍म प्रमाण-पत्र, टीटी ऑपरेशन के प्रमाण- पत्र अप्राप्‍त है। समग्र आईडी सत्‍यापन हेतु जिला पंचायत नरसिंहपुर से समन्‍वय कर कार्य में प्रगति लाई जाये। यह भी सुनिश्चित किया जावे कि कौन- कौन से आंगनवाडी केन्‍द्रों, सेक्‍टर तथा परियोजना स्‍तर पर कोई भी प्रकरण स्‍वीकृति हेतु लंबित न रहे।

कलेक्टर ने निर्देशित किया कि डीपीओ तथा सीएमएचओ आपस में समन्‍वय कर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा आयोजित किये जा रहे एलटीटी ऑपरेशन के शिविरों में हितग्राहियों के ऑपरेशन किये जाने के संबंध में कार्यवाही करें। शिविरों के कलेण्‍डर की जानकारी एवं उल्‍लेखित स्‍थान द्वितीय प्रसव वाले हितग्राहियों को उपलब्‍ध कराये जायें।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि यह योजना केन्‍द्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्‍तपोषित है। जिला स्‍तर पर समस्‍त प्रकरणों को समय पर पोर्टल पर दर्ज किया जाये। पोषण अभियान की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सेम/ मेम बच्‍चों का पंजीयन वास्‍तविक रूप से राष्‍ट्रीय स्‍तर के औसत अनुसार होना चाहिए। जिन समूहों को खाद्यान्‍न उपलब्‍ध नही हो पा रहा है, उनकी जानकारी जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी को साझा कर समस्‍या का निराकरण करावें। एनआरसी में शतप्रतिशत बेड आक्‍यूपेंशी सुनिश्चित करावें।

बदलते मौसम में बढ़ते हुए रोग कीट आपतन के फसलों को बचाने के लिए किसानो को सामयिक सुझाव

नरसिंहपुर।कृषि विज्ञान केंद्र नरसिंहपुर के वैज्ञानिको एवं कृषि विभाग के उप संचालक श्री उमेश कुमार कटहरे, कृषि वैज्ञानिक श्री विशाल मेश्राम, श्री विजय सिंह सूर्यवंशी, श्री एसआर शर्मा, डॉ. आशुतोष शर्मा एवं सभी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर खेतों में जाकर देखा कि किसानों द्वारा बोई गई मसूर, चना, गेहूं की फसल कम एवं ज्यादा तापमान व अधिक आद्रता होने के कारण रोग और किट से ग्रसित होती जा रही है। मसूर की लगभग सभी प्रजातियों में रतुआ (लालिमा) रोग से प्रभावित हैं। इस रोग के प्रकोप से पत्तियों पर धब्बे बनते हैं, जो समय के साथ एक दूसरे से मिलकर पत्तियों को हल्की लाल रंग पट्ट देते हुए सुखा देते हैं। यह फफूंद जनित रोग है।

 

इसके नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी गई है कि हेक्साकोनोजोल 400 मिली लीटर प्रति एकड़ या मैनकोज़ेब 400 से 500 ग्राम प्रति एकड़ या प्रोपिकोनोजोल 200 मिलीलीटर या टेबुकोनोजोल प्लस एजाक्सीस्टोरविन 150 से 200 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करके रोका जा सकता है। यदि आवश्यक हो तो 15 दिन के अंतराल पर दूसरी फफूंदनाशी का प्रयोग भी करें।

 

चने में जड़ सड़न रोग भ्रमण के समय लगभग सभी ब्लॉकों में पाया गया। इसके प्रभाव से चने की पत्तियां पीली पड़ रही है, जड़ के ऊपरी भाग पर सफेद फफूंद चारों तरफ दिखाई देता है, जड़े हल्के लाल रंग की उखाड़ने पर दिखाई दे रही हैं तथा पौधा आसानी से उखड़ जाता है। कभी- कभी जड़ व जमीन के नजदीक के तनाभाग पर काला धब्बा भी दिखाई देता है उपरोक्त सभी लक्षण भूमि जनित फफूंद जैसे फ्यूजेरियम/ राइजोक्तोनिया एवं स्क्लेरोजियम के द्वारा होता है। इसके नियंत्रण के लिए किसान थाओफेनेट मैथाइल 300 से 400 ग्राम या थाओफेनेट मैथाइल प्लस मेंकोजेब या टेबुकोनोजॉल प्लस सल्फर 400 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के साथ 15 दिन के अंतराल पर दो छिड़काव करें। अगली लेने वाली फसल में भूमि उपचार 2 किलो ट्राइकोडर्मा प्लस 40 किलो पक्की गोबर की खाद को मिलाकर बुवाई पूर्व खेत में डालें।

 

जिन फसलों में इल्ली का प्रकोप हो, उसके नियंत्रण के लिए किसान ईमेमेक्टिनबेंजोएट 80 ग्राम या क्लोरेंटानिलीप्रोन 40 से 50 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। सरसों, मसूर, भिंडी आदि फसलों में चूसक कीट का आपतन पाया गया। इसके नियंत्रण के लिए जैविक कीटनाशी वर्टिसिलियम 400 एमएल प्रति एकड़ या रासायनिक कीटनाशी जैसे इमिडाक्लोप्रिड 100 एमएल प्रति एकड़ या थायोमैथकजाम 100 ग्राम या इमिडा प्लस फिपरोनिल 80 ग्राम प्रति एकड़ में से किसी एक का प्रयोग 200 लीटर पानी के साथ फसलों पर छिड़काव करें।

 

गन्ने में अग्रकालिका भेदक या शूट बोरर लगने की संभावना है। अतः किसान शूट बोरर प्रभावित पौधे को काटकर खेत से निकाल दें या क्लोरेंटानिलिप्रोन 150 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। गर्मी के मौसम में गन्ने के खेत में यदि पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था है, तो इस किट का प्रकोप कम होगा।

 

भ्रमण के दौरान यह भी पाया गया कि गेहूं की पत्तियां पीली हो रही हैं और ऊपर से सूख रही हैं। कभी- कभी पत्तियों पर आंख जैसा धब्बे दिखाई दे रहे हैं। यदि पत्ती ऊपर से सूख रही है तो गेहूं में जड़माहू की समस्या है। इसके नियंत्रण के लिए 80 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड/ एसिटामेप्रिड 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी के साथ प्रयोग करें। यदि गेहूं की पत्ती नीचे से पीली हो रही है इसमें जड़ सड़न रोग लगा है, तो इसके नियंत्रण के लिए टेबुकोनोजोल प्लस सल्फर/ हेक्साकोनोजोल 400 ग्राम/ मिलीलीटर या कार्बेंडाजिम प्लस मेंकोजेब 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। इसके प्रयोग से आंख जैसा धब्बा दिखने वाला लक्षण भी समाप्त हो जाएगा।

 

खेत में बोई गई फसलों में यदि किसी भी प्रकार की समस्या है, तो किसान कृषि विज्ञान केंद्र नरसिंहपुर के पादप संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. एसआर शर्मा के दूरभाष 9977244254 या विकास खंड मे वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पर सीधे संपर्क कर सकते हैं। रोगी फसलों के नमूने भेज कर भी नियंत्रण के तरीकों से किसान अवगत हो सकते हैं।

 

भ्रमण के दौरान सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी श्रीमती दीप्ति यादव, पीएस कौशल, एके श्रीवास्तव, ग्राकृविअ और किसान मौजूद थे।

राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक संपन्न

नरसिंहपुर।फोटो निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन- 2024 के प्रकाशन 8 फरवरी 2024 के संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती शीतला पटले की अध्यक्षता में गुरूवार को राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई।

      बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती अंजली शाह, राजनैतिक दलों से डॉ. हरगोविंद सिंह पटैल, श्री अमित राय, श्री शिवम श्रीवास्तव, श्रीकांत श्रीवास्तव, शैलेन्द्र सिंह जाट, श्री मनीराम अहिरवार सहित अन्य प्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद थे।

      बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी दी कि एक जनवरी 2024 की अर्हता तिथि के मान से निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी किया गया है। इसके अनुसार निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 8 फरवरी 2024 को किया गया। बैठक में बताया गया कि निर्वाचक नामावली का प्रारूप प्रकाशन दिनांक 30 जनवरी 2024 की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र 118 गोटेगांव में 615, 119 नरसिंहपुर में 945, 120 तेंदूखेड़ा में 1064 और 121 गाडरवारा में 1066 सहित कुल 3690 मतदाताओं के नाम जोड़े गये हैं। ज़िले में कुल 962 मतदान केंद्र हैं।

      कलेक्टर श्रीमती पटले ने बताया कि मतदाता सूची में कोई भी मतदाता का नाम छूटे नहीं, उसका नाम सूची में जुड़ा हो। यह पहली प्राथमिकता है। 18 से 19 वर्ष के आयु वर्ग के मतदाताओं के नाम जोड़े जाने के लिए महाविद्यालयों में विशेष कैम्पों का आयोजन भी किया जायेगा। निर्वाचन को निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीक़े से संपन्न कराने के लिए मतदाता सूची का शुद्ध एवं पूर्ण रूप से त्रुटिरहित होना ज़रूरी है। इसके लिए उन्होंने यहाँ मौजूद सभी दलों के प्रतिनिधियों से इस कार्य में सहयोग करने की अपील की। बैठक के पश्चात राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों द्वारा ईवीएम वेयर हाऊस में एफएलसी कार्य का भी अवलोकन किया गया।

देवारण्य योजना अंतर्गत प्रशिक्षण आयोजित

नरसिंहपुर।देवारण्य योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत परियोजना के अंतर्गत कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले के निर्देशन में व जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुरत्ना सिंह के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रशिक्षण हॉल में दो दिवसीय 6 एवं 7 फरवरी को कृषकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में अश्वगंधा, तुलसी एवं शतावरी की कृषि, संग्रह एवं विपणन आदि की जानकारी दी गई। यह प्रशिक्षण आयुष विभाग नरसिंहपुर के तत्वावधान में आयोजित किया गया।

      प्रशिक्षण में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों द्वारा वर्तमान में औषधीय पौधों की तकनीकी खेती, माँग एवं मार्केटिंग आदि विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान ने औषधीय पौधों की खेती के महत्व एवं आयुष विभाग की देवराण्य योजना के बारे में जानकारी दी। डॉ. आशुतोष शर्मा, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ. निधि वर्मा, डॉ. एसआर शर्मा, डॉ. योगेश राघव व डॉ. सुभाष नागवंशी ने अश्वगंधा, शतावरी एवं तुलसी आदि औषधीय पौधों की कटाई ग्रेडिंग, संग्रह, भंडारण, पैकेजिंग एवं बाजार की जानकारी दी।

      कृषकों को कृषि वैज्ञानिक केन्द्र परिसर में आवला, तुलसी काली हल्दी एवं सफेद मूसली की औषधीय खेती का भ्रमण कराया गया एवं इनकी विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में कृषकों ने अपने अनुभव भी साझा किये। किसानों ने अत्यंत उपयोगी औषधीय पौधों की खेती करने का संकल्प भी लिया। इस दौरान 35 किसानों ने अपना पंजीयन कराया था, जिन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. एसआर शर्मा ने प्रकट किया

ईवीएम मशीनों से मतदान की प्रक्रिया की दी जा रही जानकारी

कलेक्टर ने देखी कार्यप्रणाली

नरसिंहपुर।लोकसभा निर्वाचन- 2024 के मद्देनजर नागरिकों, मतदाताओं को ईवीएम मशीन से मतदान की प्रक्रिया की जानकारी प्रदान कर मतदान के प्रति जागरूक करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी एवं निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण कार्यालय गोटेगांव में ईवीएम एवं वीवीपैट के प्रति जन जागरूकता कैंपेन के माध्यम से मशीनों का प्रदर्शन कर विस्तृत जानकारी दी जा रही है। कलेक्टर ने अपने गोटेगांव भ्रमण के दौरान एसडीएम कार्यालय में ईव्हीएम की कार्यप्रणाली देखी।

      यहां तैनात कर्मचारियों के द्वारा आने वाले नागरिकों को ईवीएम मशीनों की कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई। इस दौरान आम नागरिक ईवीएम मशीन में कैसे मतदान करना है का भी नमूने के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं। मतदाता द्वारा वीवीपैट पर उंगली से दबाने के उपरांत ईव्हीएम मशीन के परिदृश्य पर मतदाता द्वारा किसको मतदान किया गया है, का बकायदा प्रदर्शन होता है। जिसे मतदाता स्पष्ट रूप से अवलोकन कर संतुष्ट एवं जागरूक हो रहे हैं।

गेहूं खरीदी के लिए जिले में 68 पंजीयन केन्द्र निर्धारित

नरसिंहपुर। राज्य शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार जिले में रबी विपणन वर्ष 2024- 25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए किसान पंजीयन का कार्य 5 फरवरी से एक मार्च 2024 तक किया जाना है। इसके लिए उत्पादित फसल गेहूं के पंजीयन का कार्य करने के लिए कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने जिले में 68 पंजीयन केन्द्रों का निर्धारण किया गया है।

      इस सिलसिले में नरसिंहपुर तहसील के अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था सिंहपुर हेतु समिति परिसर सिंहपुर, सेवा सहकारी संस्था धमना हेतु समिति परिसर धमना, सेवा सहकारी संस्था मुंगवानी- पाठापिपरिया हेतु समिति परिसर मुंगवानी, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित नयागांव हेतु समिति परिसर नयागांव, सेवा सहकारी समिति बचई- करहैया हेतु समिति परिसर बचई- करहैया, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मुर्गाखेड़ा हेतु समिति परिसर मुर्गाखेड़ा, वृहत्ता सेवा सहकारी संस्था लोकीपार हेतु समिति परिसर लोकीपार, वृहत्ता सेवा सहकारी संस्था डांगीढाना हेतु समिति परिसर डांगीढाना और वृहत्ता सेवा सहकारी संस्था नरसिंहपुर हेतु समिति परिसर नरसिंहपुर में गेहूं खरीदी पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं।

      करेली तहसील के अंतर्गत वृहत्ता सेवा सहकारी संस्था करेली के अंतर्गत समिति परिसर करेली, आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था कोदसा हेतु समिति परिसर कोदसा, सेवा सहकारी संस्था सुआतला हेतु समिति परिसर सुआतला, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित रामपिपरिया हेतु समिति परिसर रामपिपरिया, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित केरपानी- सरसला हेतु समिति परिसर केरपानी, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित हिरनपुर- बरमान हेतु समिति परिसर हिरनपुर- बरमान, वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था आमगांवबड़ा हेतु समिति परिसर आमगांवबड़ा, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति सगरी हेतु समिति परिसर सगरी, सहकारी विपणन संस्था मर्या. करेली हेतु समिति परिसर करेली और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति बघुवार हेतु समिति परिसर बघुवार में गेहूं खरीदी पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं।

      गोटेगांव तहसील के अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था वेदू हेतु समिति परिसर वेदू, सेवा सहकारी संस्था सूरवारी हेतु समिति परिसर सूरवारी, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित इमलिया- कामती हेतु समिति परिसर इमलिया- कामती, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित मेख हेतु समिति परिसर मेख, सेवा सहकारी समिति मर्या. सिमरीबड़ी हेतु समिति परिसर सिमरीबड़ी, सेवा सहकारी समिति मर्या. उमरिया हेतु समिति परिसर उमरिया, सेवा सहकारी समिति लाठगांव हेतु समिति परिसर लाठगांव, सेवा सहकारी समिति जमुनिया हेतु समिति परिसर जमुनिया, सेवा सहकारी समिति बढैयाखेड़ा हेतु समिति परिसर बढैयाखेड़ा, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति चांदनखेड़ा हेतु समिति परिसर चांदनखेड़ा, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, मगरधा हेतु समिति परिसर मगरधा और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति बरहेटा हेतु समिति परिसर मगरधा में गेहूं खरीदी पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं।

      तेंदूखेड़ा तहसील के अंतर्गत वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था तेंदूखेड़ा हेतु समिति परिसर तेंदूखेड़ा, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित बिलगुवा हेतु समिति परिसर बिलगुवां, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित काचरकोना हेतु समिति परिसर काचरकोना, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित बिल्हेरा हेतु समिति परिसर बिल्हेरा, वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति डोभी हेतु समिति परिसर डोभी में गेहूं खरीदी पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं।

      गाडरवारा तहसील के अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था सिहोरा हेतु समिति परिसर सिहोरा, आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था गोटीटोरिया हेतु समिति परिसर चारगांव (गोटी.), सेवा सहकारी संस्था सीरेगांव हेतु समिति परिसर सीरेगांव, सेवा सहकारी संस्था चीचली हेतु समिति परिसर चीचली, सेवा सहकारी संस्था पचामा हेतु समिति परिसर पचामा, सेवा सहकारी संस्था मारेगांव केन्द्र क्र. 01 हेतु समिति परिसर मारेगांव, सेवा सहकारी संस्था मारेगांव केन्द्र क्र. 02 हेतु समिति परिसर बसुरिया, वृहत्तासेवा सहकारी समिति करपगांव हेतु समिति परिसर करपगांव, सेवा सहकारी समिति खेरूआ हेतु समिति परिसर खेरूआ, सहकारी विपणन संस्था मर्यादित खुलरी हेतु समिति परिसर खुलरी, सहकारी विपणन संस्था मर्यादित गाडरवारा हेतु समिति परिसर गाडरवारा, सहकारी विपणन संस्था मर्यादित चीचली हेतु समिति विपणन परिसर चीचली, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित बोहानी हेतु समिति परिसर बोहानी, प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित चिर्रिया हेतु समिति परिसर र्चिरिया, सेवा सहकारी संस्था कौडिया हेतु समिति परिसर कौडिया, वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था गाडरवारा हेतु समिति परिसर एलएसएस गाडरवारा, सेवा सहकारी समिति सहावन हेतु समिति परिसर सहावन, सेवा सहकारी समिति बाबईकलां हेतु समिति परिसर बाबईकलां, सेवा सहकारी समिति कामती हेतु समिति परिसर कामती, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति हर्रई हेतु समिति परिसर हर्रई, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति सूरना हेतु समिति परिसर सूरना, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति शाहपुर हेतु समिति परिसर शाहपुर, सेवा सहकारी समिति मर्या. डुगरिया हेतु समिति परिसर डुगरिया, सेवा सहकारी समिति सडूमर हेतु समिति परिसर सडूमर में गेहूं खरीदी पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं।

      सांईखेड़ा तहसील अंतर्गत सेवा सहकारी समिति पीपरपानी हेतु समिति परिसर पीपरपानी, सेवा सहकारी समिति नांदनेर हेतु समिति परिसर नांदनेर, सेवा सहकारी संस्था आडे़गांव हेतु समिति परिसर आड़ेगांव, सेवा सहकारी संस्था खुरसीपार हेतु समिति परिसर खुरसीपार, सेवा सहकारी संस्था बनवारी हेतु समिति परिसर बनवारी, सेवा सहकारी संस्था तूमड़ा हेतु समिति परिसर तूमड़ा, सेवा सकारी संस्था रमपुरा हेतु समिति परिसर रमपुरा और सेवा सहकारी संस्था सासबहू हेतु समिति परिसर सासबहु में गेहूं खरीदी पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं।

      उक्त संस्थाएं गेहूं उपार्जन के लिए शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप किसान पंजीयन का कार्य करेंगी तथा किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर आवश्यक व्यवस्थाएं किया जाना सुनिश्चित करेंगी।

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