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May 19, 2024
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जप माला से जुड़े हुए कुछ तथ्य और रहस्य:- दूसरे की माला से जप क्यों नहीं करना चाहिए ,जप माला के साथ न करें ये काम 

जप माला से जुड़े हुए कुछ तथ्य और रहस्य:- दूसरे की माला से जप क्यों नहीं करना चाहिए 

व्यक्ति को अपनी जप माला अलग रखनी चाहिए । दूसरे की माला पर जप नहीं करना चाहिए । जप की माला पर जब एक ही मन्त्र जपा जाता है, तो उसमें उस देवता की प्राण-प्रतिष्ठा हो जाती है, माला चैतन्य हो जाती है।

फिर उस माला पर एक ही मन्त्र का जप किया जाए तो धीरे-धीरे मन्त्र की चैतन्य शक्ति साधक के शरीर में प्रवेश करने लगती है। तब वह माला साधक का कल्याण करने वाली हो जाती है इसलिए अपनी जप माला न किसी दूसरे को देनी चाहिए और न ही किसी दूसरे की माला पर जप करना चाहिए। लेना-देना तो क्या दूसरों को अपनी माला दिखानी भी नहीं चाहिए। माला की पवित्रता की जितनी रक्षा आप करेंगे, उतनी ही पवित्रता आपके जीवन में आयेगी ।

जप माला के साथ न करें ये काम 

माला लोगों को दिखाने की चीज नहीं है बल्कि धन की भांति साधक को इसे गुप्त रखना चाहिए ।

माला की पवित्रता का साधक को पूरा ध्यान रखना चाहिए ।

जप माला को केवल जप की गिनती करने वाला साधन न समझ कर उसका पूरा आदर करना चाहिए।

अशुद्ध अवस्था में उसे नहीं छूना चाहिए ।

बायें हाथ से जप माला का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

माला को पैर तक लटका कर नहीं रखना चाहिए।

माला को जहां कहीं भी ऐसे ही नहीं रखना चाहिए । या तो उसे जपमाली में या किसी डिब्बी में रखकर शुद्ध स्थान पर रखें ।

माला जप करते समय रखें इन बातों का ध्यान ?

जप के लिये माला को हृदय के सामने अनामिका अंगुली पर रखकर अंगूठे से स्पर्श करते हुए मध्यमा अंगुली से फेरना चाहिए । सुमेरु का उल्लंघन न करें, तर्जनी अंगुली न लगायें । सुमेरु के पास से माला को घुमाकर दूसरी बार जपें ।

जप करते समय माला ढकी हुई होनी चाहिए।

जब तक एक माला पूरी न हो, बीच में बोलना नहीं चाहिए, दूसरों की ओर देखना नहीं चाहिए, इशारे नहीं करना चाहिए ।

यदि जप करते समय किसी कारण बीच में उठना पड़े तो माला पूरी करके ही उठना चाहिए और दुबारा जप के लिए बैठना हो तो आचमन करके ही जप शुरु करना चाहिए ।

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