नूतन नव निष्कर्ष सुहाने सपने नवल किशोर, अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा पुलकित विभा विभोर।
नववर्ष गीत शुभआगमन नव वर्ष का है आल्हादित मन मोर। नए वर्ष की भोर सुहानी जीवन नवल प्रभात हो। हर मन में हो नेह समंदर अपनेपन की बात हो। जो बीता है उसको त्यागो मन आगत की ओर हो। नए स्वप्न हों नई उमंगे संकल्पों का जोर हो। ज्ञान मलय......