उड़ गयी गौरैया (अतुकांतिका ) पं सुशील शर्मा
उड़ गयी गौरैया (अतुकांतिका ) आज गौरैया दिवस पर मैंने फिर से दी गौरैया को आवाज़ नहीं बोली घर के आंगन मुंडेरों पर चुपके से फुदक कर निकल गयी पंख फुलाए जैसे गुस्से में बेटी मुँह फुलाए निकल जाती है जब मैं उस पर नहीं देता ध्यान मैंने फिर पुकारा......