35.1 C
Bhopal
April 29, 2024
ADITI NEWS
सामाजिक

गाडरवारा, पदम् श्री विभूषित विजय दत्त श्रीधर के मुख्य आतिथ्य में हुआ डॉ. मंजुला शर्मा की नवीन कृति का भव्य विमोचन

पदम् श्री विभूषित विजय दत्त श्रीधर के मुख्यआतिथ्य में हुआ डॉ. मंजुला शर्मा की नवीन कृति का भव्य विमोचन

गाडरवारा। विगत दिवस साहित्यक संस्था चेतना के तत्वाधान में डॉ. मंजुला शर्मा की तृतीय कृति का विमोचन पदम् श्री विजय दत्त जी श्रीधर के मुख्यआतिथ्य में एवं वरिष्ठ साहित्यकार कुषलेन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में, वरिष्ठ समाजसेवी मिनेद्र डागा और देवरामजानकी मंदिर के महंत बालकदास जी के विषिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती की मूर्ति की पूजन एवं दीपप्रज्ज्चलन के साथ हुआ । करेली से पधारे प्रसिद्ध गायक मुकेष ठाकुर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । मंचासीन अतिथियों का स्वागत संस्था के पदाधिकारियों द्वारा किया गया । चेतना संस्था के संरक्षक मिनेन्द्र डागा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यह क्षेत्र मॉ नर्मदा के अंचल से आच्छादित तो है ही साथ ओषो रजनीष और आषुतोष राणा की भी कर्मभूमि रहा है यह क्षेत्र बहुत उर्जावान क्षेत्र है । तालियों की गड़गड़ाहट के बीच डॉ मंजूला शर्मा की नवीन कृति ‘‘स्वातंत्र्योत्तर साहित्यक विकासः नरसिंहपुर जिले के संदर्भ में’’ का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया । किताब के लेखक डा. मंजुला शर्मा ने कृति के बारे में जानकारी देते हु बताया कि इस कृति मं जिले के उन साहित्यकारों का परिचय है जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है । ज्ञातव्य रहे कि मंजुला की पूर्व में विमोचित कृति में स्वतंत्रता के पहले जन्म साहित्यकारों का परिचय लिखा जा चुका है । उन्होने बताया कि उनके शोध ग्रंथ में इस संबंध में विस्तार से लिखा गया है । इस अवसर पर चेतना संस्था द्वारा मंजुला शर्मा का सम्मान शाल श्रीफल और सम्मानपत्र देकर किया गया । महंत बालकदास जी ने अपने आषीषवचन में कहा कि नरसिंहपुर जिला साहित्य को संरक्षण देता है । यहां निरंतर साहित्य सृजन हो रहा है जो सुखद है । उन्होने कहा कि यहां का धार्मिकता और यहां के साहित्य ने इस क्षेत्र को अलग पहचान दी है । कार्यक्रम के मुख्यअतिथि पदम् श्री विजय दत्त श्रीधर जे ने कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रषंसा करते हुए कहा कि आज के इंरनेट के युग में भी साहित्यक कृतियों का निरंतर प्रकाषन होना बहुत बड़ी उपलब्धि है । आम व्प्यक्ति आज व्यस्त हो चुका है ऐसे में साहित्य के प्रति उनका रूझान बढ़ाया जाना आवष्यक है । उन्होने कहा कि साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखने वाले साहित्यकारों के लिए कार्यषाला का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि वे साहित्य की बारिकियों को समझ सकें । कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार कुषलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि नरसिंहपुर जिले में भक्तिकाल से लेकर आधुनिक काल तक साहित्य का लेखन कार्य चलता रहा है । मौनी महाराज से लेकर श्यामसुन्दर रावतख् गोविन्द अनिल तक साहित्य का सृजन गतिषील रहा है । इस क्षेत्र में गाए जाने वाले पारंपरिक लोकगीत भी साहित्य का ही रूप हैं । उन्होने कहा कि नई पीढ़ी को साहित्य के साथ जोड़े रखना आवष्यक है । उद्बोधन के उपरांत जिलेभर से पधारे साहित्यकारों को सम्मन स्मृति चिन्ह देकर किया गया । उल्लेखनीय है कि विमोचित कृति में वर्तमान में साहित्य सृजन में संलग्न साहित्यकारों का परिचय प्रकाषित हुआ है । इस अवसर पर राज्य षिक्षा संघ, कल्पतरू संस्था सांईखेड़ा, ब्राम्हण महासभा गाडरवारा, सांई श्रद्धा सेवा समिति, स्वंयप्रभा प्रकाषन नरसिंहपुर सहित विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा कृति की लेखिका मंजुला शर्मा का सम्मान भी किया गया । कार्यक्रम का आभार नगेन्द्र त्रिपाठी ने किया और संचालन विजय बेषर्म द्वारा किया गया ।

Aditi News

Related posts