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May 3, 2024
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गाडरवारा के एक्सिस बैंक,बैंक ऑफ बड़ौदा,केनरा बैंक दूसरी माला पर लगा रहे बैंक, बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को हो रही परेशानी,आशीष राय की याचिका पर दिया NHRC का आदेश,8 हप्तो में कार्यवाही करें

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने तीन बैंकों पर कार्यवाही के दिए निर्देश,बैंक की शाखाओ में बुजुर्गो एवं दिव्यांग निति के उल्ल्घन का मामला,समाजसेवी आशीष राय की याचिका पर दिया NHRC ने आदेश,8 हप्तो में कार्यवाही करे- NHRC

गाडरवारा। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विकलांगों और बुजुर्गों को बैरियर फ्री माहौल प्रदान करने के लिए रैम्प बनाने के निर्देश दिए कई साल गुजर गए है। पर वह निर्देश बस कागजों तक सिमट कर रह गए है। कोरोना काल में अपने विभिन्न कामों के लिए बैंकों में जाने वाले विकलांग, मरीजों और बुजुर्गों को और दिनों की अपेक्षा भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। एक तरफ आर्थिक तंगी से परेशान वही इन बैंकों में उतरने चढ़ने की दिक्क्त बस खून के आँसू पीने जैसा समय रहा।
इन्ही में से जिला नरसिंहपुर की तहसील गाडरवारा के एक्सिस बैंक,बैंक ऑफ बड़ौदा,केनरा बैंक जो सारे नियम कानूनों को ठेंगा दिखा रहे हैं। इन तीनों बैंकों पर समाजसेवी आशीष राय की अपील पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मुख्य महाप्रबंधक मुंबई महाराष्ट्र को 8 सप्ताह में उचित कार्यवाही कर अपीलार्थी को सूचित करने के निर्देश दिए है। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भी सभी बैंकों को निर्देश दे रखे हैं कि अपंग, बीमार, वृद्ध और चलने-फिरने में लाचार लोगों की सहायता के लिए सभी बैंकों और उनकी शाखाओं में एक सरल रैम्प बनाया जाना चाहिए ताकि इस प्रकार के लोग रैम्प पर चलकर बैंक और एटीएम में आसानी से प्रवेश कर सकें और ससम्मान अपना काम निपटा सकें। लेकिन इस नियम का इन बैंको में कहीं भी पालन नहीं हो रहा था। बल्कि यह बैंक आपकी असुविधा के लिए खेद है का बोर्ड लगाकर सारे नियम कानूनों को ठेंगा दिखाकर सालों से बैंकों का संचालन कर रहे है। एक्सिस बैंक के रैम्प का पता नहीं साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा एवं केनरा बैंक के भवन तो प्रथम तल पर स्थित है। जिन बैंक में शारीरिक रूप से अक्षम उपभोक्ताओँ के आसानी से प्रवेश के लिए रैम्प एवं लिप्ट नहीं लगाईं गई।
आशीष राय का कहना है कि आरबीआई के निर्देश का कुछ बैंकों ने पालन कर रैम्प बनवाए हैं, उन्होंने भी महज खानापूर्ती ही की है। इनमें से किसी ने भी निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं किया। कहीं पर इतनी पतली जगह पर रैम्प बनाया गया है कि उन पर से पैदल भी चलना दुश्वार है। ऐसे में रैम्प बनाने का कोई फायदा बुजुर्गों और विकलांगों को नहीं मिल रहा। इन पर कार्यवाही के लिए प्रयास जारी है जिसकी उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।

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