सर्दी के मौसम में में गौवंशों को बचाना एक बड़ी चुनौती
दिसंबर महीने में ठंड ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। लोगों ने स्वेटर जैकेट मफलर शाले कंबल रजाई का प्रयोग करना शुरू कर दिया है।अभी आगे ठंड अपना प्रकोप और दिखाएगी। ठंड का मौसम पशुओं खासतौर पर गौमाता के लिए बहुत ही कष्टकारी होता है। ठंड के मौसम में कई गौ पालक अपनी गौ माताओं को शाम को दूध निकालने के बाद बाहर छुट्टा छोड़ देते है। परिणामस्वरूप गौ माताओं को भोजन की तलाश में इधर उधर भटकने के साथ साथ सब्जी मंडी के आसपास भोजन गोभी मूली के पत्ते आदि खाने के लिए भटकना पड़ता है। इसके बाद पूरी रात उन्हें भीषण ठंड में खुले में रात गुजारनी पड़ती है और ठंड के कारण बीमार पड़ जाती है। परिणामस्वरूप कई गौ माताओं को अपनी जान गवानी पड़ती है फिर उनका इलाज गौ सेवको के लिए एक बड़ी चुनौती हो जाता है।