देवी सप्तक
अरूपणी अमर्षणी अघोरनी अखंडनी।
प्रगलभनी प्रबोधनी प्रदर्मनि प्रखंडनी।1
प्रमोदिनी प्रसादनी प्रदर्पनी प्रसारिणी।
सुधर्मनी सुवासिनी सुमुक्त रूप धारिणी।2
प्रवाहनी प्रगाढ़नि प्रदूपनी प्रमुक्तनी।
सुसुप्तनि सुरुपणी सुगल्भनी सुहासिनी।3
दुर्ग दुर्ग दुर्गणी दर्प दर्प तोरणी।
घूर्मणि घमंडनी घनीभूत घोरणी।4
डमड्ड डमड्ड डाकिनी दुर्मणि दुरूपणी।
दुरूह देह रोपणी खेचरी खरूपणी।5
अनादिनी अनंतनी अनूप रूप कामनी।
नित्य नित्य नादिनी दिगंत गंत गामनी।6
गर्ज गर्ज गर्जनी गगन स्वरुप दामनी।
शमन अनंत शांतनी सर्व सिद्धि दायनी।7