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April 30, 2024
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कुंडलपुर में लाखों जनसमूह के बीच हुआ अचार्य पद पदारोहण अनुष्ठानसंघ संचालक मोहन भागवत एवं मुख्यमंत्री मोहन यादव पधारे

जय कुमार जैन,कुंडलपुर 

कुंडलपुर में लाखों जनसमूह के बीच हुआ अचार्य पद पदारोहण अनुष्ठानसंघ संचालक मोहन भागवत एवं मुख्यमंत्री मोहन यादव पधारे

कुंडलपुर दमोह। सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र ,जैन तीर्थ कुंडलपुर में युग श्रेष्ठ संत शिरोमणि आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज की समता पूर्वक समाधि होने के पश्चात रिक्त सिंहासन पर आचार्य पद पदारोहण हेतु अनुष्ठान महोत्सव में लाखों लोगों की उपस्थिति रही। इस भव्य और दिव्य कार्यक्रम में देश-विदेश से जुटे श्रद्धालु भक्तों के बीच आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम शिष्य ज्येष्ठ श्रेष्ठ निर्यापक श्रमण मुनि श्री समय सागर जी महाराज को आचार्य पद पर प्रतिष्ठित कर आचार्य सिंहासन पर विराजमान किया गया। विराजमान करने के पूर्व संघ संचालक डॉ मोहन भागवत ,मंत्री प्रहलाद पटेल अशोक पाटनी द्वारा सिंहासन का लोकार्पण किया गया ।वहीं डॉक्टर मोहन भागवत ,मंत्री प्रहलाद पटेल, नवीन जैन सांसद के साथ सभी श्रावक श्रेष्ठि ,जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष एवं उपस्थित भारी जनसमूह ने आचार्य पद पर विराजमान होने के लिए मुनि श्री से निवेदन किया।ंं संपूर्ण मुनि संघ मुनि श्री समय सागर जी को लेकर आया और सिंहासन पर विराजमान कराया। शंखनाद हुआ और शास्त्रोक्त विधि पूर्वक मंत्रो के साथ कलश स्थापना हुई ।आचार्य श्री की महान कृति धीरोदय काव्य संग्रह सहित अन्य पत्रिकाओं का विमोचन डॉक्टर मोहन भागवत ने किया । मीडिया प्रभारी जयकुमार जैन जलज ने बताया इस अवसर पर मंगलाचरण की प्रस्तुति सुषमा दीदी ने की।ध्वजारोहण कंवर लाल सुरेश अशोक विमल पाटनी किशनगढ़ द्वारा किया गया। आचार्य श्री विद्यासागर मंडपम पंडाल का उद्घाटन प्रदीप नवीन चक्रेश जैन पीएनसी परिवार द्वारा किया गया ।अतिथियों द्वारा कुंडलपुर के बड़े बाबा ,आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र का अनावरण किया एवं दीप प्रज्वलित किया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर मोहन भागवत ने अतिथि उद्बोधन में कहा यहां उमड़ पड़ा जनसमूह सबको प्रणाम। मैंने आचार्य श्री विद्यासागर जी के दर्शन पहली बार जबलपुर दयोदय में किए ।आध्यात्मिक का परिचय तो था नहीं भय था कैसे मिलेंगे ।अपने देश की विशेष संस्कृति है वही जान सकता है जो आध्यात्मिक का साधक हो आचार्य श्री आध्यात्मिक साधक थे । स्वयं के बल पर थे संपूर्ण भारत को एकाकार किया हम एक कैसे हैं इसे जानने स्व को जानना चाहिए ।आचार्य श्री कहते थे भारत को भारत कहो इंडिया नहीं कहे ।अभी डोंगरगढ़ में आखिरी बार आचार्य श्री से मिला। उन्होंने पते की बात कही की जंगलों में बसने वाले बहुत अच्छे कारीगर हैं इस दिशा में कार्य होने चाहिए।वे अजातशत्रु थे ईश्वर की मंडली हमको मिलती रहे विद्यासागर जी उसे मंडली के थे ।आंखों के सामने वैसा ही आचार्य चाहिए आप सबने पूज्य मुनिश्री समय सागर जी को चुना है। उनके प्रति प्रणाम अर्पण करता हूं ।कार्यक्रम का संचालन मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने किया। इस अवसर पर निर्यापक मुनि श्री योग सागर जी महाराज ,निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज, मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री संभव सागर जी महाराज ने मंगल प्रवचन दिए ।इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी ने अपने उद्बोधन में कहा आचार्य समय सागर जी महाराज का यह पदारोहण महोत्सव में परमात्मा ने ये क्षण देकर जीवन को धन्य कर दिया। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का आशीर्वाद नेमावर में मिला था। वह देवत्व को धारण कर गए । मैंने खुले में मांस मछली का विक्रय प्रतिबंधित किया है उसका शक्ति से पालन भी मैंने कराया है। सागर में आयुर्वेदिक कॉलेज का नाम आचार्य श्री विद्यासागर के नाम पर किया गया है। उन्होंने कहा भावी पीढ़ी को उस लायक बनाया जाए जिससे भारतीय संस्कृति गौरवान्वित हो सके। आचार्य श्री समय सागर जी महाराज का आशीर्वाद सदैव मिलता रहेगा सरकार को एवं प्रदेशवासियों को। इस अवसर पर नव आचार्य श्री समय सागर जी महाराज ने अपनी प्रथम देशना दी। अभिनव आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन अशोक पाटनी परिवार द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट किए गए।

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