मीडिया पर भ्रामक खबरों / पोस्टों के विरुद्ध होगी सख्त दंडात्मक कार्रवाई
विधानसभा निवार्चन- 2023 की आचार संहिता प्रभावशील है। ऐसे में किसी भी शासकीय विभाग या निजी संपत्ति पर बिना अनुमति किसी व्यक्ति विशेष चाहे वह राजनीतिक दल हो या सरकारी महकमा, उसके समर्थन में भ्रामक खबरें या पोस्ट प्रसारित न की जाए। यह आदेश आम नागरिकों, मतदाताओं पर भी लागू है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किसी तरह के विज्ञापन या समर्थन आदि के प्रकाशन के पूर्व मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी की अनुमति प्राप्त करना जरूरी होगा। यदि कोई प्रकाशन भ्रामक पाया जाता है तो संबंधितों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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