स्वार्थपूर्ण हैं संसार के सम्बन्ध शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती
स्वार्थपूर्ण हैं संसार के सम्बन्ध शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती संसार में जितने भी प्रकार के सम्बन्ध हमें अपने आस-पास दिखाई देते हैं वे सब स्वार्थ से परिपूर्ण होते हैं। जब तक मतलब रहता है तब तक लोग आपसे व्यवहार करते हैं पर जैसे ही काम निकला वैसे ही सब सम्बन्ध निर्वाह......